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रतलाम के बाल मुमुक्षु और जुड़वाँ बहनों का श्री शंखेश्वर महातीर्थ में निकला भव्य वर्षीदान का वरघोड़ा

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हरमुद्दा के लिए नीलेश सोनी
शंखेश्वर महातीर्थ/रतलाम, 30 अप्रैल। गुजरात के विश्व प्रसिद्ध श्री शंखेश्वर महातीर्थ में आयोजित तीन मुमुक्षुओं दीक्षा पर्व प्रसंग पर भव्य वर्षीदान का वरघोड़ा निकाला गया। उत्सवी और उत्साही वातावरण में रतलाम के तीन बाल मुमुक्षु  ईशान कोठारी रतलाम, जुड़वाँ बहनें पलक – तनिष्का चाणोदिया ने मुक्तहस्त से सांसारिक वस्तुओं को लुटाया।  रतलाम के ढोल की थाप पर थिरकते- झूमते कदमों ने तीर्थ नगरी को झुमा दिया।

दम्पति का संयम जीवन स्वीकार

आगम जिन मन्दिर में आयोजित भव्य दीक्षा समारंभ को निश्रा जिनशासनरत्न बंधु बेलड़ी आचार्य श्री जिनचंद्रसागरसूरिजी म.सा.के लघुबंधु पू. आचार्य श्री हेमचंद्रसागरसूरिजी म.सा.,पू.आ. श्री कलापूर्णसूरि समुदाय के पू.आ.श्री अमितयशसूरि जी म.सा. एवं पू.सा.श्री कुवलयाश्रीजी म.सा. आदि विशाल श्रमण श्रमणी वृन्द ने प्रदान की। यंहा तीन मुमुक्षुओं दिनेश – अस्मिता शाह, दम्पति मुंबई एवं शोभना शाह,अहमदाबाद ने संयम जीवन स्वीकार किया।

संयम भाव की अंतर्मन से अनुमोदना

तीर्थ नगरी में भव्याति भव्य तीन दिवसीय दीक्षा पर्व के उपलक्ष्य में पू. आचार्य श्री की निश्रा में वर्षीदान का वरघोड़ा उत्सव और उत्साह से परिपूर्ण वातावरण में निकला। तीनों ही मुमुक्षु रथनुमा बग्घी में सवार थे। वरघोड़े में बाल मुमुक्षु सिद्धम जैन इंदौर, आशी संजय कुमार बेंगलौर भी शामिल हुई। जिनका आयोजन समिति की और से बहुमान किया गया। कार्यक्रम में रतलाम, झाबुआ, इंदौर, मंदसौर एवं नीमच जिले से बड़ी संख्या में समाजजनों ने शामिल होकर मुमुक्षुओं के संयम भाव की अंतर्मन से अनुमोदना की। इनका जगह जगह स्वागत बहुमान हुआ।

बच्चों संयम भाव प्रेरणादायक

दीक्षा पर्व में देशभर से पहुंचे श्रद्धालुओं को आशीर्वचन देते हुए बंधु बेलड़ी आचार्य श्री ने फरमाया कि संयम ही जीवन का सार है। संयम जीवन ही मुक्ति का आधार है। रतलाम के बाल मुमुक्षु और जुड़वाँ बहनों ने बहुत ही छोटी उम्र में संयम जीवन अंगीकार करते हुए अपना मानव भव सफल करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। मुमुक्षुओं का  जिनशासन के प्रति अहोभाव अभिनंदनीय एवं अनुकरणीय है। बड़ों के  मन में बच्चों का यह संयम भाव निश्चित ही प्रेरणादायक बनेगा।

बंधु बेलड़ी आचार्य श्री का मालवा में प्रवेश

मालवा में आयोजित दीक्षा पर्व को निश्रा प्रदान करने के लिए बंधु बेलड़ी आचार्य श्री जिनचंद्रसागरसूरिजी म.सा. आदि ठाणा का भीषण गर्मी में उग्र विहार जारी है। उन्होंने गुजरात से मध्यप्रदेश की सीमा में पिटोल ग्राम से सामैया के प्रवेश किया। बोरी श्रीसंघ आदि ने आचार्य श्री की भावभरी अगवानी करते हुए वन्दना की। वे इंदौर में दीक्षा के पश्चात से रतलाम पधारेंगे।

इसी माह तीनों दीक्षाएं

रतलाम में बाल मुमुक्षु  ईशान कोठारी रतलाम, जुड़वाँ बहनें पलक – तनिष्का  चाणोदिया की दीक्षाएं 26 मई को होने जा रही है। जिसे निश्रा प्रदाता बन्धु बेलड़ी आचार्यश्री का मई के तीसरे सप्ताह में रतलाम में भव्य प्रवेश होगा। जबकि बाल मुमुक्षु सिद्धम जैन की दीक्षा 15 मई को इंदौर में होना है।

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