छल कपट का व्यवहार प्रजातंत्र के लिए घातक : सकलेचा

⚫ केंद्रीय जेल सागर में डॉ. राय को शिफ्ट करना भाजपा की दूषित मानसिकता

⚫ जयस नेताओ के साथ आतंकवादी जैसा व्यवहार

हरमुद्दा
रतलाम, 3 दिसंबर। भाजपा के इशारों पर प्रशासन जेल में निरुद्ध विचाराधीन राजनैतिक कैदी जयस नेताओं से आतंकवादी की तरह व्यवहार कर रहा है। भाजपा के इशारो पर अलोकतांत्रिक तरीके से , राजनीतिक दुर्भावना से ग्रसित होकर , समाज के एक बड़े तबके के साथ इस तरह का छल कपट का व्यवहार प्रजातंत्र के लिए घातक है।

डॉ. आनंद राय

यह बात पूर्व महापौर पारस सकलेचा ने करते हुए भाजपा सरकार की कड़ी आलोचना की है। डॉ. आनंद राय को रतलाम जेल से केंद्रीय जेल सागर और डॉक्टर अभय ओहरी को इंदौर केंद्रीय जेल में शिफ्ट करने के मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।

किसी को भी नहीं मिलने दिया जा रहा जेल में

श्री सकलेचा ने जारी बयान में कहा कि रतलाम जेल में 18 दिनो से बंद जयस नेताओं से किसी को भी मिलने तक नहीं दिया जा रहा है। यहां तक कि सैलाना विधायक हर्षविजय गहलोत ने जब जेल सुप्रिडेंट को जयस नेताओं से मिलने के लिए फोन किया, तो उन्होंने जेल मैनुअल के विपरीत उन्हें मिलाने से इंकार कर दिया और कहां कि किसी मंत्री की अनुमति के बाद ही आपको मिलने दिया जा सकता है।

विचाराधीन कैदी के बजाय सजायाफ्ता की तरह व्यवहार

जेल में भी उनसे विचाराधीन कैदी के स्थान पर सजायाफ्ता कैदी के समान व्यवहार कर उनको  सजायाफ्ता कैदियो के साथ रखा जा रहा है। इस मौसम में भी उन्हें उचित साधन उपलब्ध नहीं किए जा रहे हैं। जिस कारण उनका स्वास्थ्य निरंतर गिरता जा रहा है ।

गंभीर प्रकृति के क्रिमिनल अपराधी है वहां

डॉ. अभय ओहरी

सागर और इन्दौर की केन्द्रीय जेल, जहां गंभीर प्रकृति के क्रिमिनल सजायाफ्ता अपराधी है। वहां डॉ. राय तथा डॉ. अभय ओहरी को भेजना यह बताता है कि जयस नेताओ को आतंकवादियों की तरह मानसिक प्रताड़ना दी जा रही है। उनसे प्रशासन के माध्यम से जेल मेंन्यूअल के विपरीत व्यवहार करवाना, भाजपा की दूषित मानसिकता का प्रतीक है।

दुर्भावना से कार्य कर रहा प्रशासन

श्री सकलेचा ने कहा कि प्रशासन उनके साथ दुर्भावना से काम कर रहा है तथा लगातार कोशिश कर रहा है कि माननीय न्यायालय में किसी भी तरह से उनकी जमानत ना हो । ऐसे में डायरी का न होना फरियादी को अभी तक समंस का तामिल नहीं होना, इस बात का प्रमाण है  कि प्रशासन हर हाल में उनकी जमानत को रोकना चाहता है।

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