वेब पोर्टल हरमुद्दा डॉट कॉम में समाचार भेजने के लिए हमें harmudda@gmail.com पर ईमेल करे पशु चिकित्सक की टीम ने लम्पी वायरस से पीडित पशुओं का किया इलाज -

पशु चिकित्सक की टीम ने लम्पी वायरस से पीडित पशुओं का किया इलाज

1 min read

⚫ पशुपालको को बीमारी को लेकर किया जागरूक

हरमुद्दा
पिपलौदा, 16 सितंबर। जनपद क्षेत्र में लंपी वायरस से पशुपालकों को जागरूक करने का काम शुरू हो गया है। पशु चिकित्सकों की टीम ने ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण कर बीमारी के लक्षण, बचाव और सावधानी की जानकारी दी। पशुओं में लगातार फेल रहै लम्पी वायरस को लेकर पशु चिकित्सक की टीम ने  नवेली, रिछादेवडा गाव का जायजा लिया तथा पीड़ित पशुओं को पशु चिकित्सकों ने दवाईयां दी।

पशुपालकों को जानकारी देते हुए

पशुपालकों को साफ-सफाई रखने के प्रति जागरूक किया। पशु चिकित्सक की टीम ने पशुपालकों को जानकारी दी कि लम्पी स्कीन बीमारी एक वायरल बीमारी है। गाय, भैंस या बैल के शरीर पर गांठें होने लगती है। ये गांठें मुख्य रूप से इन पशुओं के जननांगों, सिर और गर्दन पर होती है। उसके बाद यह पूरे शरीर में फैलती है। धीरे धीरे ये गांठें बड़ी होने लगती है। वक्त के साथ ये गांठें घाव का रूप ले लेती है। इस पीड़ा से ज्यादातर पशुओं को बुखार आने लगता है। दूधारु पशु दूध देना बंद कर देते हैं।  एक पशु से दूसरे में फैलती है बीमारी पशु चिकित्सक डा.मनीष कुमार अहिरवार ने बताया कि यह वायरल बीमारी है। जो एक पशु से दूसरे में पहुंचती है। जब शरीर पर गांठें और घाव होते हैं तो उस पर मच्छर और मक्खियां बैठती हैं। इन घावों से उठकर मच्छर दूसरे पशुओं के शरीर पर बैठते हैं। उनका खून चूसते है तो ये बीमारी उस पशु में भी पहुंच जाती है। बीमारी पशु के जूठे पानी और चारे को दूसरा पशु खाता है तो लार की वजह से एक से दूसरे में ये बीमारी पहुंच जाती है कोई भी पशु बीमार है तो स्वस्थ पशुओं से दूर रखे व साफ सफाई रखे।   

यह थे मौजूद

इस दौरान प्रकाश खराड़ी (सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी) , दौलत भाटी, पवन पाटीदार, निर्मलगिरी आदि उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *