तैयारी पर चर्चा : डीलिस्टिंग को लेकर रतलाम में महारैली 1 मई को

⚫ 50,000 से अधिक के शामिल होने की संभावना

⚫ दर्जनों ग्राम पंचायतों में हुआ है प्रस्ताव पारित डीलिस्टिंग के समर्थन में

हरमुद्दा
रतलाम, 19 अप्रैल। धर्म परिवर्तन कर जनजाति समाज से जाने वालों को डीलिस्टिंग करने के मुद्दे को लेकर जनजाति सुरक्षा मंच द्वारा 1 मई को रतलाम में महा रैली की जाएगी। रैली में तकरीबन 50000 लोगों के शामिल होने की संभावना है। जिले की दर्जनों ग्राम पंचायतों में डीलिस्टिंग के समर्थन में प्रस्ताव पारित किए गए हैं।

जनजाति सुरक्षा मंच की तैयारियों को लेकर बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में कलसिंह भाभर, रतलाम ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना, पूर्व विधायक सैलाना संगीता चारेल, पूर्व विधायक मथुरालाल डामोर, नारायण मईडा, रूपचंद मईडा, कैलाश वसुनिया, मांगीलाल खराड़ी, प्रदीप उपाध्याय, गोविंद डामोर, परमेश मईडा, शंभू सिंह, दीपक निनामा, पीरुलाल निनामा, रमेश मईडा मौजूद थे।

जनजाति सुरक्षा मंच का एक ही लक्ष्य डीलिस्टिंग

बैठक में जनजाति सुरक्षा मंच के पदाधिकारियों ने पूर्व एवं वर्तमान विधायकों को बताया कि जनजाति सुरक्षा मंच का एक ही लक्ष्य है कि जो जनजाति समाज को छोड़कर अन्य धर्म स्वीकार कर नौकरी कर रहे है। ऐसे सभी लोगों को डीलिस्टिंग कर उन्हें शासकीय सेवा से पृथक किया जाना चाहिए। इसी एक मुद्दे को लेकर 1 मई को शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय मैदान पर दोपहर में महारैली का आयोजन किया जाएगा।

घर घर जाकर किया जा रहा है संपर्क

रैली में शामिल होने के लिए गांव-गांव और घर-घर जाकर जनजाति सुरक्षा मंच के कार्यकर्ता आमंत्रण दे रहे हैं।जनजाति समाज के लोगों को जागरूक कर रहे हैं। उन्हें यह भी बताया गया कि जिले की दर्जनों ग्राम पंचायत ने डीलिस्टिंग के समर्थन में प्रस्ताव भी पारित किया है।

तो उनके खिलाफ डीलिस्टिंग की कार्रवाई जरूरी

संस्कृति और परंपरा को छोड़कर जाने वाला व्यक्ति जनजाति समाज का नहीं हो सकता है। जो व्यक्ति जनजाति समाज का नहीं है, वह जनजाति समाज की सुविधा लेने का पात्र नहीं है। बैठक में मौजूद विधायक एवं पूर्व विधायक सहित जनजाति सुरक्षा मंच के पदाधिकारियों के प्रति मंच के जिला संयोजक कैलाश वसुनिया ने आभार माना।

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