कलेक्टर की नाराजगी : कार्यपालन यंत्री की वित्तीय भूमिका जांच के घेरे में, तो पंचायत सचिव के विरुद्ध कार्रवाई
⚫ कलेक्टर के नॉलेज में लाए बिना भुगतान नहीं
⚫ नानक इंफ्रा पर 10 प्रतिशत की पेनल्टी
हरमुद्दा
रतलाम, 17 अप्रैल। कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने सोमवार को नाराजगी भरे लहजे में कार्यपालन यंत्री के विरुद्ध आपत्ति जताते हुए वित्तीय भूमिका के मामले को जांच के घेरे में ले लिया है। वही कार्य की पूर्णता में अड़ंगा लगाने वाले पंचायत सचिवों को विरुद्ध भी सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
कार्यपालन यंत्री की वित्तीय भूमिका की जांच के निर्देश
कलेक्टर श्री सूर्यवंशी द्वारा बैठक में कार्यपालन यंत्री पीके गोगादे की कार्यप्रणाली के विरुद्ध सख्त नाराजगी व्यक्त की गई। कलेक्टर ने कहा कि कार्यपालन यंत्री ने कार्यों के अपूर्ण रहने की स्थिति में भी ठेकेदारों को शत-शत प्रतिशत भुगतान कर दिया है जो कि सख्त आपत्तिजनक है। कलेक्टर ने सीईओ जिला पंचायत श्रीमती भिड़े को निर्देशित किया कि कार्यपालन यंत्री की वित्तीय भूमिका की जांच की जाकर रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
अब भुगतान होगा कलेक्टर के नॉलेज में
जल जीवन मिशन के कार्यों की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने विभाग के कार्यपालन यंत्री द्वारा ठेकेदारों को अपूर्ण कार्य की स्थिति में भी भुगतान पूर्ण कर दिए जाने पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देशित किया कि अब ठेकेदारों को जो भी भुगतान होगा वह कलेक्टर के नॉलेज में लाकर ही किया जाएगा।
नानक इंफ्रा पर 10 प्रतिशत पेनल्टी
बैठक में समीक्षा के दौरान पाया गया कि ठेकेदार नानक इंफ्रा गुजरात द्वारा अपना कार्य खराब ढंग से किया गया। कई कार्य उनके द्वारा पूर्ण नहीं किए गए हैं। कलेक्टर ने उक्त ठेकेदार के विरुद्ध 10 प्रतिशत पेनल्टी लगाने और उनकी जमा राशि जप्त करने तथा एफआईआर कराने के निर्देश दिए। कंपनी ने कार्य पूरा नहीं किया जबकि कार्यपालन यंत्री द्वारा संपूर्ण भुगतान कर दिया गया। इस मामले में कार्यपालन यंत्री की भूमिका की जांच भी करने के निर्देश दिए।
कार्य पूर्णता में अड़ंगा डालने वाले पंचायत सचिवों के विरुद्ध भी कार्रवाई के निर्देश
बैठक में कलेक्टर श्री सूर्यवंशी द्वारा जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी को निर्देशित किया गया कि यदि नल जल योजनाओं के क्रियान्वयन में पंचायत सचिवों द्वारा बाधा उत्पन्न की जाती है अथवा पंचायत को हस्तांतरण के संबंध में कोई परेशानी उत्पन्न की जाती है तो उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए।