मध्यप्रदेश विधानसभा में बजट सत्र शुरू : राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार करने वाले कार्यकारी अध्यक्ष पटवारी पड़े अलग-थलग, होगी कार्रवाई

 नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा यह पार्टी का फैसला नहीं

 नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ के बयान की मुख्यमंत्री ने की तारीफ

 विधानसभा अध्यक्ष ने कहा परीक्षण कर होगी कार्रवाई

हरमुद्दा
भोपाल, 7 मार्च। सोमवार को बजट सत्र शुरू होने से पहले सोशल मीडिया पर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष व पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने राज्यपाल के अभिभाषण के बहिष्कार की बात कही थी। मामले में संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सदन में आपत्ति दर्ज कराई। पूछा- आखिर पटवारी को अभिभाषण कैसे मिला? नेता प्रतिपक्ष को ज‌वाब देना चाहिए। कमलनाथ ने उनकी आपत्ति का समर्थन किया और कहा अभिभाषण का बहिष्कार पार्टी का फैसला नहीं है। उन्होंने कहा कि कोई भी सदन हो, उसकी गरिमा बनी रहनी चाहिए। कमलनाथ के इस बयान पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनकी तारीफ की। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा, पटवारी ने सदन की अवमानना की है। यह मामला फ्लोर में आ चुका है। इसका परीक्षण करके आगे की कार्रवाई की जाएगी।

15वीं विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो गया। पहले दिन सोमवार को राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण से सदन की कार्रवाई पूरी हुई। यह सत्र 25 मार्च तक चलेगा। शिवराज सरकार वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट 9 मार्च को पेश करेगी।

सस्ती पब्लिसिटी में पटवारी का प्रपोगैंडा : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जीतू पटवारी को लेकर कहा- मीडिया में आने के लिए, अलग दिखने के लिए, सस्ती पब्लिसिटी के प्रपोगैंडा के लिए ट्वीट से बहिष्कार हो रहा है। मैं आभारी हूं और धन्यवाद देता हूं नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ को, जिन्होंने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर यह कहा कि यह गलत परंपरा है। मामले में आसंदी फैसला लेगी, कदम उठाएगी।

आमजन से जुड़े मुद्दों पर सार्थक चर्चा के लिए बढ़ाएं सत्र अवधि : कमलनाथ

नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ

कमलनाथ ने मुख्यमंत्री चौहान को पत्र लिखकर विधानसभा के बजट सत्र की अवधि 31 मार्च तक बढ़ाने की मांग की है। उनका कहना है कि बजट सत्र की अवधि काफी कम है। इसे बढ़ाया जाना चाहिए, ताकि आमजन से जुड़े मुद्दों पर सार्थक चर्चा हो सके।

ऑडियंस गैलरी खोली इस बार

इस बार सत्र में ऑडियंस गैलरी खुली हैं। कोरोना की वजह से लगी पाबंदी हटने के बाद यह निर्णय लिया गया। हालांकि, एंट्री सीमित संख्या में ही दी गई है। राज्यपाल के अभिभाषण से पहले विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कार्य मंत्रणा समिति की बैठक ली। इसमें उन विषयों पर चर्चा की गई, जिन पर सदन में चर्चा कराई जानी है। इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ सहित अन्य सदस्य मौजूद रहें।

जीतू पटवारी ने दर्ज कराया विरोध

प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी

इससे पहले पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने विरोध दर्ज कराते हुए अभिभाषण बहिष्कार करने की घोषणा कर दी। पटवारी ने कहा कि यह अभिभाषण कैसे सुना जा सकता है। मध्यप्रदेश ने गायों की हत्या के मामले में विश्व में नाम कर दिया। इस सरकार में लोकतंत्र की हत्या की गई। सरकार ने पंचायत चुनाव, स्थानीय निकाय के चुनाव नहीं कराए। प्रदेश 3 लाख करोड़ से ज्यादा के कर्जे में है। हर व्यक्ति पर करीब 50 हजार रुपए का कर्ज है।

कर्जा खा गए किसानों का

पटवारी ने आरोप लगाए कि किसानों का कर्जा खा गए, किसानों के बीमा में अनियमितता और गबन हो गया। मप्र में 3 हजार 500 नई शराब की दुकानें खोल दीं। सरकार से सवाल नहीं पूछ सकते, रोजगार की बात नहीं कर सकते। शराबी बनो और मस्त रहो। हर घर में शराब रखो। ऐसा प्रदेश का मुख्यमंत्री दूसरा नहीं देखा। ऐसे मुख्यमंत्री की सरकार का अभिभाषण कैसे सुना जा सकता है।

राज्यपाल के अभिभाषण की प्रमुख बातें

प्रदेश की तस्वीर और तकदीर बदलने का समय

राज्यपाल मंगू भाई पटेल

सभी के आत्मनिर्भर भारत का उदय हो रहा है। सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास ही भारत मंत्र बन गया है। सरकार राज्य के साढ़े 8 करोड़ नागरिकों के सहयोग से आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के संकल्प के लिए कार्य कर रही है।

 मध्यप्रदेश तेजी से आत्मविश्वासी और आत्मनिर्भर राज्य के रूप में उभरा है। सड़क गुणवत्ता में मध्यप्रदेश पहले स्थान पर है। सड़कों की लंबाई में देश के प्रथम 7 राज्यों में शामिल है।
‘ऐसा चाहूं राज मैं, जहां मिले सबन को अन्न, छोट-बड़ा सब संग बसे, रैदास रहे प्रसन्न। संत शिरोमणि रविदास जी की पंक्तियों को चरितार्थ करते हुए सरकार जनकल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।

 सुशासन हमारा साधन है, स्वराज्य साध्य। अगर इरादों में नेकी और ईमानदारी हो। जनता की भागीदारी हो तो रामराज्य की परिकल्पना धरती पर उतरते देर नहीं लगी। सरकार इसी पर काम कर रही है।

 यह प्रदेश की तस्वीर और तकदीर बदलने का समय है। सरकार प्रदेश के विकास और उन्नति के लिए निरंतर कार्य कर रही है।

 गौरवशाली और वैभवशाली भारत के निर्माण में मध्यप्रदेश अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देगा, वह दिन दूर नहीं।

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