धर्म संस्कृति : बाहर के तनाव को घर लेकर न जाए, बाहर ही छोड़े

आचार्य श्री विजय कुलबोधी सूरीश्वरजी म.सा. ने कहा

साइंटिस्ट, मनोवैज्ञानिक,डॉक्टर की तरह होंगे रविवार को विशेष प्रवचन

हरमुद्दा
रतलाम, 04 जुलाई। वर्तमान समय में हर घर में बुद्धि के कारण तनाव है। आप जब भी घर में जाओ तो दिल लेकर जाओ, बुद्धि नहीं। क्योंकि मां को बेटे की, पत्नी को पति की और बेटे को पिता की जरूरत है। बाहर के तनाव को घर लेकर न जाए बाहर ही छोड़ आए।

यह विचार आचार्य श्री विजय कुलबोधी सूरीश्वरजी म.सा. ने व्यक्त किए। मोहन टाकीज सैलाना वालों की हवेली में श्री देवसूर तपागच्छ चारथुई जैन श्रीसंघ गुजराती उपाश्रय, श्री ऋषभदेवजी केशरीमलजी जैन श्वेताम्बर तीर्थ पेढ़ी रतलाम के तत्वावधान में प्रवचन के दौरान आचार्य श्री ने कहा कि हमारी सोच जीयो और जीने दो की होना चाहिए। किसी की विफलता या उसके कम होने पर उससे नाराज नहीं होना चाहिए।

धर्म सभा में मौजूद श्रद्धालु

विश्वास के साथ करें प्रयत्न मिलेगी सफलता

उन्होने कहा कि चंद्रयान मंगल तक जाने के लिए निकला था और कुछ किलोमीटर की दूरी के पूर्व ही वह खत्म हो गया। इस अभियान में करोड़ों रुपए की राशि लगी, कई सालों की साइंटिस्टो की मेहनत थी। इतनी बड़ी विफलता का दुख सबको था लेकिन मायूसी किसी के चेहरे पर नहीं थी। क्योंकि उन्हें स्वयं पर विश्वास है कि वह फिर से प्रयत्न कर सफलता हासिल करेगें। लेकिन हम बच्चे का 1% नंबर भी कम आता है तो उसे डांटते हैं, जो ठीक नहीं है उन्हे डाटो मत, क्योंकि बच्चों के पास दिल होता है।

दिल के पास केवल श्रद्धा की भाषा होती है बुद्धि की नहीं

दिल के पास केवल श्रद्धा की भाषा होती है बुद्धि की नहीं।
आचार्य श्री ने 4 तरह की यात्रा सिद्धि, बुद्धि, शक्ति और शांति की यात्रा के बारे में कहा कि जो लोग दिल का उपयोग करते हैं, उनके साथ बुद्धि का इस्तेमाल भूलकर भी मत करना। जिंदगी में अब तक की यात्रा से आप भले खुश हो,लेकिन शांति की यात्रा मन के अंदर की है। आपके पास देखने के लिए टीवी सेट है, पहनने के लिए डायमंड सेट, खाने के लिए डाइनिंग सेट और बैठने के लिए सोफा सेट है, लेकिन आपका माइंडसेट नहीं है।

साइंटिस्ट, मनोवैज्ञानिक,डॉक्टर की तरह होंगे रविवार को विशेष प्रवचन

आचार्य श्री ने बताया कि मानवता का ग्रंथ सबसे बड़ा है। सिद्धि, बुद्धि, शक्ति के बाद शांति की यात्रा आती है। हमें शांति की यात्रा करना है। उन्होंने कहा कि रविवार को बच्चों के लिए आयोजित विशेष प्रवचन में वे एक साइंटिस्ट और एक मनोवैज्ञानिक डॉक्टर की तरह प्रवचन देंगे न कि धार्मिक इसलिए अपने बच्चों को प्रवचन में अवश्य भेजें।

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