अखण्ड ज्ञान आश्रम में हुई महामण्डलेश्वर स्वामी श्री श्री 1008 स्वरूपानंदजी महाराज की समाधि, अंतिम दर्शन को कई स्थानों से आए भक्तजन
⚫ विधायक काश्यप सहित कई संस्थाएं, संतगण व भक्त हुए शामिल
⚫ समाधि से पूर्व शहर में निकली डोली यात्रा
हरमुद्दा
रतलाम 10 फरवरी। अखण्ड ज्ञान आश्रम के महामण्डलेश्वर स्वामी श्री श्री 1008 स्वरूपानंदजी महाराज को गुरूवार को सैलाना बस स्टैंड आश्रम में समाधि दी गई। इससे पूर्व उनकी नगर में डोल यात्रा निकाली गई। स्वामी जी के देवलोकगमन की सूचना पाते ही भक्तों में शोक लहर दौड़ गई और आश्रम में भक्तों का तांता लगा रहा। अंतिम दर्शन के लिए विधायक चेतन्य काश्यप सहित कई संतगण एवं भक्त आश्रम पहुंचे और श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
महामण्डलेश्वर स्वामी श्री श्री 1008 स्वरूपानंदजी महाराज की पार्थिव देह प्रातः 8 से 10.30 बजे तक भक्तों के दर्शनार्थ रखी गई। उसके बाद डोल यात्रा निकली। इस दौरान भक्तों के द्वारा स्वामी जी के जयकारे लगाए गए, तो जिन मार्गों से यात्रा निकली वहां भक्तों द्वारा पुष्प वर्षा करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किए। डोल यात्रा सैलाना बस स्टैण्ड, लोकेन्द्र टाॅकीज चैराहा, शहर सराय, गायत्री टाॅकीज रोड होते हुए वापस आश्रम पहुंची। यहां आश्रम के स्वामी देवस्वरूपानंद जी ने अंतिम क्रियाएं की।
कई स्थानों से संत समुदाय हुए एकत्र
इस अवसर पर श्री 1008 महामण्डलेश्वर चेतन्य प्रभुजी इन्दौर, हरियाणा के श्री वैराग्यानन्दजी महाराज, बदनावर के स्वामी विशुद्धानन्दजी महाराज, जावरा के स्वामी शिवानन्दजी महाराज, दादु धाम से स्वामी सेवानन्दजी महाराज, हरथली से स्वामी हीरालालजी महाराज, रतलाम से स्वामी देवस्वरूपजी महाराज, शिवगढ़ से संतोषपुरी माताजी, केदारेश्वर से स्वामी आनन्द गिरी जी महाराज, अरनोद से स्वामी निर्मल चेतन्य जी महाराज, धमनार से स्वामी पूर्णानन्दजी महाराज, स्वामी ब्रह्मप्रकाशजी महाराज, स्वामी सुजानानन्दजी महाराज शामिल हुए।
शाल ओढ़ाकर अर्पित किए श्रद्धा सुमन
विधायक चेतन्य काश्यप, कन्हैयालाल मौर्य, सतीश पुरोहित, मनोहर पोरवाल, रतनलाल ठेकेदार, अनिल झालानी, सूरज जाट, मयंक जाट, वैभव जाट, राजेन्द्र पुरोहित, सतीश तंवर, जनक नागल, मोहन मुरलीवाला, अनोखीलाल दुबे, राजेन्द्र वाघेला, बंशी अग्रवाल, कमल धाबू के अतिरिक्त सनातन धर्म न्यास, सनातन सोश्यल ग्रुप, अखण्ड आश्रम सत्संग मण्डल, गोपालजी बड़ा मन्दिर न्यास, बद्रीनारायण सेवा ट्रस्ट, वैदिक जाग्रति ज्ञानपीठ सहित विभिन्न संस्थाओं द्वारा शाॅल ओढ़ाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए।
अंतिम दर्शन के लिए बाहर से भी आए भक्तजन
रतलाम के बाहर से आए भक्तगणों में मन्दसौर से नागेश्वर सोनी, उपरवाड़ा से पूनमचंद, जावरा से बहादुरसिंह, कोटा से विमला राजावत, झाँसी से संतोष मिश्रा, दिल्ली से आशीष मिश्रा, कानपुर से राकेश मिश्रा, दतिया से कल्लु दीक्षित, देवास से राजेन्द्र दीक्षित, ग्वालियर से सौरभ दीक्षित सहित बड़ी संख्या में सामाजिक संगठन व भक्तगण उपस्थित रहे।