कोर्ट का फैसला : माफिया-राजनेता अतीक अहमद सहित तीन आरोपियों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा

⚫ पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले है आरोपी

⚫ प्रमुख गवाह रहे उमेश पाल के अपहरण और हत्या का भी है आरोपी

हरमुद्दा
प्रयागराज, 28 मार्च। पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले के प्रमुख गवाह रहे उमेश पाल के अपहरण के मामले में माफिया-राजनेता अतीक अहमद समेत तीन आरोपियों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

प्रयागराज कोर्ट

प्रयागराज एमपी-एमएलए कोर्ट ने माफिया से नेता बने अतीक अहमद को उम्रकैद की सजा सुनाई है। उस पर 5 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने इस मामले में अतीक अहमद, दिनेश पासी और खान सौलत हनीफ को दोषी करार दिया था। अतीक अहमद के भाई अशरफ (Ashraf) सहित अन्य सभी 7 अभियुक्तों को बरी कर दिया गया है। राजू पाल हत्याकांड मामले के गवाह उमेश पाल के अपहरण के मामले में मंगलवार को यहां  प्रयागराज  अदालत में पेश किया गया। जिसमें कोर्ट ने अतीक को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। 

12 बजे पेश किया अदालत में

प्रयागराज की एक विशेष अदालत ने पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले के प्रमुख गवाह रहे उमेश पाल के अपहरण के मामले में माफिया-राजनेता एवं पूर्व सांसद अतीक अहमद समेत तीन आरोपियों को मंगलवार को दोषी करार दिया। माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ को मंगलवार को उमेश पाल के अपहरण मामले में प्रयागराज की सांसद-विधायक (एमपी-एमएलए) अदालत में दोपहर 12 बजे के आसपास पेश किया गया।

फांसी की सजा का है प्रावधान

एमपी-एमएलए अदालत के न्यायाधीश दिनेश चंद्र शुक्ला ने वर्ष 2006 में हुए उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक अहमद, उसके वकील सौलत हनीफ और साथी दिनेश पासी समेत तीन आरोपियों को दोषी करार दिया है। तीनों को भारतीय दंड संहिता की धारा 364-ए के तहत दोषी माना गया है। इसमें अधिकतम फांसी की सजा का प्रावधान है। फ़िलहाल कोर्ट  ने उम्र कैद की सजा सुनाई है।  

11 अभियुक्त के खिलाफ दाखिल हुआ था आरोप पत्र

अदालत ने अतीक के भाई अशरफ समेत सात आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। इस मामले में कुल 11 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था। सुनवाई के दौरान उनमें से एक की मौत हो गयी थी। तत्कालीन जिला पंचायत सदस्य उमेश पाल 25 जनवरी, 2005 को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विधायक राजू पाल की हत्या के मामले का चश्मदीद गवाह था। राजू पाल हत्याकांड मामले में अतीक अहमद आरोपी है। 

24 फरवरी को कर दी थी उमेश की हत्या

उमेश पाल

उमेश ने आरोप लगाया था कि जब उसने अहमद के दबाव में पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी, 2006 को उसका अपहरण कर लिया गया था। अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ पांच जुलाई, 2007 को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अदालत में पेश किए गए आरोप पत्र में 11 आरोपियों का जिक्र किया गया था। उमेश पाल और उसकी सुरक्षा में तैनात दो पुलिसकर्मियों की इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

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