सहकारी समितियां प्रत्येक किसानों से पौधारोपण कराने और उनकी देखभाल की जिम्मेदारी लें- कलेक्टर
हरमुद्दा
शाजापुर, 01 जुलाई। पर्यावरण असंतुलन का मूल कारण वृक्षों की कमी होना है। जिले की सभी प्राथमिक सहकारी समितियां प्रत्येक सदस्य किसानों से पौधारोपण एवं उनकी देखभाल कराने की जिम्मेदारी लेते हुए कार्ययोजना बनाए और क्रियान्वित करें। पौधारोपण के उपरांत पालन प्रतिवेदन भी दें।
यह निर्देश डॉ. वीरेन्द्र सिंह रावत ने समयसीमा पत्रों की समीक्षा बैठक में उपायुक्त सहकारिता को दिए। इसी तरह के निर्देश कलेक्टर ने सभी शासकीय विभागों को भी देते हुए कहा कि प्रत्येक विभाग अपने अधिनस्थों के साथ अधिक से अधिक पौधारोपण करें और उनकी रक्षा भी करें। पौधारोपण के उपरांत पालन प्रतिवेदन भी दें।
हम सब की जिम्मेदारी, करें निर्वहन
कलेक्टर डॉ. रावत ने कहा कि हम सबकी जिम्मेदारी है कि अधिक से अधिक पौधारोपण करें और उनकी रक्षा भी करें। सभी विभाग इस संबंध में अपनी प्रोजेक्ट रिपोर्ट एक दिन में प्रस्तुत करें।
निराकरण में आश्वासन नहीं चलेगा
बैठक में मुख्यमंत्री हेल्पलाईन से प्राप्त होने वाली शिकायतों का निराकरण संतोषजनक एवं स्पष्टता के साथ करें, निराकरण में आश्वासन नहीं होना चाहिये। यदि किसी शिकायत का निराकरण संभव न हो तो स्पष्ट रूप से शिकायत बंद कर दें। आगामी विधानसभा सत्र को देखते हुए कलेक्टर ने सभी अधिकारियों से कहा कि विधानसभा प्रश्नों के उत्तर देने के कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दें और समय पर प्रश्नों के उत्तर भिजवाएं।
जांच में तेजी लाएं और त्वरित करें निराकरण
जिन मंदिरों की शासकीय भूमि पर गलत तरीके से निजी व्यक्ति का नाम चढ़ गया हो, ऐसी भूमि को तत्काल शासकीय खाते में दर्ज करने के निर्देश अनुविभागीय अधिकारियों को दिए। प्रधानमंत्री कृषक सम्मान निधि योजना के तहत किसानों के नाम पोर्टल पर दर्ज करने के कार्य में ग्राम पंचायतों के स्थानीय रोजगार सहायकों की मदद प्राप्त करें। इस अवसर पर उन्होंने प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी अरूण कुमार व्यास एवं परियोजना समन्वयक आर.एस. शिप्रे को गुरुजी की अवैधानिक नियुक्ति की जांच में तेजी लाएं और त्वरित निराकरण करें।
यह थे मौजूद
बैठक मेंअपर कलेक्टर नवीत धुर्वे, जिला पंचातत सीईओ शिवानी वर्मा, अनुविभागीय अधिकारी यूएस मरावी, डिप्टी कलेक्टर सुश्री प्रियंका वर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
रेत खनन पर प्रतिबंध
शाजापुर, 01 जुलाई। भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी गाईडलाईन तथा राज्य शासन के निर्देशानुसार कलेक्टर डॉ. वीरेन्द्र सिंह रावत ने 22 जून से 01 अक्टूबर 2019 तक के लिए रेत खनन पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया है। उल्लेखनीय है कि स्थानीय मौसमी परिवर्तनों के आधार पर शासन द्वारा निर्धारित वर्षाकाल अवधि में रेत खनन पर रोक लगाने के लिये जिला कलेक्टर को अधिकृत किया गया है।