पेंशनरों में आक्रोश : प्रदेश के 5 लाख पेंशनर, उनके परिवार के सदस्य चुनाव का नहीं करेंगे समर्थन, पेंशनरों में पनप रहा तीव्र आक्रोश

ग्रामीण विधायक को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा

हरमुद्दा
रतलाम, 3 अगस्त। प्रदेश के 5 लाख पेंशनर्स अत्यंत क्षुब्ध दुखी, निराश एवं उपेक्षित हो रहे है। पेंशनर्स को सरकार द्वारा समय पर महंगााई राहत नहीं दी जा रही है और ना ही चिकित्सा भत्ता, स्वास्थ्य बीमा योजना, वेतनमान का एरियर भी नहीं दिया जा रहा है। राज्य पेंशनर्स की लंबित न्यायोचित ज्वलंत मांगो को लेकर ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

ग्रामीण विधायक मकवाना को ज्ञापन देते हुए पेंशनर

मुख्यमंत्री को हजारों की संख्या में ज्ञापन प्रस्तुत करने, धरने पर बैठने तथा भुख हड़ताल आदि उपाय शासन को ध्यान आकर्षित करने हेतु किए गए परंतु सभी प्रयत्न नक्कारखाने में तुती की आवाज सिद्ध हुए। पेंशनरों में काफी रोष है इस बाबत पेंशनर्स एसोसिएशन भोपाल के आह्वान पर क्षेत्रीय विधायकों व सांसदों को पत्र लिखकर पेंशनर्स के पक्ष में मुख्यमंत्री मप्र शासन को पत्र लिखने के लिए ज्ञापन दिए गए।

मांगे नहीं मानी तो चुनाव का समर्थन नहीं

ज्ञापन में यह भी दर्शाया गया कि राज्य पेंशनरों का विश्वास तोड़ा गया तो प्रदेश के 5 लाख पेंशनर्स व उनके परिवार तथा रिश्तेदार आगामी चुनाव में अपना समर्थन नहीं करेंगे। इस बाबत क्षेत्रीय विधायकों से मुख्यमंत्री को पेंंशनर्स की न्यायोचित ज्वलंत मांगों को मनवाने  के लिए विधायक अपनी ओर से अनुरोध करें। ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना ने आश्वस्त  किया है कि आपकी मांगों का निराकरण हेतु पत्र समक्ष में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को देंगे।

यह थे मौजूद

ज्ञापन देने में अध्यक्ष कीर्तिकुमार शर्मा, जितेन्द्रसिंह भूरिया, आर.एस. शर्मा, के.एल. भाटी, विजयसिंह, कृष्णसिंह राठौर, शिवप्रकाश शर्मा, एफ.एम. मंसूरी, जयवंत गुप्ते, रणजीतसिंह राठौर, वेदपालसिंह, गजेन्द्रसिंह,  आशा श्रीवास्तव, बाबूलाल शर्मा, गजेन्द्रसिंह बंदवार एवं एस.के. मिश्रा उपस्थित थे।

प्रमुख मांगे

⚫ राज्य पेंशनर्स को केन्द्र के समान 42 प्रतिशत महंगाई राहत स्वीकृत की जाएं।

⚫ औचित्यहीन म.प्र. छत्तीसगढ़ पुर्नगठन अधिनियम की धारा 49 (6) शीघ्र विलोपित की जाएं।

⚫ पेंशनरों को केन्द्र की भांति चिकित्सा भत्ता 1 हजार रुपए दिए जाएं।

⚫ राज्य पेंशनरों को स्वास्थ्य बीमा योजना से जोड़ा जाएं।

⚫ न्यायालय निर्णय के परिप्रेक्ष्य में 79 वर्ष पूर्ण होने पर अर्थात 80 वर्ष प्रारंभ होते ही 20 प्रतिशत पेंशन में वृद्धि की जाएं।

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