सामाजिक सरोकार : जिले में 6 हजार स्वसहायता समूहों से जुडे हैं 66 हजार से अधिक परिवार
⚫ महिलाएं समूहों में जुडकर अपने परिवारों को दे रही हैं आर्थिक मजबूती
हरमुद्दा
रतलाम, 21 अप्रैल। जिले मे लगभग 6000 स्वसहायता समूहों में 66800 परिवार संगठित हुए हैं एवं अपनी बैठकों के माध्यम से विभिन्न सामाजिक एवं आर्थिक समस्याओं का समाधान कर रहे है। समूहों को संरक्षण एवं दिशा देने के लिये इन समूहों ने 603 ग्राम स्तरीय एवं 25 संकुल स्तरीय परिसंधों का गठन किया है।
मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन जिला रतलाम में वर्ष 2018 से सघन रूप से प्रारंभ होकर ग्रामीण गरीब परिवारों की महिलाओ को संगठित कर उनके सामाजिक एवं आर्थिक उन्नति हेतु प्रयासरत है। कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी के निर्देशन में मिशन अन्तर्गत ग्रामीण परिवारों की गरीब महिलाएं स्वयं के प्रयासों से गरीबी से बाहर निकलने के लिये कृत-संकल्पित है।
आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा रहे परिवार को
जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी जमुना भिडे ने बताया कि समूहों के आर्थिक उन्नयन हेतु शासन से वर्तमान तक 4217 स्वयं सहायता समूहों को राशि 663.48 लाख रुपए का रिवाल्विंग फण्ड, 2180 समूहों को 1992.00 लाख रुपए की सामुदायिक निवेश निधि एवं 3000 से अधिक समूहों को 50 करोड़ रुपए से अधिक का बैंक ऋण उपलब्ध कराया गया है। उक्त राशि का उपयोग समूह सदस्यों द्वारा विभिन्न आजीविका गतिविधियों मे किया जाता है जिससे समूह सदस्य उपयोग कर स्वयं को व परिवार को आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा रहे है।
अनेक गतिविधियों का संचालन
एनआरएलएम के जिला प्रबंधक हिमांशु शुक्ला द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मिशन अंतर्गत राशि के उपयोग से विभिन्न आजीविका संवर्धन के कार्य किये जा रहे है। गैर कृषि आजीविका गतिविधियों के अतर्गत 10729 स्वसहायता समूह सदस्यों द्वारा अचार निर्माण, मसाला निर्माण, दालें, रेशम, चूडी निर्माण, झूमर निर्माण, बैग निर्माण, लाख की चूडियां, पापड निर्माण, चिप्स निर्माण, नमकिन निर्माण, साफ्ट टाय निर्माण, चप्पल निर्माण, मिट्टी से निर्मित सामग्री, जैविक खाद, ब्लाक प्रिटिंग चादर, सेनेटरी नेपकिन किराना एवं होटल व्यवसाय, ब्यूटी पार्लर, दीदी कैफे आदि गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। साथ ही कृषि एवं पशुपालन आजीविका विकास कार्यों के अंर्तगत 33464 स्वसहायता समूह सदस्यों द्वारा उन्नत कृषि एवं फलोद्यान, व्यवसायिक, सब्जी, उत्पादन, नर्सरी, संचालन, मुर्गीपालन एवं मछलीपालन एवं अन्य पशुपालन गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है।
विकास हेतु निरंतर प्रयासरत
जिले में मिशन अंतर्गत ग्राम स्तर पर वित्तिय सुविधओं की पहुच सुनिश्चित करने के लिये 235 स्वसहायता समूह सदस्यों को बैक सखी, बीसी सखी के रूप में प्रशिक्षित कर सथापित किया है जिसमें से 27 समूह सदस्यों द्वारा कामन सर्विस सेंटर की स्थापना कर कार्य प्रारंभ किया गया एवं 90 समूह सदस्यों द्वारा एयरटेल पेमेन्ट बैंक के करसपोंडेंस के रूप मे से कार्य किया जा रहा है। मिशन अधिकाधिक ग्रामीण गरीब परिवारों को समूह में संगठित करते हुए विकास हेतु निरंतर प्रयासरत है।