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राजधानी के सरकारी कालेज में गाया जा रहा हैं साहित्यकार प्रो. हाशमी का लिखित महाविद्यालय गान

महाविद्यालय की साहित्यिक पत्रिका “अनुपम” में भी शामिल

हरमुद्दा
रतलाम, 28 जुलाई। प्रख्यात साहित्यकार व चितंक प्रो. अजहर हाशमी द्वारा भोपाल के शासकीय डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विज्ञान एवं वाणिज्य महाविद्यालय के लिए महाविद्यालय गान लिखा गया है। इस गान को महाविद्यालय में प्रतिदिन अन्य गान के बाद गाया जाता है। वहीं इसे महाविद्यालय की साहित्यिक पत्रिका “अनुपम” में भी शामिल किया गया है।


महाविद्यालय के लिए प्रो. हाशमी को महाविद्यालय गान लिखने के लिए कहा गया था। उन्होंने 20 पंक्तियों का गान लिखकर भेजा था।

महाविद्यालय की पत्रिका अनुपम

इस प्रकार है गान

पत्रिका में प्रकाशित गान
पत्रिका में प्रकाशित गान के रचयिता प्रोफेसर हाशमी का परिचय
डॉ. मीनाक्षी सक्सेना

महाविद्यालय के गृहविज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ. मीनाक्षी सक्सेना के अनुसार उक्त गान को कालेज प्रशासन व विद्यार्थियों ने बहुत सराहा है। महाविद्यालय में राष्ट्रगान व मध्यप्रदेश गान के बाद प्रो. हाशमी का लिखित महाविद्यालय गान होता है। महाविद्यालय ने उनके गान को पसंद किया तथा उसे महाविद्यालय गान के रूप लागू किया।

गौरव की बात

उल्लेखनीय है कि प्रो. हाशमी बेटियां पावन दुआएं… सहित कई प्रसिद्ध कविताएं, गीत आदि लिख चुके है। उनकी लिखित कविता बेटियां पावन दुआएं… से मध्यप्रदेश शासन ने बेटी बचाओ अभियान 5 अक्टूबर 2011 को शुरू किया था। उक्त कविता मध्यप्रदेश शिक्षा बोर्ड की कक्षा दसवीं की हिंदी पाठ्य पुस्तक (नवनीत) में भी शामिल की गई है। उन्हें हाल ही में उनकी पुस्तक संस्करण का “संदूक समीक्षा के सिक्के” के लिए मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी द्वारा अखिल भारतीय निर्मल वर्मा पुरस्कार के भी चुना गया है। रतलाम के साहित्यकार प्रो. हाशमी द्वारा लिखित महाविद्यालय गान अन्य स्थान के महाविद्यालय में शामिल करना रतलाम के लिए गौरव की बात है।

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