हमारी नई शिक्षा नीति-2020 : क्लास रूम टीचिंग में सीखने के कौशल कहलाते हैं 4C’S ऑफ एजुकेशन

सरकारी और गैर-सरकारी स्कूलों की टीचिंग टेक्निक में इन्हें शामिल करना जरूरी

⚫ भविष्य की दुनिया में कार्य-स्थलों पर ये कौशल अनिवार्य

🟥 गजेंद्र सिंह राठौर

21 वीं सदी के कौशल का विद्यार्थियों में विकास आज की आवश्यकता है। हमारी नई शिक्षा नीति-2020 इसी पर जोर देती है। इसके अंतर्गत सीखने के कौशल, साक्षरता और जीवन कौशल आते हैं। क्लास रूम टीचिंग में सीखने के कौशल 4C’S ऑफ एजुकेशन कहलाते हैं। सभी सरकारी और गैर-सरकारी स्कूलों को इन कौशलों के विकास के लिए अपने शिक्षको की टीचिंग टेक्निक में इन्हें शामिल करना है, ताकि ये कौशल विकास शिक्षण से अलग न लगे।

क्रिटिकल थिंकिंग, क्रिएटिविटी, कोलैबोरेशन, कम्युनिकेशन मिलकर लर्निंग स्किल्स को प्रभावी बनाते हैं। इन्हें ही हम 4C’S ऑफ एजुकेशन कहते हैं। विद्यार्थियों को प्रॉब्लम सॉल्विंग कैपेसिटी, मुद्दों पर गहरी समझ, एक टीम के रूप में कार्य करने में और टेक्नोलॉजी के निरन्तर विकास के दौर में सूचना और साधनों का सही तरीके से विस्तार सहज रूप में आना चाहिए। भविष्य की दुनिया में कार्य-स्थलों पर ये कौशल अनिवार्य जान पड़ते हैं।

बच्चों के बीच राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त नवाचारी शिक्षक श्री राठौर

नई शिक्षा नीति वैश्विक परिप्रेक्ष्य में देती जोर

इन्हें शिक्षण से अलग करके एक विषय के रूप में स्कूली शिक्षा में नहीं देखना चाहिए। हमारी नई शिक्षा नीति वैश्विक परिप्रेक्ष्य में इसकी इन-क्लास प्रैक्टिसेज पर जोर देती है।

⚫ विद्यार्थियों को सूचनाओं से यथार्थ निकालना

⚫ चिंतन के अवसर देना, आउट ऑफ द बॉक्स सोचने हेतु भी समर्थन देना

⚫ भिन्न दृष्टिकोण को चर्चा में लेना, नकारात्मकता को कम करना

⚫ टीम के रूप में भी कक्षा कार्य संस्कृति को नियमित करना

⚫ थिंक-पेअर-एंड-शेयर जैसी तकनीकों को नियमित करना

⚫ प्रत्येक विद्यार्थी को सहज अभिव्यक्ति के अवसर देना या अवसर बनाना।

इन सभी बिंदुओं को सहज रूप में स्कूल और कक्षा संस्कृति का भाग बनाना चाहिए। कुछ शिक्षण संस्थाओं में अप्रत्यक्ष रूप में ये नियमित तो उनसे कुछ अधिक में अनियमित रूप से इन कौशलों के विकास पर जाने-अनजाने में काफी कुछ होता रहा है परन्तु अब समय है कि नियोजित तरीके से इसे कक्षा शिक्षण और स्कूल कल्चर का हिस्सा बनाया जाए।

🟥 गजेंद्र सिंह राठौर,
राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक
उप प्राचार्य,सी एम राइज विनोबा रतलाम (स्कूल संस्कृति और कक्षा शिक्षण में नवाचारों के लिए प्रतिष्ठित शिक्षक)

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