सामाजिक सरोकार : 21 सौ दिव्यांग के विद्यार्थियों को समावेशित शिक्षा से जोड़ने का लक्ष्य
⚫ शिक्षकों की हुई एक दिवसीय “क्रॉस डिसेबिलिटी प्रशिक्षण” कार्यशाला
हरमुद्दा
रतलाम, 13 जनवरी। जिले में लगभग 2100 दिव्यांग छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। शाला में शत प्रतिशत नामांकन कर उन्हें समावेशित शिक्षा से जोड़ने का लक्ष्य है। दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के प्रावधानों हैं। 21 प्रकार की दिव्यांगता होती है।
यह विचार प्रशिक्षण संस्थान पिपलोदा के प्राचार्य डॉ. नरेंद्र कुमार गुप्ता ने व्यक्त किए। डॉ. गुप्ता समग्र शिक्षा अभियान अंतर्गत रतलाम जिले के हाई स्कूल एवं हाई सेकेंडरी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के लिए आयोजित कार्यशाला में मौजूद थे। आईईडी गतिविधियों को सुचारू रूप से संचालन के लिए शिक्षकों का एक दिवसीय “क्रॉस डिसेबिलिटी प्रशिक्षण” कार्यशाला का आयोजन किया गया।
शाला में दिव्यांग बच्चों के बारे में ले जानकारी
समग्र के शिक्षा अभियान रतलाम के सहायक जिला परियोजना समन्वयक अशोक कुमार लोढ़ा ने कहा कि आप जब शाला में जाएं तो इन दिव्यांग बच्चों के बारे में जरूर जानकारी लें, और उसकी विस्तृत जानकारी जिले में हमारे , आईईडी प्रभारी तथा विकास खंडों में कार्यरत मोबाइल स्रोत सलाहकार के माध्यम से इनकी शिक्षा की पूरी व्यवस्था करें । किसी भी स्थिति में दिव्यांग छात्रों को विद्यालय से प्रवेश देने से कोई भी शिक्षक या प्रधान मना नहीं कर सकता है। विद्यालय में प्रवेश देना अनिवार्य है।
शासन की समग्र योजनाओं का लाभ दिलाने का जतन करें दिव्यांगों के लिए
सहायक परियोजना समन्वयक मुकेश कुमार राठौड़ ने कहा की जिले में आईडी गतिविधियों को सुचारू रूप से संचालन के लिए दिव्यांग छात्रों को शासन की जितनी भी योजनाएं संचालित है उसका पूरा का पूरा लाभ दिलाने में अपना हर संभव प्रयास करें। चाहे वह छात्रवृत्ति हो, मार्ग रक्षण भत्ता, उपकरण वितरण और मेडिकल बोर्ड का प्रमाण पत्र आदि कार्यो मे सहयोग करे और उनके जीवन की बाधाओं को कैसे कम किया जा सके, वह सभी कार्य एक सेवा भाव को मानते हुए, इन दिव्यांग छात्रों के लिए समर्पण भाव से कार्य करें।
इन्होंने भी दी जानकारी
इस कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर प्राचार्य लक्ष्मण सिंह मईडा, जनशिक्षक अंबाराम बोस द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही प्रशिक्षित मोबाइल, स्रोत सलाहकार मदन धमानिया, प्रशांत अस्थाना, हरिओम ने संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। एम आर सी प्रकाश सोलंकी ने ब्रेल लिपि, सांकेतिक भाषा के बारे में बताया, संदीप पटेल ने दिव्यांग छात्रों को परीक्षा एवं मूल्यांकन कार्य में दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में विस्तृत रूप से बताया। संचालन जनशिक्षक अंबाराम बोस ने किया।