धर्म संस्कृति : परम पूज्य गणिवर्य युवा ह्रदय परिवर्तक कल्याण रत्नविजय जी म. सा. का हुआ चातुर्मास के लिए मंगल प्रवेश, अगवानी के लिए रहे हजारों श्रावक श्राविका में मौजूद, लहराई धर्म पताका, गूंज नारे “गुरुजी हमारे आए, नई रोशनी लाए”
⚫ 58 साधु संत एवं 25 साध्वी जी भगवंत के विशाल परिवार के साथ हुआ प्रवेश हनुमानरुंडी पर
⚫ मंगल प्रवेश में साथ चल रहे थे हाथी घोड़े
⚫ देश के विभिन्न स्थानों से आए गुरु भक्त
⚫ आत्म कल्याण के लिए है चातुर्मास : कल्याण रत्नविजय जी म.सा.
हरमुद्दा
रतलाम, 28 जून। सबसे आगे हाथी फिर 27 युवक घोड़े पर धर्मपताका लिए चल रहे थे। उनके पीछे आराधना भवन महिला मंडल की श्राविकाएं सर पर मंगल कलश धारण कर चल रही थी। 30 सदस्यों का नासिक का खड़क वाड़ी ढोल शंखनाद करते हुए चल रहा था। परम पूज्य गच्छाधिपति श्रीमद् विजय रामचंद्र सूरिश्वर जी की तस्वीर सुसज्जित बग्गी में विराजमान थी। रास्ते भर चंद्रवीर परिवार व गुरु भक्त नृत्य करते हुए चल रहे थे। जगह-जगह गुरु भगवंत की भक्त जनों द्वारा गहुंली की गई व आशीर्वाद प्राप्त किया।
यह सब हुआ परम पूज्य गणिवर्य युवा ह्रदय परिवर्तक कल्याण रत्नविजय जी म. सा. और 58 साधु संत एवं 25 साध्वी जी भगवंत के विशाल परिवार के साथ भव्य चातुर्मासिक मंगल प्रवेश के दौरान। मंगल प्रवेश हनुमान रुंडी पर हुआ।
आराधना भवन जैन संघ अध्यक्ष अशोक लुनिया एवं सचिव हिम्मत गेलड़ा ने बताया कि पूज्य कल्याण रत्नविजय जी म. सा. की अगवानी के लिए बड़ी संख्या में श्रावक श्राविकाएं प्रातः से ही चांदमल अतुल कुमार दख के भगतपुरी स्थित निवास स्थान पर पहुंचना शुरू हो गए थे। पूर्व महापौर पारस सकलेचा ने भगत पुरी पहुंचकर गुरु भगवंत की अगवानी की।
विधायक ने की गुरुदेव की अगवानी
भगतपुरी से पूज्य श्री की भव्य स्वागत यात्रा प्रारंभ हुई “गुरुजी हमारे आए हैं नई रोशनी लाए हैं” के नारे लग रहे थे। शहर विधायक चेतन कश्यप ने घास बाजार पहुंचकर गुरु भगवंत का आशीर्वाद प्राप्त किया।
देश के विभिन्न स्थानों से आए गुरु भक्त
गुरु भगवंत की स्वागत यात्रा में देश भर से भक्तजन रतलाम पहुंचे। सिकंदराबाद, पुणे, अहमदाबाद, कोयंबटूर, सूरत, मुंबई, चेन्नई आदि स्थानों से सैकड़ों की संख्या में भक्तजनों ने रतलाम पहुंच कर गुरु भगवंत का आशीर्वाद प्राप्त किया। स्वागत यात्रा में जैन समाज के कई संघों के अध्यक्ष एवं पदाधिकारियों ने भी बड़ी संख्या में अपनी सहभागिता प्रदान की।
आत्म कल्याण के लिए है चातुर्मास : कल्याण रत्नविजय जी म.सा.
स्वागत यात्रा भगतपुरी, चांदनी चौक, बजाजखाना, रानीजी का मंदिर, नाहरपुरा, डालूमोदी, माणकचौक, चोमुखी पुल होते हुए हनुमान रुंडी पहुंचकर धर्मसभा में परिवर्तित हो गई। इस अवसर पर पूज्य गणिवर्य कल्याण रत्नविजय जी म.सा. ने विशाल सभा को फरमाया कि आपको कोई भी कार्य को पूर्ण करने के लिए पहले अपने मन को सेट करना आवश्यक है। मन परिवर्तन करने के लिए जिनवाणी का श्रवण आवश्यक है। यह चातुर्मास अपनी आत्मा का कल्याण करने के लिए ही है।
यह रहे लाभार्थी
इस अवसर पर आज के नवकारसी व स्वागत यात्रा के लाभार्थी चांदमल अतुल कुमार दख एवं स्वामीवात्सल्य के लाभार्थी राकेश कुमार सकलेचा मित्र मंडल जेएमडी परिवार का शाल श्रीफल व रजत मुद्रिका से बहुमान आराधना भवन के ट्रस्टीगण अशोक लुनिया, पप्पू बम्बई वाला हिम्मत गेलड़ा, राजेश गांधी, अमृत जैन, विजय मेहता, पारस मूणत, राजेंद्र लुनिया, जीवन पितलिया द्वारा किया गया।
रविवार को युवाओं के लिए होंगे विशेष शिविर
जैन सोशल ग्रुप यूथ के अध्यक्ष संजय रांका द्वारा पूज्य गुरुदेव की निश्रा में माह जुलाई के पांचों रविवार को होने जा रहे युवा संस्कार उत्सव के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर पूज्य गुरुदेव के प्रथम गुरु पूजन का लाभ इंदिरा बेन रमणिक लाल पानसेर परिवार द्वारा लिया गया।
चातुर्मास के प्रवचन सुबह 9 बजे से
पूज्य गुरुदेव के प्रतिदिन प्रातः 9 से 10:15 तक हनुमान रुंडी पर रामायण महाकथा पर विशेष प्रवचन होंगे एवं रात्रि को सिर्फ पुरुषों के लिए 8:30 से 9:30 तक प्रवचन होंगे। कार्यक्रम का सफल संचालन सचिव हिम्मत गेलड़ा, अमृत जैन व परवेश भाई द्वारा किया गया।