जीवन युद्ध जैसा, सत्य को मत भूलो, यदि भूले तो यह युद्ध जीत नहीं पाओगे
⚫ जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री अवधेशानंद गिरीजी ने कहा
⚫ प्रेरक प्रवचन हुए, शुक्रवार को देंगे मंत्र दीक्षा
हरमुद्दा
रतलाम, 22 सितंबर। आजकल व्यक्ति कल्पनाएं भी कैसी कैसी करता है, कि देव सत्ता उसके नियंत्रण में रहे। नभ, जल, आकाश उसके नियंत्रण में रहे और जो अनंत है वह भी नियंत्रित रहे, लेकिन यह सत्य नहीं है। स्मन को कल्पनाओं में नहीं स्मृतियों में ले जाओ। स्मृतियों में जाएंगे, तो पाएंगे कि अनेक महापुरुष प्रेरणादायी हैं, हमारे पितृ पक्ष भी उन्हीं में शामिल हैं। श्राद्ध पक्ष में अपने पूर्वजो का स्मरण करें। पूर्व काल के स्मरणसे उर्जा मिलती है।
जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री अवधेशानंद गिरीजी ने हनुमंत धाम, विधायक सभागृह बरबड़ में प्रभु प्रेमी संघ द्वारा आयोजित प्रेरक प्रवचन में यह बात कही। उन्होंने कहा कि मन विविध कल्पनाएं करने वाला होता है। उसके पास कई स्मृतियां भी होती, जो अच्छी और बुरी दोनों होती है। देश, काल, समय और परीस्थितियां कभी एक से नहीं रहते। सूचना तकनीक और संचार की क्रांति ने आज सबका जीवन बदल दिया है। दशकों पहले हमारा जीवन क्या था और आज क्या, यह देखेंगे तो बहुत अंतर पाएंगे। इसलिए मन को कल्पनाओं से परें रखकर स्मृतियों में विचरण कराना चाहिए। उन्होंने कहा आज व्यक्ति अपने विषयों के कारण दुखी है। विषयों की आसक्ति से निवृत्ति पाना है तो वीतराग महापुरुषों का स्मरण करना चाहिए। यह व्यक्ति की सोच की फसल ही होती है जो जैसा सोचता है, वो वैसा बनाती है। इसलिए श्राद्ध पक्ष में महापुरुषों का स्मरण करने का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि सत्य का कभी विस्मरण नहीं होता। ईश्वर ने भी कहा है सदैव सत्य के पास रहो। आज संसार में वही दुखी है जो सत्य के पास नहीं है। स्वामीजी ने कहा व्यक्ति दिनभर का श्रम दुखी,चिंतित, भयभीत होने के लिए नहीं करता। जीवन युद्ध जैसा होता है। यदि सत्य को भूले तो यह युद्ध जीत नहीं पाएँगे। भारत देश धन्य है जिसका परमात्मा ही सत्य नारायण है। हर व्यक्ति को ऐसे प्रयास करते रहना चाहिए जिससे सत्य जीवन में आ सके।
पद्मश्री डॉ. लीला जोशी ने किया शुभारंभ
प्रेरक प्रवचन का शुभारंभ पद्मश्री डॉ. लीला जोशी ने दीप प्रज्जवलित कर किया। स्वामीजी का स्वागत विधायक चैतन्य काश्यप, महापौर, निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा, प्रभु प्रेमी संघ अध्यक्ष हरीश सुरोलिया ने किया। संचालन पूर्व अध्यक्ष कैलाश व्यास द्वारा किया गया। इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष राजेन्द्रसिह लुनेरा , जिला प्रभारी श्याम सुंदर शर्मा आदि उपस्थित थे। शुक्रवार को स्वामीजी द्वारा हनुमंत धाम में सुबह 10 बजे मंत्र दीक्षा दी जाएगी।
बढ़ रहा है भारत का गौरव
स्वामीजी ने कहा कि लंदन प्रवास के दौरान उन्हें सूचना मिली कि आर्थिक दृष्टि से भारत पांचवी पायदान पर आ गया है और इंग्लैंड छठे नंबर पर पंहुच गया है। देश के लिए यह गर्व की बात कि यूरोप को अधिकांश दवाईयां भारत से निर्यात की जा रही हैं। दुनिया में भारत का गौरव लगातार बढ़ रहा है। उन्हें देश की पुलिसिंग पर गर्व है और इस बात का भी गर्व है कि इस देश की संस्कृति सबको अपना मानती है।
गौसेवा, तुलसी, सूर्य का महत्व बताया
स्वामीजी ने प्रेरक प्रवचन में तुलसी, सूर्य, गौसेवा का महत्व बताते हुए महापुरुषों का सत्संग करने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ विभाग की हाल ही में एक एडवाइजरी जारी हुई है,जिसमें सूर्य को अर्ध्य देने को कहा गया है। इससे विटामिन डी मिलेगा और व्यक्ति सदैव स्वस्थ रहेगा। उगते सूरज को प्रणाम कर, अर्ध्य देना ही सार्थक रहेगा। इसी प्रकार तुलसी का एक पत्ता भी शरीर को बल देता है। स्वामीजी ने कहा गौ माता की सेवा सर्वोपरी है। इसलिए गाय को रोटी देने का कार्य भी करते रहें इससे असीम पुण्य प्राप्त होता है।
श्री बरबड़ हनुमानजी के दर्शन कर की गौ सेवा
जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री अवधेशानंद गिरी जी महाराज गुरुवार सुबह बरबड़ हनुमान मंदिर में दर्शन करने पंहुचे। भगवान के दर्शन कर उन्होंने क्षेत्र में संचालित गौशाला में गौ माता को मिष्ठान खिलाया। रतलाम प्रवास के दौरान स्वामीजी ने दयाल वाटिका में रतलाम एवं आसपास के कई अन्य स्थानों से आए गुरु भक्तों से भेंट की। रात्रि में वे प्रभु प्रेमी संघ द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल हुए। यहां भजन, संगीत एवं नृत्य की प्रस्तुतियां दी गईं। संचालन केबी व्यास ने किया।
यह थे मौजूद
इस दौरान प्रभु प्रेमी संघ अध्यक्ष हरीश सुरोलिया, पूर्व अध्यक्ष कैलाश व्यास, प्रभु प्रेमी संघ के प्रमोद राघव,अनिल झालानी मनोहर पोरवाल,केबी व्यास , रामेश्वर खंडेलवाल नारायण लाल शर्मा आरआर दुबे राजाराम मोतियानी जयेश झालानी, वीडी नागर,वीरेंद्र जोशी ,राजेश ओझा,संजीव पाठक, नवीन भट्ट , सुनील भट्ट ,सरिता सुरौलिया, सीमा प्रभु, लल्लन सिह ठाकुर ,संजय सोनी ,मुकेश सोनी, विपिन पोरवाल, अरुण त्रिपाठी सहित समन्वय परिवार के माधव काकानी जितेंद्र वाघेला शिवराम शर्मा आदि मोजूद रहे ।