सांस्कृतिक सरोकार : जैन सोशल ग्रुप संगिनी उमंग ग्रुप के बैनर तले 20 पदाधिकारियों का किया सम्मान

⚫ सभी को एकजुट रख सकती है महिलाएं समाज सेवा के माध्यम से : गादिया

⚫ प्रस्तुत किया सेवा कार्यों का लेखा-जोखा

हरमुद्दा
रतलाम, 15 मार्च। जैन सोशल ग्रुप संगिनी उमंग ग्रुप द्वारा सागोद रोड स्थित चंपा विहार में पदाधिकारियों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम के अतिथि जेएसजीआईएफ चेयरमैन प्रितेश गादिया, जेएस जीआईएफ पूर्व उपाध्यक्ष देवेंद्र कोठारी, एमपी रीजन उपाध्यक्ष ललित काठेड थे।

कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों तथा संस्थापक अध्यक्ष रमिला सकलेचा ने भगवान महावीर स्वामी के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलन किया। अतिथियों का स्वागत उमंग पदाधिकारियों ने किया।

महिलाएं पहुंचे जरूरतमंद तक

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अतिथि प्रीतेश गादिया ने कहा कि महिलाएं समाज सेवा के माध्यम से सभी को एकजुट रख सकती है तथा जरूरतमंद तक पहुंच सकती है । ललित कांठेड ने  नारी शक्ति का महत्व बताते हुए उन्हें माँ नव दुर्गा का स्वरूप् निरूपित किया । वही दीपेंद्र कोठारी ने उमंग के सेवा गतिविधियों की सराहना करते हुए कहा कि यह समाज सेवा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगी ।

प्रस्तुत किया सेवा कार्यों का लेखा-जोखा

संस्थापक अध्यक्ष रमिला जैन ने 4 साल के दौरान किए गए सेवा कार्यों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया तथा सहयोग के लिए सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया । इस दौरान अतिथियों ने संस्थापक अध्यक्ष रमिला जैन का प्रतीक चिह्न तथा माला पहना कर सम्मान किया।

ग्रुप के बीच का किया सम्मान

इस दौरान पदाधिकारियों उपाध्यक्ष संगीता कांठेड़ ,मीना गादिया, सचिव प्रतिभा पाटनी, सह सचिव विजया लुनिया, कोषाध्यक्ष  उषा लुणावत, तथा ग्रुप के 20 पदाधिकारियों  व आजाद लोढ़ा ,अरविंद कटारिया का सम्मान किया गया। उल्लेखनीय है कि उमंग की सेवा गतिविधियों को शैक्षिक अवार्ड सहित विभिन्न अवॉर्ड ओं से उज्जैन मुंबई तथा नीमच में नवाजा गया है।

यह थे मौजूद

कार्यक्रम में मुकेश जैन, डॉ. अभय चौपड़ा, चंद्र प्रकाश भंडारी, राजेश कटारिया, अशोक चौपड़ा, अभय सकलेचा, राजेंद्र बाफना, महेंद्र पोरवाल, प्रमोद पाटनी, अनिल कटारिया, जवाहरलाल लूनिया, राजू लुनिया, निर्मल लूनिया, संतोष ओरा, नरेंद्र चोरर्डिया, इंदरमल लूणावत सहित विभिन्न सदस्य मौजूद थे। संचालन विजया लुनिया तथा बिंदु कटारिया ने किया। आभार  संगीता कांठेड़ ने माना।

फोटो : राकेश पोरवाल

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