देर से जागे जिम्मेदार : कुछ घंटे बाद है महाशिवरात्रि उत्सव, व्यवस्था का जायजा लेने पहुंचे कलेक्टर एसपी केदारेश्वर महादेव मंदिर
⚫ रंग रोगन, सीढ़ी निर्माण करने, रेलिंग लगाने की करने की कही बात
⚫ महाशिवरात्रि पर भक्त होंगे परेशान
⚫ श्रावण मास शुरू होगा 6 महीने बाद
हरमुद्दा
रतलाम, 17 फरवरी। इसे जिम्मेदारों की गैर जिम्मेदाराना हरकत नहीं कहेंगे तो और क्या कहेंगे। शनिवार को महाशिवरात्रि पर्व की धूम रहेगी और उसके कुछ घंटे पहले कलेक्टर और एसपी शहर के प्राचीन केदारेश्वर महादेव मंदिर पर व्यवस्था का जायजा लेने पहुंचे। इतना ही नहीं जिम्मेदारों ने मंदिर पर रंग रोगन करने के साथ ही सीढ़ियों की निर्माण करने और रेलिंग लगाने की भी बात कही। यह दोनों कार्य चुटकी बजा देने भर से तो संभव नहीं है। महाशिवरात्रि पर्व पर भक्तों को तो परेशानी होगी ही। ज्यादा भीड़ रही तो अनहोनी भी हो सकती है।
शुक्रवार को कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी और पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने महाशिवरात्रि के दृष्टिगत केदारेश्वर महादेव मंदिर में व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया। इस दौरान एसडीएम मनीष जैन भी मौजूद थे। जिले का प्राचीन और प्रसिद्ध केदारेश्वर महादेव मंदिर प्रशासन की देखरेख में ही आता है। यानी कि कोर्ट ऑफ वार्ड्स पाठ के अंतर्गत व्यवस्थाएं होती है।
निर्देश तो दे दिए गगर काम अभी संभव नहीं
कलेक्टर श्री सूर्यवंशी ने इस दौरान मंदिर परिसर में उचित प्रकाश व्यवस्था करने तथा अन्य व्यवस्थाओं के संबंध में दिशा निर्देश देते हुए कहा कि मंदिर परिसर में रंग रोगन करवाया जाएगा सीढ़ियों की उचित मरम्मत करवाई जाएगी। ऊपर हिस्से में रेलिंग लगवाई जाएगी। आवश्यक निर्माण किए जाएंगे। मगर यह सब कार्य अभी नहीं होंगे जबकि महाशिवरात्रि का उत्सव तो कुछ घंटे बाद ही है। जिले भर के भक्तजन काफी संख्या में प्रकृति की अद्भुत अनुभूति देने वाले केदारेश्वर महादेव मंदिर पर जाएंगे ही मगर उन्हें मुसीबतों का ही सामना करना पड़ेगा।
नहीं समय के पहले नींद नहीं खुली जिम्मेदारों की
श्रावण महीने की शुरुआत में तो फिलहाल करीब 6 महीने का वक्त है। यदि जिम्मेदार समय के पहले जागते दो कार्तिक पूर्णिमा के पहले ही यह कार्य करवा सकते थे लेकिन जिम्मेदारों की नींद नहीं खुली। यही कारण है कि प्रशासनिक लापरवाही के चलते ही बड़े-बड़े कांड हो जाते हैं और इनकी सेहत पर कोई असर नहीं होता। कुबेरेश्वर धाम में भी भीड़ भगदड़, प्रशासन और सरकार की इसी लापरवाही का परिणाम है जहां भक्तजन न केवल परेशान हो गए अपितु जान भी गंवानी पड़ी।