संवेदनहीन सरकार, सिस्टम और समाज : बीमार मां को खाट पर ले गई अस्पताल और शव को लाई फिर खाट पर, ना मिली एंबुलेंस और ना ही शव वाहन
🔲 घंटों इंतजार के बाद भी नहीं आई एंबुलेंस
🔲 मौत के बाद शव वाहन भी नहीं मिला
🔲 सिस्टम को दिखाने के लिए वीडियो बनाया जरूर
🔲 मदद को कोई नहीं आया आगे
हरमुद्दा
रीवा, 30 मार्च। बुजुर्ग मां बीमार हुई तो बेटियों ने एंबुलेंस को फोन किया घंटों इंतजार के बाद जब नहीं आई तो तय किया कि मां को खाट पर अस्पताल ले जाएं काफी मशक्कत के बाद जब वे अस्पताल पहुंची तो चिकित्सक में नवजात टटोलते ही कह दिया अब नहीं रही। यह खबर सुनकर चारों बेटियां हैरान परेशान हो गई। एंबुलेंस नहीं आने का तो मलाल था कि मगर अब शव वाहन नहीं मिलने की भी समस्या थी प्रयास निरर्थक साबित हो गया और जिस तरह से मां को उपचार के लिए लाए थे। उसी मां का शव काफी मशक्कत के बाद घर ले गए।
यह संवेदनहीनता का मामला रीवा के महसुआ गांव में हुआ। बुजुर्ग महिला मोलिया केवट (80) की तबीयत खराब होने पर चारों बेटी आई थी। एंबुलेंस के लिए फोन किया लेकिन नहीं आई। मां को खाट पर डालकर काफी मशक्कत के बाद 5 किलोमीटर दूर रायपुर कर्चुलियान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ले गई। डॉक्टर ने परीक्षण कर मृत घोषित कर दिया। मां के शव को ले जाने के लिए शव वाहन के लिए निवेदन किया लेकिन बेटियों को यहां से भी सहयोग नहीं मिला। जिस तरह से चारों बेटियां मां को लेकर आई थी वैसे ही लेकर जाने को मजबूर हुई। रास्ते में थाना भी आया। किसी ने भी मदद के लिए हाथ नहीं बढ़ाया। सभी संवेदनहीनता का परिचय देते हुए तमाशबीन बने रहे। कुछ लोगों ने जरूर वीडियो बनाया और संवेदनहीन सरकार, सिस्टम और समाज को झकझोर दिया।