यूक्रेन पर रूस का हमला : UNSC में रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पर हुई वोटिंग, भारत, चीन और यूएई ने वोटिंग में नहीं लिया हिस्सा
UNSC में यूक्रेन पर हमले में भारत-चीन ने बनाई दूरी
पुतिन के फैसले की निंदा
हरमुद्दा
शनिवार, 26 फरवरी। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन पर (Russia Ukraine war UNSC) हमले के खिलाफ पेश किए गए प्रस्ताव के समर्थन में 15 में से 11 सदस्य देशों ने वोट किया, लेकिन रूस ने वीटो का इस्तेमाल करते हुए प्रस्ताव को रोक दिया। उधर, भारत, चीन और यूएई ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शुक्रवार को यूक्रेन पर रूसी हमले को रोकने और सेना को वापस बुलाने के प्रस्ताव पर मतदान हुआ। इस दौरान रूस ने प्रस्ताव पर वीटो किया। सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्यों में रूस भी शामिल है। उधर, भारत, चीन और यूएई ने हमले की निंदा करते मतदान में हिस्सा नहीं लिया।
15 में से 11 ने किया वोट
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन पर हमले के खिलाफ पेश किए गए प्रस्ताव के समर्थन में 15 में से 11 सदस्य देशों ने वोट किया, वहीं रूस ने इस प्रस्ताव के खिलाफ वीटो का इस्तेमाल किया। ये पहले से तय माना जा रहा था कि रूस प्रस्ताव को खारिज करने के लिए वीटो का इस्तेमाल कर सकता है। उधर, भारत, चीन और यूएई ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। वहीं पश्चिमी देशों ने कहा कि ये प्रस्ताव यूक्रेन के खिलाफ आक्रमण और कार्रवाई के लिए वैश्विक मंच पर रूस को अलग थलग दिखाने का प्रयास है।
हमले का तीसरा दिन
यूक्रेन पर रूस के हमले का आज तीसरा दिन है। राजधानी कीव समेत यूक्रेन के सभी अहम शहरों में लगातार धमाके हो रहे हैं। इस बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास किया गया। उस प्रस्ताव को रूस ने वीटो (Veto) कर दिया है, जिसमें यूक्रेन पर आक्रमण की निंदा की गई थी। इस प्रस्ताव के पक्ष में 11 और विपक्ष में 1 वोट पड़ा। खास बात ये है कि भारत, चीन और UAE ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।
बातचीत के जरिए समाधान निकालने पर जोर
भारत ने यूक्रेन पर हमले की निंदा तो की है लेकिन बातचीत के जरिए समाधान निकालने पर जोर देते हुए निंदा प्रस्ताव पर वोट नहीं दिया। परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में रूस की वीटो शक्ति के कारण उसके खिलाफ UNSC का यह प्रस्ताव विफल रहा। यूएन में रूस की राजदूत वैसिली नेबेंजिया ने इस प्रस्ताव का समर्थन नहीं करने वाले देशों का धन्यवाद दिया है। उन्होंने वोट के बाद कहा, ‘आपका मसौदा प्रस्ताव इस यूक्रेनी शतरंज पर क्रूर और अमानवीय कदम के अलावा कुछ नहीं है।’
आवाज पर नहीं लगा सकते वीटो
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने वोटिंग के बाद कहा, ‘मैं एक बात स्पष्ट कर दूं। रूस, आप इस प्रस्ताव पर वीटो लगा सकते हैं, लेकिन आप हमारी आवाज़ पर वीटो नहीं लगा सकते। आप सच्चाई को वीटो नहीं कर सकते, आप हमारे सिद्धांतों को वीटो नहीं कर सकते, आप यूक्रेनी लोगों को वीटो नहीं कर सकते। हम हम यूक्रेन और उसके लोगों के पीछे एकजुट खड़े हैं।’
निंदा प्रस्ताव पर भारत का स्टैंड?
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के निंदा प्रस्ताव पर भारत के स्टैंड को लेकर भी काफी कयास लगाए जा रहे थे। वोटिंग के साथ इसका भी पटाक्षेप हो गया। भारत इससे खुद को दूर रखा। इसका अलावा चीन और यूएई ने भी परहेज किया।
पुतिन के फैसले की निंदा
परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में रूस की वीटो शक्ति के कारण निंदा प्रस्ताव पास नहीं हो सका। इसके बावजूद, यूएनएससी में बहस के दौरान रूस के द्वारा पड़ोसी यूक्रेन के खिलाफ सैन्य आक्रमण शुरू करने के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के फैसले की निंदा की गई।