पूर्व गृहमंत्री की भोपाल यात्रा में हुई मुद्दे की बात : जन हितैषी विभिन्न मुद्दों पर हुई चर्चा, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए निर्देश
⚫ विभाजित भूखंडों के नामांतरण, निर्माण स्वीकृति, कनेरी डेम के जल की रतलाम के लिए उपयोगिता, सुभाष नगर और सागोद ओवर ब्रिज शीघ्र पूर्ण करने पर हुई से चर्चा
⚫ जनहित के मुद्दों को लेकर पूर्व गृहमंत्री कोठारी ने प्रतिनिधिमंडल के साथ मुख्यमंत्री से की मुलाक़ात
हरमुद्दा
रतलाम, 7 मई। रतलाम शहर के जन हित के कई मुद्दों और आमजन से जुड़ी समस्याओं को लेकर पूर्व गृहमंत्री हिम्मत कोठारी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मण्डल भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिला। इस मुलाक़ात में प्रतिनिधिमंडल ने विभाजित भूखंडों के नामांतरण, निर्माण स्वीकृति, भूमि नामांतरण के मामले में 1956-1957 के रिकॉर्ड की अनिवार्यता को समाप्त करने, कनेरी डेम के जल की रतलाम के लिए उपयोगिता, सुभाष नगर और सागोद ओवर ब्रिज शीघ्र पूर्ण करने पर विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने सभी मुद्दों को हल करने के लिए तत्काल मुख्यमंत्री निवास के संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
श्री कोठारी प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को बताया की रतलाम में नगर सुधार न्यास या अन्य अर्द्धशासकीय संस्थाओं द्वारा आवंटित भूखंडों के विभाजित टुकड़ों का पंजीयन तो हो रहा है, लेकिन नगर निगम द्वारा उस पर नामांतरण और निर्माण की अनुमति नहीं दी जा रही है जिससे छोटे और मध्यम वर्गीय आम जन बहुत परेशान हो रहे है, शीघ्र ही इस समस्या के निराकरण का निवेदन किया।
बन गया परेशानी का सबब
रतलाम में पाँच बिस्वा भूमि को अवैध घोषित किए जाने के प्रशासन के फ़ैसले पर प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि की यह निर्णय परेशानी का सबब बन गया है। सरकार स्वयं दो बिस्वा के पंजीयन को वैध बता रही है और रतलाम ज़िला प्रशासन ने पाँच बिस्वा भूमि को अवैध की श्रेणी में डाल दिया हे।
अनिवार्यता व्यावहारिक नहीं
प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि रतलाम ज़िला प्रशासन द्वारा एन ओ सी तथा निर्माण स्वीकृति आदि में 1956–57 से 62 के राजस्व रिकॉर्ड की अनिवार्यता की गई है जो कि व्यावहारिक नहीं होकर विसंगति पूर्ण है और यह नियम पूरे प्रदेश में भी केवल रतलाम जिले में ही लागू है। 1956–57 से 62 का पूर्ण राजस्व रिकॉर्ड स्वयं जिला प्रशासन के पास भी उपलब्ध नहीं है। बंदोबस्त के दौरान जानकारी के अभाव में अधिकतर भूमि या भवन स्वामी अपना नाम इंद्राज नहीं करवा पाए थे। सन 1956 57 से 62 तक के रिकॉर्ड के अभाव कई नामांतरण खारिज किए गए है जिससे जिले भर के किसान और नागरिक परेशान हो रहे हे, इस बात पर भी प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री जी का ध्यान आकर्षित किया।
कनेरी डेम लबालब फिर भी रतलाम प्यासा
श्री कोठारी ने दो वर्ष से लबालब भरे कनेरी डेम के पानी का उपयोग से उद्योग जगत और रतलाम की पेयजल की समस्या को दूर करने हेतु सुझाव देते हुए कहा कि बहुत ही कम लागत में रतलाम शहर की पानी की समस्या से निजात दिलाया जा सकता है। श्री कोठारी ने कई जनहित के मुद्दों पर मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित करते हुए आम जनता को राहत प्रदान करने का निवेदन किया। मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को इन समस्या को हल करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
प्रतिनिधिमंडल में यह थे साथ
श्री कोठारी के साथ भोपाल गए प्रतिनिधि मण्डल में ज़िला सहकारी बैंक अध्यक्ष अशोक चौटाला, पूर्व निगम अध्यक्ष दिनेश पोरवाल, पिछड़ा मोर्चा महामंत्री दिनेश राठौर, भाजयुमो के पूर्व ज़िलाध्यक्ष विकास कोठारी , पूर्व प्रेस क्लब अध्यक्ष राजेश जैन, राजेश चौहान, विपुल मेहता, पूर्व जिला महामंत्री चंद्र प्रकाश औसतवाल, नगर पालिका जावरा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अशोक सेठिया, सर्राफ़ा एसोसिएशन जावरा के अध्यक्ष प्रकाश कोठारी, ओम प्रकाश जैन शामिल थे।