अंतरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठी : शिक्षण संस्थानों को तकनीकी रूप से समृद्ध करने की आवश्यकता

⚫ संगोष्ठी के शुभारंभ समारोह में जनभागीदारी समिति अध्यक्ष विनोद करमचंदानी ने कहा

⚫  “करंट डेवलपमेंट इन मैथमेटिकल साइंसेस एंड ईलर्निंग” विषय पर हुई अंतरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठी

⚫ मंचासीन अतिथियों ने किया पुस्तक का विमोचन

⚫ शोध संगोष्ठी में विभिन्न विषयों पर किया शोध पत्रों का वाचन

हरमुद्दा
रतलाम, 16 जनवरी। आज का युग तकनीकी शिक्षा का युग है। तकनीकी से विषय को समझने में सुगमता होती है। इसलिए शिक्षण संस्थानों को तकनीकी रूप से समृद्ध करने की आवश्यकता है। वास्तव में  ई-लर्निंग से ज्ञान  की सीमाओं का विस्तार होता है। आज विद्यार्थियो के सामने सीखने की पर्याप्त अवसर है। इस आयोजन मे विदेशी विशेषज्ञ भी जुड रहे है । जिसका सीधा प्रसारण यू- ट्यूब पर हो रहा हैं। गणित एक महत्वपूर्ण विषय है लेकिन गणित के प्रति विद्यार्थियों को एक फोबिया भी रहता है। यदि शिक्षण संस्थाओं में इस तरह के आयोजन होते रहेंगे तो निश्चित की विद्यार्थियों का गणित के प्रति रूझान बढेगा। साथ ही विद्यार्थियों को ज्ञानवर्धक जानकारी भी प्राप्त होगी ।

यह बात शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय रतलाम की जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष विनोद करमचंदानी ने कही। श्री करमचंदानी अग्रणी महाविद्यालय में गणित एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा “करंट डेवलपमेंट इन मैथमेटिकल साइंसेस एंड ईलर्निंग” विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे। 

विक्रम परिक्षेत्र में भी बने अग्रणी

श्री करमचंदानी ने कहा कि जनभागीदारी अध्यक्ष के रूप में महाविद्यालय के विकास से संबंधित सभी योजनाओं में मेरा पूर्ण सहयोग रहेगा।  हम कोशिश करेंगे कि रतलाम का यह महाविद्यालय न केवल जिले में बल्कि विक्रम परिक्षेत्र में भी अग्रणी बनें।

सेमिनार से शिक्षा के नए आयामों का चलता है पता : प्राचार्य मिश्रा

अग्रणी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर मिश्र संबोधित करते हुए

महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. वाय.के.मिश्र ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि इस सेमिनार का उद्देश्य है कि यहां सभी शोधार्थी एकत्र होकर एक दूसरे के विचारों को आदान-प्रदान करते हैं। एक-दूसरे से सीखते हैं। वर्तमान समय में इस तरह के सेमिनार से शिक्षा के नए आयामों का पता चलता है। आज का युग डिजिटल शिक्षा का युग है, ऐसे में यह सेमिनार बहुत महत्वपूर्ण है। डॉ. मिश्र ने इप्का लेबोलेट्ररी के वाइस प्रेसिडेंट दिनेश सियाल का संगोष्ठी में सहयोग के लिए विशेष रूप से आभार व्यक्त किया।

शुभारंभ सत्र में मौजूद विद्वान एवं प्राध्यापक

सुबह से शाम, गणित ही आती है काम

कार्यक्रम में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के गणित विभाग के प्रो.एवं विभागाध्यक्ष डॉ. बी.एन.मिश्र ने अपना वक्तव्य देते हुए कहा कि हम साथ में सोचते हैं, साथ में चलते हैं, सीखते भी साथ में है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए इस तरह का आयोजन किया जाता है और साथ ही कहा कि सुबह से शाम गणित ही काम में आती हैं, सांसों का भी हिसाब होता है । गणित ही जीवन का आधार है।

सोविनियर का हुआ विमोचन

विमोचन करते हुए अतिथि

कार्यक्रम में सोविनियर का विमोचन किया गया। सत्र का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के माध्यम से हुआ सरस्वती वंदना का गायन सोनाली बैरागी और कृति जोशी ने किया। स्वागत भाषण डॉ.भावना देशपांडे ने दिया। अतिथियों को स्मृति चिह्न भी प्रदान किए गए। संचालन प्रो. विजय सोनिया ने किया।

प्रथम सत्र में विद्वान ने कहा गणित के बिना जीवन अधूरा

इसके पश्चात प्रथम सत्र का शुभारंभ हुआ। इस सत्र में सात वाहन विश्वविद्यालय करीमनगर तेलंगाना के गणित के विभागाध्यक्ष डॉ. एम.विजयकुमार ने दैनिक जीवन और अनुप्रयोग के विकास में गणितय विश्लेषण के महत्व पर व्याख्यान देते हुए कहा कि दैनिक जीवन गणित के बिना अधूरा है। गणित जीवन की पूर्णता है।

