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सलाखों के पीछे रिश्वतखोर : रिश्वत की मांग करने वाले सहायक राजस्व निरीक्षक को 4 वर्ष की सजा व जुर्माना

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⚫ की थी मांग ₹50000 रिश्वत की

हरमुद्दा
शाजापुर, 26 फरवरी। दुकान का आधिपत्य दिलाने के लिए राजस्व निरीक्षक ने 50000 की मांग की। 10000 की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त ने पकड़ लिया। साढ़े छह साल चले प्रकरण में साक्ष्य और तर्क के आधार पर दोषी पाते हुए न्यायाधीश नीतूकांता वर्मा ने आरोपी को 4 साल की सजा सुनाते हुए अर्थदंड से दंडित किया।

जिला मीडिया प्रभारी सचिन रायकवार ने हरमुद्दा को बताया कि आरोपी कांताप्रसाद शर्मा ने 03 अगस्त 2016 तथा इसके पूर्व कार्यालय नगर पालिका परिषद् शाजापुर में सहायक राजस्व निरीक्षक के पद पर पदस्थ रहते हुए आवेदक चन्द्रनाथ सिंह से हाट मैदान स्थित नीलाम दुकान की शेष राशि व उक्त दुकान का आधिपत्य दिलवाने के ऐवज में 50,000/- रुपए रिश्वत की मांग की। 06 अगस्त 2016 को 12:50 से 13:00 बजे के मध्य कार्यालय-नगर पालिका परिषद् शाजापुर में आवेदक चन्द्रनाथ सिंह से 10,000/- (दस हजार) रुपए रिश्वत राशि प्राप्त की।

अनुसंधान पश्चात कोर्ट में किया चालान प्रस्तुत

लोकायुक्त पुलिस उज्जैन के द्वारा सम्पूर्ण अनुसंधान पश्चात चालान विशेष न्या‍यालय शाजापुर में प्रस्तुत किया गया। अभियोजन की ओर से पैरवी सचिन रायकवार, विशेष लोक अभियोजक जिला शाजापुर द्वारा की गई। अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होते हुए आरोपी को न्यायालय द्वारा दण्डित किया गया।

दोषी पाते हुए सुनाई सजा

विशेष न्यायालय, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम जिला शाजापुर नीतूकांता वर्मा द्वारा आरोपी कांताप्रसाद शर्मा पिता लालजीराम शर्मा,  सहायक राजस्व निरीक्षक नगर पालिका परिषद शाजापुर, निवासी-79 महात्मा गांधी मार्ग शाजापुर (म.प्र.) को दोषी पाते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 में तीन वर्ष के सश्रम कारावास और 10,000/- रुपए के जुर्मानें तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(1)बी सहपठित धारा 13(2) में चार वर्ष के सश्रम कारावास और 10,000/- रुपए के जुर्मानें से दण्डित किया गया। प्रकरण में ट्रेप कार्रवाई निरीक्षक ईदल सिंह रावत विपुस्था  लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन के द्वारा की गई थी।

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