योजना की सार्थकता : माता-पिता काम करते थे ईट भट्टे पर, पिता का हो गया कोरोना काल में निधन, लाड़ली पलक बनना चाहती है डॉक्टर, योजना से मिलेगी मदद

⚫ लाड़ली लक्ष्‍मी योजना पढाई जारी रखने में मददगार

हरमुद्दा
नीमच, 15 अप्रैल।  लाड़ली लक्ष्‍मी योजना बालिकाओं की शिक्षा को निरंतर जारी रखने में काफी मददगार साबित हो रही है। नीमच जिले के मनासा की लाड़ली पलक प्रजापति वर्तमान में कक्षा 6टी में अध्‍ययनरत है। लाड़ली लक्ष्‍मी योजना के तहत कक्षा 6टी में उसे मिलने वाली छात्रवृत्ति पढ़ाई को निरंतर रखने में काफी मददगार साबित हो रही है। फलक की अभिलाषा डॉक्टर बनने की है।

तो पलक को छोड़ना पड़ा स्कूल

पलक का जन्‍म 4 अप्रेल 2009 को हुआ और उसे शासन की लाड़ली लक्ष्‍मी योजना का लाभ आंगनवाडी केंद्र के माध्‍यम से मिला है। पलक के माता-पिता ईंट, भट्टे पर काम करते थे। पलक मनासा के एक निजी स्‍कूल में पढ़ रही थी, परंतु कोरोना संक्रमण के चलते पलक के पिता निलेश प्रजापति का 20 अप्रेल 2021 को निधन हो गया। इससे उसके परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो गई।  पलक के स्‍कूल की फीस जमा नहीं होने के कारण उसे स्‍कूल छोड़ना पड़ा।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने दिखाई कार्य में रूचि

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने प्रयास कर पलक के परिजनों को समझाईश देकर उसका प्रवेश शासकीय मॉडल स्‍कूल मनासा में कक्षा 6टी में करवाया और लाड़ली लक्ष्‍मी योजना के तहत छात्रवृत्ति का आवेदन करवाया। पिता की कोविड़ से मृत्‍यु पर पलक के परिवार को पचास हजार रुपए की अनुगृह सहायता मिली है।

लाडली के मामा जी का मां ने माना आभार

पलक पढ़-लिख कर डॉक्‍टर बनना चाहती है। लाड़ली लक्ष्‍मी पलक और उसकी मां नीतू प्रजापति म.प्र.शासन व मुख्‍यमंत्री शिवराज सिह चौहान का आभार व्‍यक्‍त कर रही है, कि लाड़ली लक्ष्‍मी योजना की वजह से ही पलक अपनी पढ़ाई जारी रख सकेगी।

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