एशिया के सबसे बड़े बायो सीएनजी प्लांट गोबर-धन का वर्चुअल तरीके से लोकार्पण किया प्रधानमंत्री ने

 समय के साथ इंदौर बदला लेकिन देवी अहिल्या की प्रेरणा को इसने कभी खोने नहीं दिया

 अब इंदौर का नाम आते ही मन में आता है स्वच्छता, नागरिक कर्तव्य

हरमुद्दा
दिल्ली/इंदौर, 19 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार दोपहर 1.20 बजे रिमोट का बटन दबाकर इंदौर में बने एशिया के सबसे बड़े बायो सीएनजी प्लांट गोबर-धन का वर्चुअल तरीके से लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम जब छोटे थे तो इंदौर का नाम आते ही सबसे पहले देवी अहिल्या बाई होलकर और उनके सेवा भाव का ध्यान जरूर आता है। समय के साथ इंदौर बदला लेकिन देवी अहिल्या की प्रेरणा को इसने कभी खोने नहीं दिया। अब इंदौर का नाम आते ही मन में आता है स्वच्छता, नागरिक कर्तव्य। जितने अच्छे इंदौर के लोग हैं उतना ही अच्छा अपने शहर को भी बना दिया है। आज का दिन इंदौर के अभियान को नई ताकत देने वाला है। आज शहर को बायो सीएनजी का जो प्लांट मिला है, इसके लिए आप सभी को बधाई। मैं सीएम शिवराज और उनकी टीम की बहुत प्रशंसा करूंगा जिन्होंने इस काम को पूरा किया। ताई सुमित्रा महाजन वर्तमान सांसद शंकर लालवानी को भी बधाई। काशी विश्वनाथ धाम में देवी अहिल्याबाई होलकर जी की बहुत ही सुंदर प्रतिमा रखी गई है। इंदौर के लोग काशी विश्वनाथ मंदिर दर्शन करने जाएंगे तो वहां उन्हें देवी अहिल्याबाई के दर्शन भी करने को मिलेंगे।

इंदौर एकमात्र ऐसा शहर है जो अलग करता है 6 तरह के कचरे को

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपने संबोधन में कहा, इंदौर के लोगो को बधाई देता हूं। इंदौर एकमात्र ऐसा शहर है जो 6 तरह के कचरे को अलग करता है। 20 से ज्यादा बाजार जीरो वेस्ट बने है, 3 हजार बेकलेन बनी जहां बच्चे खेलते है। इंदौर में मैं भी झोलाधारी इंदौर चलाया जा रहा है। यहां नदियों को पुर्नजीवित किया जा रहा है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्र को भोपाल, जबलपुर और रीवा भी इसी ओर बढ़ रहे हैं। इस प्लांट में गीले कचरे से खाद बनाई जाएगी। इस प्लांट में बैक्टीरिया तैयार करने में गोबर का इस्तेमाल करेंगे, किसानों से गोबर खरीदा जाएगा। प्लांट में सौर उर्जा का उपयोग करेगा। इस तरह आम के आम गुठलियों के दाम की कहानी को चरितार्थ करता है यह प्रोजेक्ट। ऊर्जा साक्षरता का अभियान प्रदेश में चला रहे है, ताकि ऊर्जा को बचाने के साथ निर्माण भी हो।

इंदौर शहर में कही गंदगी नहीं दिखी : पूरी

कार्यक्रम से वर्चुअली जुडे केंद्रीय मंत्री हरदीपसिंह पुरी ने 4 साल पहले इंदौर में हुए 3 आर कांफ्रेंस का किस्सा सुनाया( बोले उस समय जापान के डेलीगेट ने कहा कि इंदौर शहर में कही गंदगी नहीं दिखी। इंदौर देश का पहला शहर था जिसे वाटर प्लस का तमगा मिला।

