सेहत सरोकार : मिशन इंद्रधनुष का प्रथम चरण 7 अगस्त से होगा प्रारंभ, 11 बीमारियों से अवश्य बचाएं
⚫जन्म से 5 वर्ष तक के सभी बच्चों का संपूर्ण टीकाकरण कराएँ : सीएमएचओ डॉ. चंदेलकर
⚫ यूविन पोर्टल के माध्यम से टीकाकरण कराने के लिए अभिभावक को अपना आधार कार्ड लेकर जाना होगा
हरमुद्दा
रतलाम, 6 अगस्त। मिशन इंद्रधनुष अभियान का संचालन तीन चरणों क्रमश: प्रथम चरण 7 से 12 अगस्त , द्वितीय चरण 11 से 16 सितंबर , तृतीय चरण 9 से 14 अक्टूबर को आयोजित किया जाएगा। 11 बीमारियों से अवश्य बचाएं।
सीएमएचओ डॉ. अनिल चंदेलकर ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान गर्भवती माताओं एवं 0 से 5 वर्ष आयु समूह के शत प्रतिशत बच्चों को सभी प्रकार के आवश्यक टीके लगाए जाएंगे। कार्यक्रम के लिए सभी आवश्यक दवाईयों , वैक्सीन , मानव संसाधन संबंधी समस्त तैयारियां पूर्ण की गई है। कार्यक्रम का संचालन महिला एवं बाल विकास विभाग सहित अन्य विभागों से समन्वय कर किया जाएगा।
टीकाकरण का ऑनलाईन प्रमाण पत्र भी
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. रवीन्द्रकुमार पाल ने बताया कि मिशन इंद्रधनुष के दौरान बच्चों के टीकाकरण संबंधी समस्त प्रविष्टि यू विन एप के माध्यम से की जाएगी । कोविड के समय होने वाले टीकाकरण के लिए कोविन पोर्टल के समान ही यूविन पोर्टल पर जाकर आमजन ऑनलाईन अथवा ऑफलाईन स्लॉट बुक करवाकर अथवा सीधे टीकाकरण केंद्र पर जाकर ऑनस्पाट सीधे टीका लगवा सकेंगे । यूविन एप के माध्यम से टीकाकरण कराने के लिए हितग्राही के माता पिता को अपनापरिचय पत्र जैसे आधार कार्ड /वोटर कार्ड अथवा कोई एक आईडी लेकर जाना होगा। देश के किसी भी हिस्से में रहने वाले बच्चा कहीं भी जाकर अपना अगला डोज का टीका सीधे लगवा सकते हैं और इसकी ऑनलाईन प्रविष्टि होने से टीकाकरण का ऑनलाईन प्रमाण पत्र भी आसानी से प्राप्त किया जा सकेगा।
11 बीमारियों से अवश्य बचाएं
टीकाकरण के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. पाल ने बताया कि जिले में प्रति मंगलवार और शुक्रवार को नियमित टीकाकरण के तहत ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस आयोजित कर सम्पूर्ण टीकाकरण किया जा रहा है । सभी माता-पिता अपने बच्चो को ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस या नजदीकी प्राथमिक,सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, जिला अस्पताल मे अपने बच्चो को 5 साल मे 7 बार ले जाकर 11 बीमारियों से अवश्य बचाये। समय पर टीकाकरण अवश्य करवाये। शासकीय अस्पताल में जन्में शिशुओं के लिए जीरो डोज सुविधा निःशुल्क उपलब्ध होती है। टी.बी,तपेदिक, पोलियो, पीलिया (हेपेटाइटिस-बी), डिप्थीरिया, कालीखांसी, टिटेनस, एच.इन्फ्लूएन्जी-बी. हिब से होने वाले निमोनिया/मेनिन्जाइटिस, खसरा एवं रतौंधी, जैसी 11 जानलेवा बीमारियो से बचाने के लिए सभी माता-पिता अपने बच्चो का समय पर टीकाकरण अवश्य करवाना चाहिए।।
16 वर्ष तक के किशोर बालक बालिकाओं के लिए भी नियमित टीकाकरण
मिशन इंद्रधनुष के दौरान जन्म से 16 वर्ष तक के किशोर बालक/बालिकाओं को नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में निःशुल्क टीकाकरण किया जा रहा है। जन्म से 24 घंटे के भीतर पोलियो बीसीजी एवं हेपेटाइटिस-बी,(बर्थडोज), डेढ़ माह पर पोलियो, रोटा वायरस वैक्सीन, एफआईपीवी, पेंटावेलेंट तथा पीसीवी का प्रथम डोज, ढाई माह पर पोलियो, रोटा वायरस वैक्सीन और पेंटावेलेंट का द्वितीय डोज तथा साढ़े तीन माह मे पोलियो, रोटा वायरस वैक्सीन, एफआईपीवी, पेंटावेलेंट तथा पीसीवी के टीके का तीसरा डोज एवं 9 से 12 माह तक खसरे का एमआर प्रथम टीका, विटामिन-ए की प्रथम खुराक,पीसीवी बुस्टर डोज,के साथ अब एफआईपीवी की तीसरी डोज दी जाती है ।
कई बीमारियों से करता है बचाव
16 से 24 माह पर ओपीवी, डीपीटी, एमआर का बूस्टर डोज, पोलियो बूस्टर तथा खसरा द्वितीय डोज लगाया जाता है। डिप्थीरिया, कालीखांसी, टिटेनस, पोलियो तथा खसरा से बचाव करता है। 16 माह से 5 वर्ष तक विटामिन-ए की दूसरी से 9 वीं खुराक (छः माह के अंतराल पर) रतौंधी एवं प्रतिरोध शक्ति में वृद्धि होती है । 5 से 6 वर्ष डीपीटी द्वितीय बूस्टर डोज डिप्थीरिया, कालीखांसी, टिटेनस से बचाव एवं 10 वर्ष और 16 वर्ष टीडी का टीका लड़के एवं लड़कियों दोनों को लगाया जाता है। इन टीको से समय से लगवाने पर 11 जानलेवा बिमारियो से अपने बच्चों को बचाया जा सकता है। गर्भवती महिलाओं के लिए गर्भावस्था की जानकारी होते ही टी.डी. का प्रथम टीका, प्रथम टीके के 4 सप्ताह उपरांत टी.डी. का दूसरा टीका, बूस्टर डोज पिछले तीन वर्षो में यदि गर्भावस्था में टी.टी/टीडी. की 2 खुराकें ली गई हैं तो मात्र एक बूस्टर टीका लगाया जाता है।