ऐसा ही होता है भाजपा की नगर सरकार में : तीन महापौर, तीन पार्षद, यहां तक की वार्ड का नंबर भी बदल गया, नहीं बदला तो बस अब तक ट्रांसफार्मर, लोड बढ़ने से 8 से 10 बार होती है बिजली बंद, आमजन परेशान
⚫ यह समस्या है तत्कालीन वार्ड नंबर 39 के लोगों की
⚫ कांग्रेस पार्षद ने मंजूर करवाया था हेवी ट्रांसफार्मर
⚫ इसे कर्मचारियों की मक्कारी कहें या भाजपा नगर सरकार की नाकामी
⚫ भाजपा की महापौर भी थी इसी वार्ड की
हरमुद्दा
रतलाम, 26 मई। तीन महापौर, तीन पार्षद, यहां तक की वार्ड का नंबर भी बदल गया, नहीं बदला तो बस अब तक ट्रांसफार्मर। लोड बढ़ने से 8 से 10 बार बिजली बंद होती है। आमजन परेशान हैं। गर्मी के कारण आम जनता से परेशान हैं। अब यह समझ में नहीं आता है कि इसे कर्मचारियों की मक्कारी के हैं या भाजपा नगर सरकार की नाकामी। आमजन सुविधाओं के लिए मोहताज हैं। मंजूर ट्रांसफार्मर लगवाने में इसी वार्ड की तत्कालीन महापौर भी कुछ नहीं कर पाई।
बात हो रही है हनुमान रुंडी, सुनार बावड़ी क्षेत्र के तत्कालीन वार्ड क्रमांक 39 की। मुद्दे की बात तो यह है कि 2004 से 2009 के कार्यकाल में वार्ड से कांग्रेस के पार्षद सतीश राठौड़ ने आमजन की समस्याओं के मद्देनजर हेवी ट्रांसफार्मर मंजूर करवाया था ताकि बिजली ट्रिपिंग की समस्या से लोगों को निजात मिले।
तत्कालीन पार्षद सतीश राठौड़
बार-बार बिजली नहीं जाए, मगर आज तक ट्रांसफार्मर नहीं लगाया गया। नतीजतन आज भी दिन में 8 से 10 बार लोड बढ़ने के कारण बिजली बंद हो जाती है, जो कि तकरीबन 30 मिनट के बाद सुधरती है। भीषण गर्मी में आमजन परेशान हैं मगर सुनने वाला कोई नहीं है। ध्यान देने वाला कोई नहीं।
सालों से भाजपा की नगर सरकार नहीं बदलवा पाई ट्रांसफार्मर
क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि भाजपा की नगर सरकार होने के बावजूद भी मतदाताओं को परेशान होना पड़ रहा है। खास बात तो यह रही कि वार्ड नंबर 39 में ही रहने वाली महापौर आशा मौर्य भी ट्रांसफार्मर नहीं लगवा पाई। इसके बाद भी पार्षद और महापौर आए मगर वह भी वार्ड नंबर 39 की बिजली ट्रिपिंग की समस्या का समाधान नहीं करवा पाए।
सब के सब आया राम गया राम हुए साबित
2009 में महापौर आशा मौर्य का कार्यकाल समाप्त होने के पश्चात शैलेंद्र डागा का कार्यकाल आया। तत्पश्चात डॉ. सुनीता यारदे महापौर बनी। तीन तीन भाजपा के महापौर बने। वर्तमान में चौथे भाजपा के महापौर हैं, मगर समस्या जस की तस रही। कोराना काल में जिला प्रशासन के आला अफसर भी नगर निगम की जिम्मेदारी संभालते हुए ट्रांसफार्मर नहीं लगवा पाए। सब के सब आया राम गया राम साबित हुए। मुद्दे की बात यह भी है कि बाद वाले पार्षदों ने भी ध्यान नहीं दिया कि पूर्व पार्षद क्या-क्या योजनाएं मंजूर करवा गए थे उन्हें पूरा करवाने में रुचि ले लेते तो भी समस्या का समाधान हो जाता।
वार्ड का नंबर बदल गया, लेकिन ट्रांसफार्मर नहीं
तत्कालीन पार्षद श्री राठौड़ ने बताया कि जब ट्रांसफार्मर स्वीकृत किया गया था। तब वार्ड नंबर 39 था, अब 43 हो चुका है लेकिन लोगों की समस्या का समाधान नहीं हो पाया। वर्तमान में भी भाजपा की पार्षद है, उन्होंने भी अब तक कोई ध्यान नहीं दिया है।
समस्या का करवाएंगे समाधान
मुझे जानकारी में नहीं है कि हेवी ट्रांसफार्मर मंजूर करवाया गया है। यदि ऐसा हुआ है तो अधिकारियों से चर्चा कर वार्ड में हैवी ट्रांसफार्मर लगवाए जाएगा, ताकि आमजन की समस्याओं का समाधान हो सके। गर्मी में दिक्कत ना हो। यह बात सही है कि आप लोगों के पास साधन भी बढ़ गए हैं। बिजली की खपत बढ़ रही है। लोड बढ़ रहा है। शीघ्र ही समस्या का समाधान करवाया जाएगा।
⚫ प्रीति संजय कसेरा, पार्षद, वार्ड क्रमांक 43, नगर निगम, रतलाम