लगातार पांच बार नंबर वन आना बहुत बड़ी बात : सांसद लालवानी

कार्यक्रम की शुरुआत में सांसद शंकर लालवानी ने अपने संबोधन में कहा कि पांचवी पर देश का सबसे स्वच्छ शहर का अवार्ड इंदौर को मिलने पर राष्ट्रपति ने कहा कि लगातार पांच बार नंबर वन आना बहुत बड़ी बात है। उन्होंने यहां कि यह बायो सीएनजी प्लांट एशिया ही नहीं विश्व का सबसे बड़ा कचरे से सीएनजी बनाने का प्लांट होने जा रहा है। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की कर्मठता है। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्र ने कहा हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बार मंदिर जाते हुए सफाई के लिए झाड़ू उठाई तो वह स्वच्छता की रैंकिंग बन गई। मोदीजी के आने के बाद आम जनता में राजनेताओं के प्रति घटता सम्मान बढ़ा है।

स्वच्छता के नवाचार

स्वच्छता के नवाचारों से ही इंदौर ने विगत पांच वर्षो से स्वच्छ सर्वेक्षण में नंबर 1 का ताज पहन रखा है। इंदौर  शहर में तैयार हुए एशिया के सबसे बड़े बायो सीएनजी प्लांट का लोकापर्ण स्वच्छता के नवाचारों में एक मील का पत्थर साबित होगा। ट्रेचिंग ग्राउंड में 550 टन गीले कचरे से 17500 किलो बायो सीएनजी तैयार करने वाले ‘गोवर्धन बायो सीएनजी प्लांट’ का शुभारंभ हो गया है। इस प्लांट के माध्यम से एक साल में 1 लाख 30 हजार टन कार्बन डाइ आक्साइड के उत्सर्जन को कम किया जा सकेगा। राज्यपाल मंगुभाई पटेल और सीएम शिवराज सिंह चौहान कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़े, सांसद शंकर लालवानी, जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, नगरीय प्रशासन राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया सहित गणमान्य नागरिक और अधिकारी उपस्थित हैं।

विश्व बायोगैस फोरम से करवाया जाएगा प्रमाणीकरण

इंदौर में तैयार हुए 550 टन क्षमता वाले इस बायो सीएनजी प्लांट को फिलहाल एशिया का सबसे बड़ा प्लांट कहा जा रहा है। अभी जर्मन में ही इस तरह बायोगैस प्लांट होने का दावा किया जा रहा है। विश्व बायोगैस फोरम के माध्यम से इस प्लांट का प्रमाणिकरण करवाया जाएगा। इसके पश्चात यह संभावना जताई जा रही है कि यह प्लांट विश्व का सबसे अधिक क्षमता वाला बायो सीएनजी प्लांट हो सकता है।

गीले कचरे का उपयोग कर बनाएंगे बिजली

जर्मनी में 12 डाइजेस्टर के माध्यम से गीले कचरे का उपयोग कर बिजली बनाई जाती है। भारतीय बायो गैस संस्थान के अध्यक्ष गौरव कुमार केडिया के मुताबिक इंदौर में गीले व सूखे को अलग-अलग किया जा रहा है। यही वजह है कि वैज्ञानिक तरीके से इसका निराकरण कर गैस व खाद बनाई जा रही है। इंदौर ने तकनीकी, सामाजिक व आर्थिक तरीके को सही उपयोग कर इस प्लांट को देश के अन्य शहरों के लिए उदाहरण के रुप में प्रस्तुत किया है। देश के अन्य शहर भी इस तरह का प्लांट अपने शहरों में तैयार कर पाएंगे।

बायो सीएनजी प्लांट: एक नजर

-550 टन गीले कचरे से 17500 किलो बायो सीएनजी तैयार

-अगस्त 2020 में शुरु हुआ था निर्माण

-150 करोड़ रुपये हुए खर्च

-100 टन प्रतिदिन खाद तैयार होगी

-15 एकड़ में बना हुआ प्लांट

600 टन प्रतिदिन गीले कचरे की कटाई कर सीएनजी बनाने के लिए स्लरी तैयार की जाएगी।

– 4 डाइजेस्ट में स्लरी को डाला जाएगा जिससे बायोगैस तैयार होगी। अभी 250 टन क्षमता के दो डाइजेस्टर में गीला कचरा डालकर बायो सीएनजी गैस तैयार की जा रही। अन्य दो डाइजेस्टर में कल्चर तैयार होग रहा है, इसमें मार्च माह के शुरुआत में गीला कचरा डाल बायो सीएनजी का उत्पादन शुरु किया जाएगा।

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