प्रशासनिक लापरवाही, उपेक्षा व अव्यवस्था की भेंट चढ़ा रतलाम का योग शिविर

हरमुद्दा
रतलाम, 21 जून। पांचवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का मुख्य आयोजन जिला प्रशासन की लापरवाही, उपेक्षा व अव्यवस्था की भेंट चढ़ गया। इन्हीं कारणों के चलते योग करने वालों से जोश, जुनून और उत्साह कौसों दूर था। बस योग की रस्म अदायगी हुई। समापन पर राष्ट्र गान भी नहीं हुआ।
स्थानीय नेहरू स्टेडियम में जिले का मुख्य योग कार्यक्रम खानापूर्ति ही साबित हुआ।
नहीं हो सका सन्देश का प्रसारण
योग के तय कार्यक्रम के तहत सुबह 6. 50 पर कांग्रेस के मुख्यमंत्री कमलनाथ के सन्देश का प्रसारण होना था। मगर सन्देश का प्रसारण नहीं हो सका। रेडियो तो था, परन्तु उसे मौजूद जिम्मेदार चला नहीं सके। रेडियो का स्टेशन लगाने में नाकारा साबित हुए।

बैनर बनवाने में लापरवाही

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मुख्य आयोजन के लिए मंच बनाया गया था, जहां पर बैनर लगाया गया। या तो बैनर बनवाने की जिम्मेदारी लेने वाले को सामान्य हिंदी की जानकारी भी नहीं थी। या फिर ठेके पर दे दिया गया। क्या लिखा गया है, यह पढ़ने या देखने तक की जहमत नहीं उठाई।
“अंर्तराष्ट्रीय” योग दिवस लिखा हुआ था। जबकि होना चाहिए था “अंतरराष्ट्रीय योग दिवस”। पहली नजर में बैनर पढ़ते ही ऐसा लगा कि स्वादिष्ट व्यंजन में कंकड़ का मख्खी का आ जाना। योग का “लोगो” भी अंग्रेजी वाला था जबकि बैनर पूरा हिंदी वाला ही था। जिम्मेदार ने थोड़ी भी जिम्मेदारी का निर्वाह किया होता तो हिंदी वाला लोगो लगवा सकता था। ऐसे दो बैनर लगे। दूसरे बैनर के साथ युवा वर्ग सेल्फी ले रहे थे और फोटो खिंचवा रहे थे।

नहीं दिया योग निर्देशक को कॉलर माइक

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नेहरू स्टेडियम में हजारों महिला, पुरुष व युवा योग प्राणायाम के लिए मौजूद थे। सभी को योग करवाने के लिए मंच पर योग निर्देशक आशा दुबे मौजूद थीं, किंतु जिम्मेदारों ने उनकी उपेक्षा की। उन्हें कॉलर माइक नहीं दिया गया। इसके चलते आशा दुबे उपस्थितों को योग क्रियाओं का निर्देश नहीं दे पाई। इस तरह मुख्य आयोजन में उपस्थित लोगों ने दो एलईडी स्क्रीन पर देखकर ही योगा किया। “मुद्दे” की बात तो यह है कि अव्यवस्था के चलते योग विशेषज्ञ की सेवा नहीं ली गई। वे केवल खड़ी रही। उनके योग कौशल का लाभ नहीं ले पाए।

यह थे मौजूद

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शिविर में मुख्य अतिथि आलोट विधायक मनोज चावला के अलावा, महापौर सुनीता यार्दे, यास्मिन शेरानी, कलेक्टर रुचिका चौहान, एसपी गौरव तिवारी, जिला पंचायत सीईओ सोमेश मिश्रा, प्राध्यापक, व्याख्याता, सहित अधिकारी, कर्मचारी, समाजसेवी मौजूद थे। संचालन आशीष दशोत्तर ने किया।

जिम्मेदारों पर क्या कार्रवाई होगी

उल्लेखनीय है कि कलेक्टर रुचिका चौहान 20 जून तक अवकाश पर थीं। तैयारियों का जिम्मा जिन्हें दिया था, उन लापरवाहों पर क्या करवाई कलेक्टर द्वारा की जाएगी या फिर वरद हस्त रहेगा।

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