जुड़वाँ बहनें तनिष्का और पलक चाणोदिया अब एक साथ बनेगी मोक्षमार्ग की पथगामी

⚫ पू.आ.बन्धु बेलड़ी द्वारा 26 मई का दीक्षा मुहूर्त प्रदान

हरमुद्दा
आनंद/रतलाम, 22 अप्रैल। महावीर जन्म कल्याणक के पावन पर्व पर जन्म लेने वाली जुड़वाँ बहनें तनिष्का और पलक चाणोदिया अब एक साथ दीक्षा लेकर मोक्ष मार्ग की पथगामी बनेगी। आचार्य श्री बंधु बेलड़ी ने उन्हें रतलाम में अपनी निश्रा में दीक्षा के लिए 26 मई गुरुवार का शुभ मुहूर्त प्रदान किया।

तीनों बेटियां संयम मार्गी

जुड़वा बहन तनिष्का और पलक

गुजरात के आनंद शहर में आयोजित दीक्षा मुहूर्त प्रदान महोत्सव पू. आचार्य बंधु बेलड़ी श्री जिनचन्द्रसागर सूरीश्वर जी म.सा.एवं  पू.आ.श्री प्रशमानन्दसूरी जी म.सा.(श्री रामचंद्रसूरी जी समुदाय) आदि विशाल श्रमण श्रमणी वृन्द की निश्रा में रखा गया था। जंहा रतलाम के टाटा नगर निवासी सुश्रावक परिवार संतोष शोभा चाणोदिया परिवार की लाडलिया मुमुक्षु जुड़वाँ बहन15 वर्षीय तनिष्का और पलक को दीक्षा मुहूर्त प्रदान करने के लिए परिवार की ओर से अनिल सरोज चाणोदिया ने विनती की। जिसके बाद पू. आचार्य बंधु बेलड़ी श्री जिनचन्द्रसागर सूरीश्वर जी म.सा. ने उन्हें संयम जीवन अंगीकार करने के लिए रतलाम में दीक्षा का  26 मई गुरुवार का शुभ मंगल मुहूर्त प्रदान किया। श्री चाणोदिया की सांसारिक बड़ी बेटी दीपका वर्तमान में अब पू.सा.श्री चन्द्रवर्षाश्रीजी म.सा.पूर्व में ही संयम जीवन स्वीकार कर चुकी है।

भव्य सामैया निकाला

इस अवसर पर आनंद शहर में दिक्षार्थी बहनों का भव्य सामैया आचार्य श्री बंधु बेलड़ी की निश्रा में निकाला गया। दीक्षार्थी बहनों का आनंद श्रीसंघ एवं शाह सरस्वतीबेन रमणलाल परिवार की ओर से शाल श्रीफल भेंटकर बहुमान किया गया। जिसमे समाजजन जय जयकार करते चल रहे थे।

एक साथ होगी तीन दीक्षाएं

इस भव्य दीक्षा पर्व में ही रतलाम के बाल मुमुक्षु ईशान विशाल कोठारी की भी दीक्षा पूर्व में ही नियत हो चुकी है। अब इसी अवसर पर दोनों ही जुड़वाँ बहने भी दीक्षा स्वीकार करेंगी। दीक्षा पर्व को निश्रा प्रदान करने के लिए पू.आचार्य बंधु बेलड़ी श्री जिनचन्द्रसागर सूरीश्वर जी म.सा.आदि ठाणा 7 गुजरात से उग्र विहार कर मालवा में मई के प्रथम सप्ताह में प्रवेश करने जा रहे है।

रतलाम का धर्म इतिहास गौरवशाली

कार्यक्रम में आचार्य श्री ने कहा कि धर्मस्व नगरी रतलाम का जिनशासन का वैभव बढ़ाने वाला इतिहास रहा है। मालवा के परम उपकारी आगमो उद्धारक पू.आनंदसागरजी म.सा. ने इस पावन धरा को जिन शासन सेवा के संस्कार दिए है। पूज्य गुरु भगवंतों की पावन प्रेरणा से कई मुमुक्षुओं ने संयम जीवन अंगीकार कर जिन शासन को समर्पित किया है। इसी कड़ी में दोनों मुमुक्षु बहनों एवम बाल मुमुक्षु की सागर समुदाय में दीक्षाओं से 26 मई को एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ने जा रहा है।

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