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ज्ञान विज्ञान : डोरी पर दौड़ता राकेट और सीख लिया न्यूटन का नियम

रविवार को हुई साइंस कार्यशाला

छठी से 11वीं तक के 30 से अधिक विद्यार्थियों ने गतिविधि करके सीखा

हरमुद्दा
रतलाम, 23 जुलाई। साइंस वर्कशॉप में विद्यार्थियों ने स्वयं ही डोरी पर गुब्बारे का रॉकेट बनाया और उसे मनचाही जगह भेजकर न्यूटन के नियम और संवेग संरक्षण के कांसेप्ट को करके सीख लिया।

विज्ञान संचारक गजेन्द्र सिंह राठौर के मार्गदर्शन में 30 से अधिक स्कूली विद्यार्थियों ने कक्षा 6 से 11 तक के विज्ञान आधारित ज्ञान को स्वयं मॉडल बनाकर, गतिविधि करके सीखा।

गुब्बारे का राकेट गंतव्य पर पहुंचाने का विज्ञान सीखते हुए


किस तरह के किए प्रयोग

खारे पानी में तैरने और घनत्व का संबध, हैंड पम्प का लंबा हत्था रखने के फायदे पर क्रियात्मक मॉडल द्वारा समझ,वायु दाब के नए और प्रचलित प्रयोग, संवेग और कोणीय संवेग के कांसेप्ट पर मॉडल आधारित गतिविधि, दाब की अवधारणा, द्रव्यमान और भार,रसायनों पर आधारित साइंस, न्यूटन के नियम आदि कई कांसेप्ट पर विद्यार्थियों नव क्रियात्मक रूप से स्वयं करके देखें।

कम या शून्य लागत से की गतिविधियां

प्रयोग की समस्त सामग्री या तो कम लागत की थी या शून्य लागत की घरेलू सामग्री। गुब्बारे, धागा, स्ट्रॉ, कांच के ग्लास, कीप, प्लास्टिक की वेस्ट बॉटल आदि सामग्री का उपयोग किया गया।


इस सत्र में दूसरी कार्यशाला,आगे भी जारी रहेगी

आयोजक गजेंद्र सर ने बताया कि  जारी सत्र में गर्मियों में तीन दिवसीय कार्यशाला की गई थी, उसी कड़ी में ये दूसरी कार्यशाला थी।आगामी छुट्टी के दिनों में इनका क्रम जारी रखा जाएगा।इनमें कोई भी कक्षा 6 से 11 तक का विद्यार्थी एक गूगल लिंक के द्वारा फॉर्म भरकर चयन आधार पर निशुल्क जुड़ सकता है।चयन गूगल फॉर्म में साइंस अभिरुचि के पूछे गए प्रश्नों के आधार पर किया जाता है।


विद्यार्थियों के अनुभव

कार्यशाला में दूसरी बार शामिल हो रहे विद्यार्थी कुबेर पारा बताते है कि हर बार नए कांसेप्ट सीखने को मिलते है।इस बार सूचक आधारित रसायन के प्रयोग ने रोमांचित कर दिया। प्रतिभागी छात्र आवेश बताते है कि रॉकेट के सिद्धांत को समझने का अवसर एक्टिविटी से मिला। अंग्रेजी माध्यम के छात्र अनंत शुक्ला संवेग और ऊर्जा संरक्षण पर आधारित प्रयोग को मजेदार बताया। उल्लेखनीय है कि दोनों माध्यमों के 30 में से 12 विद्यार्थी इस कार्यशाला में दूसरी बार भाग ले रहे थे।

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