जिंदगी से संघर्ष करते हारा मासूम : सारी कोशिशें हो गई नाकाम, नहीं बचा पाए मासूम गौरव की जान

 18 घंटे से चल रही थी मशक्कत बचाने की

 मासूम को निकाल कर ले गए बरही हॉस्पिटल

 चिकित्सकों ने जांच के उपरांत किया मृत घोषित

हरमुद्दा
उमरिया, 25 फरवरी। बोरवेल में गिरा नन्हा मासूम जीवन के लिए संघर्ष करता रहा लेकिन रेस्क्यू दल की सारी कोशिशें नाकाम हो गई। आखिरकार गौरव की जान नहीं बचा पाई। इसका टीम सदस्य को मलाल है। पुलिस और जिला प्रशासन भी मासूम की जान नहीं बचाने पर दुखी है।

जिले के बड़छड़ गांव में बोरवेल में गिरे 4 साल के मासूम को 18 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद शुक्रवार सुबह 4 बेज बोरवेल से निकाला गया। लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। मासूम बच्चे गौरव द्विवेदी को एनडीआरएफ के रेस्क्यू ऑपरेशन में बोरवेल के समानान्तर 28 फ़ीट का गड्ढा बनाने के बाद टनल बनाकर मासूम को निकाला। उसको लाइफ सपोर्ट सिस्टम के माध्यम से नजदीकी सामुदायिक स्वाथ्य केंद्र बरही ले जाया गया, जहां चिकित्सको ने उसे मृत घोषित कर दिया।

मौके पर रहे मुस्तैद

उल्लेखनीय है कि पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक शहडोल जोन दिनेश चंद्र सागर,कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव एवं एसपी प्रमोद सिन्हा के साथ स्वास्थ्य जिला एवं पुलिस प्रशासन की मौके पर डटी रही।

बोरवेल में सर के बल गिरा गौरव

मीडिया से बात करते हुए बरही सामुदायिक स्वाथ्य केंद्र के चिकित्सकों ने बताया कि गौरव की मौत बोरबेल में गिरने से पांच से छह घंटे के भीतर हो गई थी। चूंकि गौरव बोरवेल में सर के बल ही गिरा था इसलिए बोरबेल में भरे पानी मे डूबने के बाद भी गौरव जीवन और मौत के बीच लगातार 10 घण्टे तक संघर्ष करने के बाद गौरव जिंदगी से जंग हार गया।

गृहमंत्री ने भी की प्रार्थना

गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा

रेस्क्यू ऑपरेशन ले दौरान सैकड़ों की संख्या ग्रामीण मौजूद रहे। वहीं प्रदेश सरकार के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा सहित हर किसी ने गौरव के बोरवेल से सुरक्षित निकल आने की कामना की मगर लोगों की मनोकामना पूर्ण नहीं हो सकी।

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