बदली बदली नजर आई शहर की सूरत और सीरत : सड़क, नाली, सफाई के लिए वोट मांगने आए मुख्यमंत्री के लिए सड़कें हुई चौड़ी व चकाचक, नाली हुई साफ, थैला गाड़ियां सड़कों से गायब
⚫ सभा स्थल के सामने एन वक्त पर होता रहा मिट्टी गिट्टी से पैच वर्क भी
⚫ जब करने और करवाने वाले सक्षम है तो फिर रोज ऐसा क्यों नहीं
हेमंत भट्ट
रतलाम, 9 जुलाई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार को शहर में महापौर और पार्षद प्रत्याशी के समर्थन में मतदान करने का आह्वान करने आए। शहर की सूरत सुबह से ही बदली हुई नजर आई। न केवल सड़के चौड़ी चौड़ी नजर आई, अपितु साफ और स्वच्छ भी दिखी। यहां तक की नालियां भी चकाचक की गई। एन वक्त तक सभा स्थल के सामने मिट्टी गिट्टी से पैच वर्क भी होता रहा।
शनिवार को शहरवासियों अपने शहर की बदली हुई सूरत देखकर आश्चर्य कर रहे थे कि आखिर आज प्रशासन के अधिकारियों और नगर निगम के कर्मचारी को क्या हो गया। शहर के व्यस्ततम मार्गों की, जो सड़कें दो पहिया वाहन चलाने के लिए भी सकरी पड़ जाती है, वहीं शनिवार को काफी चौड़ी चौड़ी नजर आई। यहां तक कि साफ-सुथरी भी दिखी। गड्ढे थे वह समतल कर दिए गए। चांदनी चौक, तोपखाना, चौमुखीपुल, धानमंडी, शहर सराय सहित अन्य तमाम क्षेत्र बदले बदले नजर आए, जहां-जहां से मुख्यमंत्री का रोड शो निकलना था। चौमुखी पुल से नोलाई पूरा की तरफ जाते हुए मार्ग पर चौराहे पर महीनों से नाली खुली पड़ी हुई थी, जिस पर रात को पत्थर ढका गया। लोहे का ढक्कन लगाया गया और प्लास्टर भी किया। उसकी रक्षा के लिए बैरिकेट्स भी लगाए गए।
साफ-सुथरी और चौड़ी चौड़ी सड़कों पर चलने का आनंद लेते हुए शहरवासी
बाजारों में यातायात को प्रभावित करने वाली थैला गाड़ियां भी गायब रही। दुकानदारों के अतिक्रमण भी नहीं थे। यहां तक कि उनके वाहन भी उनकी हद में थे। अपनी समझदारी का ऐसा परिचय हर दिन भी दे सकते हैं ताकि यातायात सुचारू रहे। आखिर क्यों मनमानी पर उतर आते हैं और क्यों नहीं अधिकारी उन को नियंत्रण में रख पाते हैं। यह सवाल हमेशा हमेशा बना रहता है? जब करने और करवाने वाले सक्षम है तो फिर रोज ऐसा क्यों नहीं होता।
दो दशक में पहली बार दिखा नाली का पत्थर
धानमंडी क्षेत्र में व्यापारी की पत्नी विनीता ने बताया कि 2 दशक से अधिक समय हो गया है। शादी होने के बाद जब से आई हूं, तब से नाली का पत्थर नजर नहीं आया था। गंदगी और बदबू का बोलबाला था, लेकिन शनिवार को जब मुख्यमंत्री घर के सामने से निकलने वाले थे, तो नाली ऐसी चकाचक की गई कि पत्थर भी नजर आने लगा। सफाई हर दिन की जाए तो नगर निगम को क्या परेशानी है? इतना तो समझ में जरूर आ गया है कि अधिकारियों को काम करवाना आता है और कर्मचारी करते भी हैं लेकिन वह रोज रोज ऐसा प्रदर्शन नहीं करते। मजबूरी में ही कर देते हैं क्योंकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी चौहान महापौर और पार्षद के चुनाव के लिए समर्थन मांगने आए थे तो जाहिर है कि वे सड़क, गड्ढे, सफाई और नाली को ही तवज्जो देंगे।
कौन नहीं चाहता है कि हमारा नगर स्वच्छ एवं सुंदर बने। यह एक विचारणीय सवाल है ??
विकास जैन का कहना है कि आज जिस तरह से रतलाम शहर के चिह्नित मार्गो पर चाक-चौबंद तरीके से साफ़ सफाई हो रही है। सड़कें एवं नालियां साफ हो गई है। टेम्परेरी पेंच वर्क भी किया गया है। बहुत ही अच्छे तरीके से सड़कों से अतिक्रमणकर्ताओ एवं थैला गाड़ियों को हटवाया गया है। इस कार्य को अंजाम देने वाले सभी कर्मचारी भी स्थानीय है। उनको निर्देश देने वाले अधिकारी भी (स्थानीय) वही है। इस कार्य के लिए कोई भी विशेषज्ञ बाहर से नहीं बुलवाए गए है। मतलब नगर में सक्षम एवं कार्य कुशल अधिकारी व कर्मचारी उपलब्ध है, तो फिर आखिर क्यों नहीं प्रतिदिन इसी तरह से व्यवस्था में सुधार किया जाता है? कौन नहीं चाहता है कि हमारा नगर स्वच्छ एवं सुंदर बने। यह एक विचारणीय सवाल है ??
शहरवासी सफाई के मामले में भी चाहते हैं देश प्रदेश में सम्मान
कांग्रेस नेता मनोज शर्मा और शांतु गवली का भी यही कहना है कि शहर में लगातार 3 इंजन वाली ही सरकार है लेकिन काम अभी तक उस तरीके से नहीं हुआ है जिस तरीके से होना चाहिए। शहरवासी भी अपने शहर का मान, सम्मान और गौरव बढ़ाने की तमन्ना रखते हैं। तभी तो शहर सेव, साड़ी और सोना के लिए जग प्रसिद्ध है। इसके साथ ही सहयोग और सद्भावना के लिए भी यहां के लोग जाने जाते हैं तो फिर वह शहर की सुंदरता सफाई जिम्मेदार अपना कार्य क्यों नहीं करते? शहर वासियों की भी दिली तमन्ना है कि सफाई के मामले में रतलाम शहर का नाम देश प्रदेश में सम्मान के साथ लिया जाए।