संयम का सफर : सम्मान एवं भक्ति का भव्य आयोजन आज शाम को, बुधवार सुबह जैन भगवती दीक्षा अंगीकार करेंगे मुमुक्षु शांतिलाल गांधी और कु ज्योति चौहान
⚫ मंगलवार को निकलेगा वर्षीदान वरघोडा
⚫ केशरिया-केशरिया के उदघोष से गूंजा स्थानक
हरमुद्दा
रतलाम,05 अप्रैल। मालव केसरी प्रसिद्ध वक्ता पूज्य गुरुदेव सौभाग्यमल जी मसा के सुशिष्य श्रमण संघीय प्रवर्तक पंडित रत्न पूज्य श्री प्रकाश मुनिजी मसा निर्भय के मुखारविंद से मुमुक्षु शांतिलाल गांधी एवं कु ज्योति चौहान 6 अप्रैल को जैन भागवती दीक्षा अंगीकार करेंगे। इसके साथ ही पांच दिवसीय श्री सौभाग्य अणु प्रकाश दीक्षा महोत्सव का समापन हो जाएगा। दीक्षा महोत्सव के तहत 5 अप्रैल को नगर में दीक्षार्थियों का भव्य वर्षीदान वरघोडा निकाला जाएगा। सम्मान एवं भक्ति का भव्य आयोजन मंगलवार शाम को होगा।
श्री सौभाग्य अणु प्रकाश दीक्षा महोत्सव समिति के संयोजक संदीप चौरड़िया एवं रखब चत्तर नेे बताया कि श्री धर्मदास जैन मित्र मंडल ट्रस्ट, श्री सौभाग्य तीर्थ ट्रस्ट, श्री सौभाग्य जैन नवयुवक मंडल , श्री सौभाग्य प्रकाश युवक मंडल, श्री सौभाग्य जैन महिला मंडल, श्री सौभाग्य अणु बहु मंडल एवं श्री सौभाग्य प्रकाश बालिका मंडल के तत्वावधान में होगा। वरघोडें में महाराष्ट्र सौरभ उप प्रवर्तनी, श्री सुमनप्रभाजी मसा, की निश्रा में अध्ययनरत मुमुक्षु जलगांव निवासी कु दीक्षा-रविन्द्र भंसाली एवं पूणे निवासी अंकिता-सुनील लुणिया भी शामिल होंगे।
सम्मान एवं भक्ति का भव्य आयोजन आज शाम को
वर्षीदान वरघोडा हनुमान रूण्डी से आरंभ होकर नगर के प्रमुख मार्गों से होता हुआ नोलाईपुरा स्थित श्री धर्मदास जैन मित्र मंडल स्थानक पर धर्मसभा में परिवर्तित होगा। 5 अप्रैल को शाम 7 बजे हनुमान रूण्डी में दीक्षार्थी सम्मान एवं भक्ति का भव्य आयोजन भी किया जाएगा। मुमुक्षुगण को प्रवर्तकश्री 6 अप्रैल को सुबह 10 बजे सागोद रोड स्थित श्री सौभाग्य तीर्थ में दीक्षा प्रदान करेंगे। इससे पूर्व सुबह 8 बजे जैन दिवाकर स्मारक महाभिनिष्क्रमण यात्रा निकाली जाएगी। दीक्षा महोत्सव में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान सहित दूेश के कई हिस्सों के गुरूभक्त शामिल होंगे।
दूसरो को देखने की दृष्टि संसार, अपने को देखने की दृष्टि संयम-प्रवर्तकश्री
श्रमण संघीय प्रवर्तक श्री प्रकाश मुनिजी मसा ने नोलाईपुरा स्थित श्री धर्मदास जैन मित्र मंडल स्थानक में व्याख्यान देते हुए कहा कि संयम लेने का मतलब दृष्टि का परिवर्तन होना है। दूसरों को देखने की दृष्टि संसार है, तो अपने को देखने की दृष्टि का नाम संयम है। संसार बडा विचित्र है, इसमें छोटी-मोटी सभी तरह की बातों की जो उपेक्षा कर सकता है, वहीं संयम के मार्ग पर चल सकता है।
प्रवर्तकश्री ने कहा कि मैं सबका हूं, सब मेरे है, ये भाव जगता है, तभी संयम की स्थिति बनती है। व्यक्ति के जीवन में जब दृष्टि और भावों का परिवर्तन होता है, तभी वह उन्नति की और अग्रसर होता है। अभेद दृष्टि का जागरण केवल ज्ञान प्राप्त होने की स्थिति बनाता है। भेद दृष्टि संसार में रूलाती है, जबकि अभेद दृष्टि परमात्मा से मिला देती है। उन्होंने कहा कि मानवता का गुण संयम का प्रतीक है। मानवता होगी, तभी व्यक्ति संयम का पालन कर सकेगा। जीवन में एक बात सदैव याद रखनी चाहिए कि संसार में संयम ही सुख देगा। असंयम में दुख ही दुख है।
संयम की ओर अग्रसर होने का करें प्रयास
अभिग्रहधारी, उग्र विहारी तपस्वी श्री राजेश मुनिजी मसा नेे इस मौके पर कहा कि दीक्षार्थियों की अनुमोदना का अवसर सौभाग्य से मिलता है। मुमुक्षु भाई और बहन ने जिस तरह संयम मार्ग पर कदम बढाए है, उसी प्रकार अन्य लोग भी संयम की और अग्रसर होने का प्रयास करे। धर्मसभा में अवनि बोहरा ने स्तवन प्रस्तुत किया। प्रियंका भंडारी ने भाव व्यक्त किए।
बाहर गांव से आए गुरु भक्तों ने लिया आशीर्वाद
इस मौके पर नांदेड, इंदौर, नागदा जंक्शन, गंजबासोदा लिमडी आदि कई स्थानों के गुरूभक्तों ने प्रवर्तकश्री से आशीर्वाद प्राप्त किया। सेवाभावी पूज्य श्री दर्शन मुनिजी मसा, श्री राजेन्द्रमुनिजी मसा, पूज्या महासती श्री रमणीककुंवरजी दमू, श्री रमणीककुंवरजी रंजन, श्री चंदनबालाजी, श्री नूतनप्रभाजी, श्री वंदना जी, श्री कल्पना जी, श्री चंदना जी, श्री चेतना जी, श्री महिमाजी,श्री लाभोदया जी आदि उपस्थित रहे। संचालन सौरभ मूणत ने किया। प्रभावना वितरण एवं आतिथ्य सत्कार का लाभ श्री सौभाग्य अणु प्रकाश दीक्षा महोत्सव समिति ने लिया।