निवेश के विरोध में प्रभावी प्रदर्शन : हक की हुंकार में नजर आई ललकार, नहीं सहेंगे अत्याचार, सुन ले शिवराज सरकार
⚫ शहर विधायक और कलेक्टर को भी लिया वक्ताओं ने आड़े हाथ
⚫ भारी पुलिस बल और धारा 144 भी रोक नहीं पाई आदिवासियों का जोश, जुनून और उत्साह
हरमुद्दा
रतलाम, 22 अगस्त। एट लेन प्रोजेक्ट के तहत आदिवासी क्षेत्र बाजना और सैलाना के गांव में बनाए जा रहे औद्योगिक निवेश क्षेत्र को लेकर आदिवासियों ने विरोध प्रदर्शन किया। आदिवासियों के हक की हुंकार में ललकार नजर आई। जिम्मेदारों को चुनौती देते हुए वक्ताओं ने कहा कि हम किसी भी प्रकार का अत्याचार नहीं सहेंगे। जल, जंगल और जमीन हमारे हैं और हमारे ही रहेंगे। सुन ले शिवराज सरकार, आज तो रतलाम को घेरा है। आने वाले समय में भोपाल भी घेर लेंगे। इतना ही नहीं वक्ताओं ने शहर विधायक और कलेक्टर को भी आड़े हाथों लिया। हर एक वक्ताओं की बात पर आदिवासियों ने खुशी जाहिर की। मुद्दे की बात यह रही कि भारी पुलिस बल और धारा 144 भी आदिवासियों का जोश, जुनून और उत्साह को रोक नहीं पाई।
आदिवासी क्षेत्रों में बन रहे औद्योगिक क्षे़त्रों पर नाराजगी जताते हुए नेहरू स्टेडियम पोलोग्राउंड में जय युवा संगठन जयस के बैनर तले जमा हुए। आदिवासियों ने शासन-प्रशासन को खूब खरी-खोटी सुनाई। जिस पर आयोजन में शामिल लोगों ने तालियां बजाई।
आदिवासियों निकाली शहर में रैलियां
नेहरू स्टेडियम में आयोजित आयोजन के पहले शहर में आदिवासियों की रैली भी निकाली गई। आदिवासी युवक अलग अलग रैलियां बनाकर पहुंचे। शहर के प्रमुख मार्गों से रैली निकालकर प्रदर्शनकारी आयोजन स्थल पर पहुंचे। रतलाम ही नहीं अभी तो आसपास के आदिवासी जिलों से भी आए नेताओं ने संबोधित करते हुए कहा कि जल जंगल और जमीन के मामले में हम सब एक हैं। एक इंच जमीन का उपयोग भी नहीं किया जा सकता है। यह सीधे तौर पर आदिवासी क्षेत्रों में करोड़पतियों का दखल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नहीं हमारी आदिवासी लोक कला और संस्कृति के साथ खिलवाड़ करने दिया जाएगा। आदिवासी नेताओ ने प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी और शहर विधायक चेतन्य काश्यप आड़े हाथों लेते हुए निवेश क्षेत्र को निरस्त किए जाने की मांग की।
कलेक्टर को ज्ञापन देने की मांग पर अड़े रहे और बारिश में भीगते रहे
प्रदर्शनकारी कलेक्टर को ही ज्ञापन देने की मांग पर अड़ गए। करीब तीन घण्टे के बाद कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर ज्ञापन लिया और चले गए। कलेक्टर द्वारा ज्ञापन पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं देने से आदिवासियों में आक्रोश बढ़ गया।
पुलिस एवं प्रशासन ने किया व्यापक इंतजाम
निवेश क्षेत्र के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए जिला एवं पुलिस प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए गए थे। सड़कों पर भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा। इसके चलते सड़क मार्ग पर बैरिकेट्स लगाकर यातायात को नियंत्रित किया लोगों को मार्ग बदलकर गंतव्य की ओर जाना पड़ा। प्रशासन ने विरोध प्रदर्शन के पहले ही शहर में धारा 144 लागू कर दी थी। पूरे पोलोग्राउंड और आसपास के इलाकों में भारी पुलिस बल को तैनात किया गया है।