अधिवक्ता परिषद का प्रांतीय अधिवेशन : अलग नहीं हो सकते न्याय व धर्म

⚫ न्यायमूर्ति विजय कुमार शुक्ला ने कहा

⚫ अधिवेशन में 16 जिलों के अधिवक्ताओं ने भाग लिया

हरमुद्दा
रतलाम 18 जून। प्राचीन काल की न्याय व्यवस्था धर्म के आधार पर चलती थी। राजा धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन करके न्याय करता था। वर्तमान परिदृश्य में सारी शक्तियां राज्य में समाहित है। इसलिए सारे अधिकार और कर्तव्य संविधान में है। न्याय व धर्म अलग नहीं हो सकते।

यह विचार उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति विजय कुमार शुक्ला ने व्यक्त किए। न्यायमूर्ति श्री शुक्ला अधिवक्ता परिषद मालवा प्रांत के प्रथम प्रांतीय अधिवेशन में शनिवार को जोधा बाग में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

धर्म के साथ रहने वालों को मिलती है विजयश्री : ज्ञानी

अधिवेशन में भारतीय न्याय शास्त्र राष्ट्र की आवश्यकता विषय पर मुख्य वक्ता न्यायमूर्ति वीडी ज्ञानी ने कहा कि धर्म केवल धारण करने की वस्तु नहीं है। महाभारत में दुर्योधन प्रतिदिन माता गांधारी से विजय होने का आशीर्वाद लेने जाता था लेकिन गांधारी हमेशा कहती थी कि जो धर्म के साथ रहेगा तो वही विजय होगा।

स्थापित होना चाहिए विधि का शासन : ममतानी

विशिष्ट अतिथि के रूप में मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष मनोहर ममतानी ने कहा कि विधि का शासन स्थापित होना चाहिए। अधिवक्ता को अपने कर्तव्य का सजगता से पालन करते हुए न्याय प्रक्रिया में बाधा नहीं बनते हुए सहयोग करना चाहिए।

दीप प्रज्वलन से शुरुआत

दीप प्रज्वलित कर प्रांतीय अधिवेशन का शुभारंभ करते हुए अतिथि

अधिवेशन को परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री डी भरत कुमार, मंत्री दीपेंद्र सिंह कुशवाह क्षेत्रीय मंत्री विक्रम दुबे ने भी संबोधित किया। अतिरिक्त महाधिवक्ता उमेश गजांकुश विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे । प्रारंभ में अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। स्वागत भाषण प्रांत अध्यक्ष उमेश यादव ने दिया।

वरिष्ठ अधिवक्ताओं का किया सम्मान

अधिवेशन के प्रारंभ सत्र में न्यायमूर्ति विजय कुमार शुक्ला ने रतलाम के वरिष्ठ अधिवक्ताओं का शाल व श्रीफल से अभिनंदन किया । वरिष्ठ अधिवक्ता लालचंद ऊबी, चंद्रसिंह पंवार बीएल त्रिपाठी ,बीएल भरावा ,शिवराम पाटिल का सम्मान किया गया। मरणोपरांत भी वरिष्ठ अभिभाषक स्वर्गीय सुरेश चंद्र अग्रवाल , मधु कांत पुरोहित, एचके कटारिया, सुभाषचंद्र भट्ट, मंजुला शुक्ला , के पी सक्सेना का सम्मान किया गया। उनकी ओर से परिजनों ने अभिनंदन पत्र प्राप्त किया ।

तृतीय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का किया सम्मान

अधिवक्ता परिषद द्वारा जिला न्यायालय में कार्यरत लिपिक आशा राजपुरोहित व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कैलाश चंद्र भाटी का भी सम्मान किया गया ।

16 जिलों के अधिवक्ताओं ने भाग लिया

विभिन्न जिलों से आए अधिवक्ता

मालवा प्रांत के प्रथम अधिवेशन में प्रांत के 16 जिलों के अधिवक्ताओं ने भाग लिया। अधिवेशन तीन सत्रों में संपन्न हुआ । लॉ कॉलेज के विद्यार्थियों एवं अधिवक्ताओं ने अपने विचार रखे।

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