⚫ इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय लालपुर अमरकंटक के गणित विभाग के प्रो. व विभागाध्यक्ष डॉ. विष्णु नारायण मिश्र ने धनात्मक रेखिक संस्कारों द्वारा फलनों का संनिकटन पर रोशनी डालते हुए कहा कि गणित ऐसी विद्याओं का समूह है जो संख्याओं, मात्राओं, परिमाणों रूपों और उनके आपसी रिश्तो, गुण,स्वभाव इत्यादिका अध्ययन करती है । गणित एक अमूर्त य निराकार और निगमनात्मक प्रणाली है । वैदिक काल से गणित हमारे जीवन का अभिन्न अंग है।

⚫ वनस्थली विद्यापीठ राज्य भारत के सहायक प्राध्यापक डॉ.पी.त्रिपाठी ने सांख्यि की डेटा विश्लेषण पर जानकारी देते हुए कहा कि सांख्यिकी वर्तमान में अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है जो मानव जीवन को एक स्पष्ट दिशा निर्देश देने में समर्थ है सांख्यि की गणित की वह शाखा है जिसमें आंकड़ों का संग्रहण, प्रदर्शन, वर्गीकरण और उसके गुणों का आकलन कर एक स्पष्ट निष्कर्ष निकाला जा सकता है ।

द्वितीय सत्र मेंई-लर्निंग तकनीक” पर प्रकाश डाला पोलैंड से विद्वान ने

द्वितीय सत्र ऑनलाइन आयोजित किया गया इसमें यूनिवर्सिटी आफ मेडिकल साइंसेज पोलैंड के कंप्यूटर विज्ञान व सांख्यिकी विभाग के प्रमुख डॉ. मेगडेले नारोज़जक के व्यक्तव्य के पश्चात डा. स्कप्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में पदस्थ पोलैंड में पदस्थ अंग्रेजी विषय की प्राध्यापक डॉ. इवोनामोकवाने ई-लर्निंग तकनीक पर प्रकाश डाला।

⚫ पर्यावरण और जीवन विज्ञान विश्वविद्यालय पोलैंड के डॉ. जोआनामा र्कोवसका ने विश्वविद्यालयों में ई-लर्निंग अभ्यास और भविष्य की शिक्षा विषय पर व्याख्यान दिया।

विभिन्न विषयों पर शोध पत्र का किया विद्वानों ने वाचन

डॉ. एग्निजका हेबाने जिओ जेब्रा एप्लीकेशन के नवीनतम उपयोग की पद्धति पर महत्वपूर्ण जानकारी दी। शोध संगोष्ठी में विभिन्न विषयों पर शोध पत्रों का वाचन किया गया। गणित विषय में डॉ.अमरीश हांडा, डॉ.चेतना कोठारी, डॉ. सुरेश चौहान, डॉ. गुजेटिया, प्रो.यशवंत पंवार तथा अन्य प्राध्यापकों ने भी शोध पत्र का वाचन किया। ‌सांख्यिकी विषय पर प्रो.हिनाचाव लानेमीजल्सस्टैटिक्स, डॉ.नीतीश ने ट्यूबरक्लोसिस स्टैटिक्स ऑफ इंडिया तथा डॉ.रिजवान ने कैंसर स्टैटिक्स जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी शोधपत्रों का वाचन किया गया। ई-लर्निंग विषय पर डॉ.विजय कुशवाहा, डॉ.गीतांजलि उपाध्याय तृप्ति अरस, प्रो.हितेश सांखला, डॉ.अनीस मोहम्मद, योगिता शर्मा आदि ने शोध पत्रों का वाचन किया । डॉ.निर्मला डाबी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विषय पर शोध पत्र का वाचन किया‌ सभी सत्र बहुत रोचक एवं महत्वपूर्ण रहे।

देश एवं प्रदेश के शोधार्थी सेमिनार में रहे मौजूद

अंतरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठी में मध्यप्रदेश के ही नहीं वरन देश के विभिन्न हिस्सों से पधारे प्राध्यापकगण एवं शोधार्थी उपस्थित रहे। साथ ही ऑनलाइन माध्यम से भी शोधार्थियों ने सहभागिता की। इस आयोजन में महाविद्यालय का समस्त स्टाफ एवं छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। विभिन्न सत्रों का संचालन डॉ.अमरीश हांडा, डॉ.रविकांत मालवीय, डॉ.दिनेश बौरासी, डॉ.अनिल गुप्ता एवं प्रो.कनुश्री राणावत ने किया। आभार सांख्यिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. वास्तोस्पति शास्त्री ने माना।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *