केरल में मानसून का मंगल प्रवेश, शुरुआती जुलाई में देश होगा तरबतर

हरमुद्दा
रतलाम, 9 जून। इंतजार के बाद आखिरकार शनिवार को केरल के तट पर मानसून का मंगल प्रवेश हो चुका। देशभर की उम्मीद का आसमान केरल पर निर्भर था। एक जून की बजाय 8 जून को मानसून आया और सबकी खुशियां लाया। 45 से 48 डिग्री सेल्सियस की तपन झेल रहे राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों के लोगों को कुछ दिन और गर्मी सहना होगी। फिर तो राहत की बारिश होंगी ही। शुरुआती जुलाई तक देश तरबतर हो जाएगा। दक्षिण पश्चिम मानसून ही देश के अधिकांश राज्यों में लगभग चार महीने तक सक्रिय रहेगा।
मौसम विभाग ने भी मानसून के पूर्वानुमान के अनुसार आठ जून को केरल तट पर पहुंचने की मुहर लगाई है। विभाग ने पिछले महीने दक्षिण पश्चिमी मानसून के केरल तट पर छह जून को पहुंचने का पूर्वानुमान व्यक्त किया था लेकिन हवा के कम दबाव का क्षेत्र बनने में देरी के कारण मानसून आने में दो दिन की देरी हो गई।
सभी के लिए राहत की खबर
जानकारी के अनुसार देश में मानसून के दस्तक देने की खबर, भीषण गर्मी, कृषि संकट और जलाशयों के तेजी से गिरते जलस्तर की चिंता से राहत देने वाली साबित होगी। दक्षिण-पूर्व अरब सागर में लो प्रेशर मौसम विभाग की मानें तो दक्षिण में लक्षद्वीप के ऊपर चक्रवाती क्षेत्र बना है। यही नहीं दक्षिण-पूर्व अरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र भी बन रहा है। तटीय इलाकों में अच्छी बारिश हो रही है।
मौसम विभाग 96 फीसद तो स्काइमेट 3 फीसद कम बता रहा बारिश
उल्लेखनीय है कि मौसम विभाग ने 96% बारिश की संभावना व्यक्त की है, जबकि स्काईमेट 3 फीसद कम, यानीकि 93 फीसद बारिश होने की बात कर रहा है।
झेल रहे भीषण गर्मी का कहर मैदानी इलाकों में इन दिनों अधिकतम तापमान 40 से 45 डिग्री सेल्सियस के बीच चल रहा है। राजस्थान के चुरू और आसपास के इलाकों में पारा 50 डिग्री सेल्सियस का स्तर पार कर गया है।
शुरुआती जुलाई में होगा देश तरबतर
मौसम विभाग ने उत्तरी क्षेत्रों में जून के अंतिम और जुलाई के पहले सप्ताह में मानसून पहुचंने की संभावना व्यक्त की है। मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली में पूर्वानुमान से तकरीबन दो- तीन दिन की देरी से मानसून 29 जून को पहुंच सकता है। वहीं स्काईमेट ने इसमें एक सप्ताह तक की देरी का अनुमान व्यक्त किया है। शुरुआती जुलाई में देश तरबतर हो जाएगा।

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