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अवैध हुई वैध कॉलोनियां: मध्यप्रदेश सरकार ने अपना पक्ष नहीं रखा बराबर

हरमुद्दा
रतलाम 17 जून। विगत दिनों ग्वालियर उच्च न्यायालय में प्रदेश की वैध की हुई कॉलोनियों को अवैध करने के निर्णय के बारे में मध्यप्रदेश सरकार ने अपना पक्ष बराबर नहीं रखा। कांग्रेस ने इसे भाजपा के लिए राजनैतिक लाभ का मुद्दा बनाकर गंभीरता नहीं दिखाई, जबकि यह गरीब व मध्यमवर्गीय लोगों से जुड़ा मामला था। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने सम्पूर्ण वैधानिक तरीके से कार्य किया है, लेकिन कांग्रेस द्वारा उच्च न्यायालय में व्यवस्थित पक्ष नहीं रखने से यह व्यवधान उत्पन्न हुआ है। प्रदेश भाजपा संगठन के माध्यम से हम राज्य सरकार पर दबाव बनाएंगे व आवश्यक हुआ तो सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखेंगे। नही तो हम रहवासियों के साथ सर्वोच्च न्यायालय में जाएंगे।
यह बात विधायक चेतन्य काश्यप ने उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद रतलाम शहर की 50 वैध कॉलोनियों के अवैध होने के बाद इन कॉलोनियों में निवासरत प्रतिनिधियों से रूबरू होते हुए कही। बैठक में अवैध कॉलोनियों के रहवासी व प्रबुद्धजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
कॉलोनियों में विकास के चल रहे कामों को रोका
श्री काश्यप ने कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा शहर की अवैध कॉलोनियों में विकास के जारी कामों को रोका गया है। ठेकेदारों द्वारा इन अवैध कॉलोनियों में सड़कों की खुदाई के दौरान सड़कों पर गड्ढे हो गए है। उनमें बारिश के दौरान आवागमन में तकलीफों को देखते हुए नगर निगम को आगाह किया गया है। यदि आवश्यकता पड़ी तो इन गड्ढों में मुरम भरवाने का कार्य मैं अपने निजी व्यय से करूंगा।
17 कॉलोनियों को मिले 4 करोड़
श्री काश्यप ने कहा कि जब 2013 में भारतीय जनता पार्टी ने जब मुझे अवसर दिया, तब जनसम्पर्क के दौरान अवैध कॉलोनियों का विषय मेरे संज्ञान में आया। विशेषकर शहर में जो नए क्षेत्र बसे है, उसमें मध्यमवर्गीय परिवारों ने खरी कमाई से पैसा देकर रजिस्ट्री करवाई। उनमें विकास कार्य नहीं हुए थे। विधायक बनने के बाद कानूनन रूप से इस पर चिंतन किया गया कि इन कॉलोनियों को वैध कैसे किया जाए। तब तत्कालीन महापौर, नगर निगम व राज्य शासन के अधिकारियों से चर्चा कर प्रथम बार 17 कॉलोनियों का सीमांकन करवाया और उनको वैध करवाने की कार्यवाही प्रारंभ की। इसके लिए रतलाम को 4 करोड़ रुपए भी मिले।
33 कॉलोनियों के लिए भेजा 22 करोड़ का स्टीमेट
वार्डों में कई विकास कार्य हुए पश्चात 33 अवैध कॉलोनियों को चिन्हित कर उनको वैध करने का विज्ञापन जारी कर 22 करोड़ का स्टीमेट राज्य शासन को भेजा गया। 2015 में सम्मान समारोह में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने 10 करोड़ रुपए की प्रारंभिक घोषणा भी की थी, उसमें से 4 करोड़ रुपए प्राप्त हो चुके है, किन्तु दुर्भाग्यवश प्रदेश में भाजपा की सरकार नहीं बन पाई। कांग्रेस सरकार ने अवैध कॉलोनियों का राजनीतिकरण कर प्रदेश की आमजनों की तकलीफों पर ध्यान नहीं दिया।
अवैध कॉलोनियों को कानून के माध्यम से कराएंगे वैध
उन्होंने कहा कि कांग्रेस चुनाव के पहले मुद्दे आश्वासन और घोषणा देने, कार्यों को लटकाना और टुकड़ों में कार्य करने का कार्य करती है। यही उसकी कार्य प्रणाली है और आजादी के बाद 70 वर्षों से कांग्रेस यही कार्य कर रही है, जबकि भाजपा ने विकास कार्य किए है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हर कार्य में सम्पूर्ण समाधान समाहित है और उनकी योजनाओं से करोड़ों लोग लाभान्वित हो रहे है। रतलाम की सभी अवैध कॉलोनियों को कानून के माध्यम से हम वैध करवाकर रहेंगे। इसके लिए हमें आप सभी को साथ लेकर आंदोलन भी करना पड़ा, तो हम करेंगे और हम इस जनविरोधी सरकार को उखाड़ फेकेंगे।
यह थे उपस्थित
बैठक में भाजपा जिला महामंत्री मनोहर पोरवाल, प्रदीप उपाध्याय, जिला पदाधिकारी देवेन्द्र वाधवा, जिला कार्यालय मंत्री राकेश मिश्रा, किसान मोर्चा जिला महामंत्री धर्मेन्द्र देवड़ा, पूर्व जिलाध्यक्ष कन्हैयालाल मौर्य, बजरंग पुरोहित, पूर्व महापौर शैलेन्द्र डागा, मण्डल अध्यक्ष रमेश बदलानी, जयवन्त कोठारी, महामंत्री मनोज शर्मा, नंदकिशोर पंवार, महिला मोर्चा मण्डल अध्यक्ष सुनीता श्रीवास्तव, महापौर परिषद् के प्रेम उपाध्याय, ताराचंद पंचोनिया, भगतसिंह भदौरिया, मनीषा शर्मा, मंगल लोढा, रेखा जौहरी, मोनिका सोनी, सूरज जाट, पार्षदगण अरूण राव, प्रहलाद पटेल, सलीम मेव, पप्पु पुरोहित, सोना शर्मा, सुशील कुमावत, मीरा परमार, अनिता कटारा, रणजीत परिहार, महेन्द्रसिंह चंद्रावत सहित तीनों मण्डलों, मोर्चा प्रकोष्ठों के पदाधिकारी, पार्षद प्रतिनिधि सहित वरिष्ठजन व अवैध कॉलोनियों के रहवासियों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। संचालन निगम अध्यक्ष अशोक पोरवाल ने किया आभार मनोहर पोरवाल ने माना।

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