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अधिकारियों की तानाशाही : काम करवा लिया जाता है लेकिन रुपए देने में करते है आनाकानी, महीनों तक नहीं मिलते मेहनत के रुपए

⚫ जिला पंचायत में की गई लाइट फिटिंग की बकाया राशि पाने के लिए तीन साल से दर दर भटकने को मजबूर है इलेक्ट्रीशियन

⚫ अधिकारी के मौखिक निर्देश पर दिया जाता है काम

⚫ कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक गुहार

हरमुद्दा
रतलाम, 23 नवंबर। शहर और जिले में जिला प्रशासन के अधिकारियों की तानाशाही बढ़ती ही जा रही है। काम तो करवा लिया जाता है लेकिन भुगतान करने में लगातार आनाकानी की जा रही है। जिम्मेदार अधिकारी मौखिक निर्देश दे देते हैं लेकिन रुपए देने की बारी आती है तो इस टेबल से उस टेबल पर फाइल को भगाते रहते हैं और भुगतान नहीं करते हैं। परेशान व्यक्ति ने अब अपनी रकम पाने के लिए कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक गुहार लगाई है।

यह मामला है जिला पंचायत में पिछले कई वर्षों से इलेक्ट्रिक मैन्टनेन्स और फिटिंग का काम करने वाले इलेक्ट्रीशियन प्रदीप जैन का। जिला पंचायत के अधिकारी जरुरत पडने पर फोन से श्री जैन को बुलवाते थे और लाइट से सम्बन्धित काम करवा लेते थे। बाद में बिल प्रस्तुत करने पर बिल का भुगतान भी कर दिया जाता था। वर्ष 2018 में तत्कालीन सीइओ सोमेश मिश्रा के कार्यकाल के दौरान जिला पंचायत भवन और सीईओ बंगले पर इलेक्ट्रिक सम्बन्धी कई काम करवाए गए । इसके बाद तत्कालीन सीईओ संदीप केरकेट्टा के कार्यकाल में भी उनके बंगले पर इलेक्ट्रिक फिटिंग और मेन्टनेन्स के कई काम करवाए गए। इसके बाद जिला पंचायत भवन में वैटिंग रुम और स्टेनो रुम शिफ्ट करने के लिए नई लाइट फिटिंग करवाई गई। ये सारे काम जिला पंचायत के अधिकारियों जैसे जनपद पंचायत के इंजीनियर निगम साहब, सत्येन्द्र यादव आदि के मौखिक निर्देश पर किए गए थे।

दोनों सीईओ चले गए स्थानांतरित होकर

जिला पंचायत के दोनो पूर्व सीईओ सोमेश मिश्रा और संदीप केरकेट्टा तो स्थानान्तरण होने पर रतलाम से चले गए,लेकिन वे अपने अधीनस्थ अधिकारियों को इलेक्ट्रिक कामों की राशि का भुगतान करने के निर्देश दे गए थे।

₹68000 से अधिक की है राशि बकाया

इलैक्ट्रिक कामों की कुल राशि 68 हजार रु. से अधिक हो चुकी थी। लेकिन अधिकारियों के स्थानान्तरण के बाद अब उनके अधीनस्थ अधिकारी राशि देने को तैयार नहीं है। इलेक्ट्रीशियन प्रदीप जैन ने जब जब अपनी राशि की मांग की,अधिकारी उनसे लिखित आदेश दिखाने को कहते है,जबकि वे स्वयं जानते है कि सारे काम मौखिक निर्देश पर करवाए गए थे। इलेक्ट्रीशियन श्री जैन ने अधिकारियों के निर्देश पर हजारों रुपए की बिजली सामग्री जिला पंचायत भवन और बंगलों पर लगा दी,लेकिन अब अधिकारी राशि देने को तैयार नहीं है। अपनी मेहनत की कमाई पाने के लिए इलेक्ट्रीशियन जैन दर दर  भटकने को मजबूर है। उन्होने अपनी शिकायत मुख्यमंत्री से लगाकर कलेक्टर तक सभी को की है। उन्हे उम्मीद है कि कोई ना कोई तो उन्हे न्याय दिलवाएगा।

नहीं उठाया फोन सीईओ ने

भुगतान नहीं होने के मुद्दे पर जब जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जमुना भिड़े को फोन लगाया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया, लगता है जिम्मेदार अधिकारी मीडिया से चर्चा भी करना नहीं चाहते है।

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