10 अगस्त मुंबई में खास : मुंबई ने मुझे दोस्त, काम, बीवी बच्चे, घर, प्यार दिया, संघर्ष भी रहा, सफलता, असफलता भी हाथ लगी, दिया खुशी से जीने का साहस, कह गए सतीश अलविदा
⚫ 1983 में आई ‘जाने भी दो यारों’ फिल्म से एक्टिंग करियर की शुरुआत
⚫ 100 से अधिक फिल्मों में किया काम
⚫ बतौर निर्देशक भी खूब कमाया नाम
हरमुद्दा
नई दिल्ली, 9 मार्च। सतीश कौशिक के लिए 10 अगस्त खास होता था। उन्होंने खुद अपने ट्विटर (Twitter) हैंडल से एक ट्वीट कर इस बारे में बताया था। इस ट्वीट में उन्होंने लिखा- ‘मैं एक्टर बनने के लिए 9 अगस्त, 1979 को पश्चिम एक्सप्रेस से मुंबई आया था। 10 अगस्त मुंबई में मेरी पहली सुबह थी। मुंबई ने मुझे दोस्त दिए, काम दिया, बीवी दी, बच्चे दिए, घर दिया, प्यार दिया, संघर्ष भी रहा, सफलता भी मिली, असफलता भी हाथ लगी और खुशी से जीने का साहस दिया। गुड मॉर्निंग मुंबई और उन सभी को जिन्होंने मुझे मेरे ख्वाबों से ज्यादा दिया। शुक्रिया…’। 66 वर्ष की उम्र में श्री कौशिक बॉलीवुड की दुनिया को अलविदा कह गए।
बॉलीवुड एक्टर और सतीश कौशिक के करीबी दोस्त अनुपम खेर ने उनकी मौत की पुष्टि की। कौशिक का पार्थिव शरीर इस समय गुड़गांव के फोर्टिस अस्पताल में रखा गया है। पोस्टमार्टम के बाद आज दोपहर में उनका पार्थिव शरीर उनके मुम्बई स्थित आवास पर लाया जाएगा और फिर यहीं पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। श्री खेर ने बताया कि सतीश कौशिक किसी से मिलने के लिए गुड़गांव में एक फार्महाउस गए हुए थे। फार्महाउस से लौटते वक्त कार में सतीश कौशिक को आया हार्टअटैक आया और फिर उन्हें गुड़गांव के फोर्टिस अस्पताल ले जाया गया।
“जाने भी दो यारो” से शुरुआत
दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद सतीश कौशिक ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एडमिशन लिया था। 1983 में आई ‘जाने भी दो यारों’ फिल्म से उनके एक्टिंग करियर की शुरुआत हुई थी। सतीश कौशिक ने 100 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। साल 1993 में ‘रूप की रानी, चोरों का राजा’ से बतौर निर्देशक उन्होंने अपनी पारी शुरू की और इसके बाद एक दर्जन से अधिक फिल्मों का निर्देशन किया।
अनिल के साथ ज्यादा नजर आए सतीश
सतीश कौशिक को अभिनय में पहचान मिस्टर इंडिया फिल्म से मिली। इस फिल्म में उन्होंने कैलेंडर का किरदार निभाया था। अनिल कपूर की ज्यादातर फिल्मों में सतीश कौशिक नजर आए। उन्होंने हास्य के साथ-साथ गंभीर किरदारों को भी निभाया। सतीश कौशिक को 1990 में फिल्म ‘राम लखन’ और 1997 में फिल्म ‘साजन चले ससुराल’ के लिए सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता का फिल्मफेयर अवार्ड दिया गया था।
नहीं होते थे वह कभी भी उदास और निराश
सतीश कौशिक ने 7 मार्च को आखिरी ट्वीट किया था। होली पार्टी कर वह बेहद खुश थे और होली में शामिल लोगों को खास तौर पर टैग किया था। सतीश कौशिक की खास बात यह थी कि वह उदास और निराश नहीं होते थे। सतीश कौशिक अक्सर ‘रूप की रानी, चोरों का राजा’ के फ्लॉप होने का मजाक उड़ाते थे। बोनी और अनिल कपूर भी सतीश कौशिक पर ‘रूप की रानी, चोरों का राजा’ के फ्लॉप होने को लेकर किस्से सुनाया करते थे। उल्लेखनीय है कि ‘रूप की रानी, चोरों का राजा’ बहुत बड़े बजट की फिल्म थी। इस फिल्म के फ्लॉप होने से बोनी और अनिल कपूर की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई थी, लेकिन इसके बाद भी उनके रिश्ते सतीश कौशिक से हमेशा अच्छे बने रहे।
शशि के संग 1985 में की शादी
उनके परिवार की बात करें तो साल 1985 में उन्होंने शशि कौशिक संग सादी की थी और उनके दो बच्चे थे। उनका बेटा शानू कौशिक 1996 में सिर्फ दो साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह गया था। इसके बाद एक्टर ने साल 2012 में सरोगेसी के जरिए बेटी वंशिका का स्वागत किया।
इन खास फिल्मों के रहे हिस्सा
सतीश कौशिक ने एक्टिंग में साल 1983 में फिल्म जाने भी दो यारों से शुरुआत की थी. इसके अलावा वो ‘मिस्टर इंडिया’ और साजन चले ससुराल, आंटी नंबर वन जैसी कई हिट फिल्मों का हिस्सा रहे. एक्टिंग के अलावा उन्होंने निर्देशन में भी कई हिट फिल्में दीं जिनमें सलमान खान की तेरे नाम, क्योंकि, हम आपके दिल में रहते हैं शामिल हैं।