सामाजिक सरोकार : उसे लिया भरोसे में, जो मांगा वह दिया, समाजसेवी की मेहनत रंग लाई, बातों बातों में घर वालों का पता लगाया, बिछुड़े भाई को देख उनकी आंखें भर आई
⚫ 2 महीने पहले निकल गया था वह घर से
⚫ पता चला कि वह मुंबई में जब परिजन लेने पहुंचे, तब वहां से भी निकल चुका था वह
हरमुद्दा
रतलाम, 28 अक्टूबर। नाम नियाज़। उम्र 26 साल। पढ़ाई आईटीआई ट्रेंड मोटर मैकेनिक। निवासी कर्नाटक राज्य का रायचूर। काम की तलाश में बन गया मनोरोगी। उसे कोई याद नहीं कि वह घर से कब निकला। रतलाम में जब समाजसेवी गोविंद काकानी को जानकारी मिली तो उन्होंने अस्पताल में भर्ती करवाया। उपचार शुरू हुआ। उसका भरोसा जीतने के साथ ही उसकी मनपसंद के व्यंजन खिलाए। बातों ही बातों में उसके घर का पता जान लिया और परिजनों को सूचित किया। परिजन आए अपने भाई को देखा तो उनकी आंखें छलक आई।
समाजसेवी श्री काकानी ने हरमुद्दा को बताया कि 2 माह पूर्व घर से निकले मनोरोगी को कुछ दिनों से डांट की पुलिया क्षेत्र के रहवासियों ने देखकर औद्योगिक थाना प्रभारी अयूब खान को सूचित किया। औद्योगिक थाने पर रखने की समस्या को देख प्रभारी श्री खान ने समाजसेवी काकानी से संपर्क कर मदद मांगी।
करवाया अस्पताल में भर्ती
उन्होंने मनोरोगी को जिला चिकित्सालय के आइसोलेशन वार्ड में बुलवाकर भर्ती करवाया और उसका इलाज शुरू किया। सुबह उसे गर्म पानी से स्नान करवा कर नए कपड़े पहनाए।
दिलाने का दिया आश्वासन
नियाज को जो भी खाने की मांग करता, काकानी अपने पोते शिवांश सौरभ काकानी के हाथों उसे देते गए और उसका विश्वास जितने में सफल हुए। बातचीत में उसने बताया कि वह आईटीआई ट्रेड मोटर मैकेनिक है। घर से कब निकला कुछ याद नहीं है। शरीर में ताकत नहीं है। तब उसे चिंता न करने का बोल यही ऑटोमोबाइल कंपनी में काम दिलवाने का भरोसा दिलवाया। इस प्रकार उसे आइसोलेशन वार्ड में उत्तेजित अवस्था से सामान्य अवस्था में रख पाए।
घर वालों को दी खबर
इस बीच उस से प्राप्त जानकारी अनुसार उसके घर संपर्क कर उसके रतलाम होने का समाचार दे दिया। परिवार से भाई इम्तियाज पिता सैयद फयानुद्दीन निवासी रायचूर, कर्नाटक से तत्काल रतलाम के लिए रवाना हुए। रास्ते से भी लगातार मोबाइल पर उसे संभाल कर रखने के लिए कह रहे थे क्योंकि 1 माह पूर्व मुंबई से खबर आई थी, वे वहां पहुंचे तब तक भाई नियाज निकल चुका था।
नियाज को सकुशल देख आए आंसू
रतलाम पहुंचने पर जिला चिकित्सालय के आइसोलेशन वार्ड में जिला रोगी कल्याण समिति सदस्य समाजसेवी श्री काकानी के पास अपने भाई को सकुशल पाकर उनकी आंखों से आंसू निकल गए। भाई इम्तियाज ने बताया कि मेरे भाई की तबीयत 2016 में खराब हुई थी तब से हम परेशान हैं। इलाज इसका चल रहा है। इसके घर से निकलने की एफ आई आर रायचूर कर्नाटक पुलिस थाने में दर्ज है।
इन सभी का मिला सहयोग
नियाज को सकुशल लौटाने मैं समाजसेवी काकानी, डाट की पुल के क्षेत्रवासियों, औद्योगिक थाना टीआई अयूब खान, भाई असलम ताबीज, आइसोलेशन वार्ड के सिस्टर, कर्मचारी आदि का रायचूर पहुंचने पर परिवार वालों ने ह्रदय से धन्यवाद देते हुए अस्पताल से दी हुई 15 दिन की दवा से उसके स्वभाव में परिवर्तन की जानकारी से अवगत कराया।