मध्यप्रदेश में जघन्य एवं सनसनीखेज गंभीर अपराधों के प्रकरणों में स्क्रूटनी अनिवार्य
स्क्रूटनी के अभाव में दोषमुक्त हो गए गंभीर अपराध के आरोपी
गृह विभाग के जारी किए निर्देश
हरमुद्दा
भोपाल, 16 फरवरी। चिह्नित जघन्य व सनसनीखेज गंभीर अपराधों के प्रकरणों की स्क्रूटनी नहीं करवाई गई। इस कारण वे दोषमुक्त हो गए। यह स्थिति ठीक नहीं है। इसलिए ऐसे सभी प्रकरणों में स्क्रुटनी अनिवार्य रूप से करवाना जरूरी है।
जिला अभियोजन कार्यालय भोपाल जनसंपर्क अधिकारी मनोज त्रिपाठी ने बताया हरमुद्दा को कि गत दिनों समीक्षा बैठक हुई थी जिसमें दोषमुक्त हुए चिह्नित प्रकरणों में से रेन्डम आधार पर संचालक लोक अभियोजन, अतिरिक्त पुलिस (अपराध अनुसंधान विभाग), अपर सचिव विधि जिला दण्डाधिकारी, पुलिस अधीक्षक एवं जिला लोक अभियोजन अधिकारी के साथ विस्तृत समीक्षा बैठक हुई। बैठक में चयनित 10 प्रकरणों की वीडियो कॉन्फ्रेन्स में पाया गया कि 9 प्रकरणों में स्क्रूटनी नहीं करवाई गई थी इसके चलते आरोपी दोषमुक्त हो गए। यह स्थिति ठीक नहीं है।
इनके भी है आदेश 7 साल पहले के
इस संबंध में पुलिस रेग्यूलेशन के ‘पैरा 518’ एवं ‘ 775 क’ के प्रावधानों के अलावा, उच्चतम न्यायालय द्वारा गुजरात राज्य विरूद्ध किशन भाई आपराधिक अपील क्रमांक 1485/08 निर्णय 07 जनवरी 2014 के पैरा 19 में सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस आशय के निर्देश दिए हैं कि आपराधिक प्रकरण में विचारण न्यायालय के समक्ष ले जाने से पूर्व ही अभियोजन से स्वतंत्र समीक्षा करवानी चाहिए।
गंभीर अपराधों के प्रकरणों में पालन बहुत आवश्यक
पुलिस रेग्युलेशन के उपरोक्त प्रावधान एवं उच्चतम न्यायालय के उपरोक्त आदेश के क्रम में चिह्नित जघन्य व सनसनीखेज गंभीर अपराधों के प्रकरणों में आवश्यक रूप से पालन सुनिश्चित कराया जाए। इस संबंध में गृह विभाग मप्र द्वारा आदेश जारी किए गए जिनकी प्रति पुलिस महानिदेशक मप्र, पुलिस मुख्यालय भोपाल, संचालक लोक अभियोजन मप्र भोपाल, प्रमुख सचिव मप्र, शासन विधि एवं विधायी कार्य विभाग, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अपराध अनुसंधान विभाग पुलिस मुख्यालय को भेजी है।