श्री योगीन्द्र सागर इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड साइंस में चंद्रयान-3 की सफलता के लिए प्रार्थना “रचे भारत इतिहास, विश्व में हो दिन खास”
⚫ संचालक शर्मा बंधुओं ने श्री तिरुपति बालाजी मंदिर में की पूजा अर्चना
⚫ वैज्ञानिकों की मेहनत लाएगी रंग, रह जाएगी दुनिया दंग
हरमुद्दा
रतलाम, 23 अगस्त। चंद्रमा पर भारत द्वारा भेजे गए चंद्रयान-3 की सफलता के लिए श्री योगीन्द्र सागर इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, रतलाम के संस्थापक गोपाल प्रसाद शर्मा (टंच) और वाइस चेयरमैन उमेश शर्मा ने तिरुपति बालाजी मंदिर, आंध्र प्रदेश में विधिवत पूजा अर्चना के साथ प्रार्थना की। महाविद्यालय में भी आयोजन किया गया। सभी की भावना है कि आज भारत इतिहास रचेगा।। वैज्ञानिकों की मेहनत आज रंग लाएगी जिसको देखकर दुनिया दंग रह जएगी।
भारत का तीसरा मून मिशन (चंद्रयान-3) सफल हो इसलिए
श्री योगीन्द्र सागर इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, रतलाम में समस्त छात्रों एवं शिक्षकों द्वारा शुभकामना दी गई।
विश्व पटल पर आज रचेंगे इतिहास
इस अवसर पर महाविद्यालय परिसर मे कार्यक्रम आयोजित कर के प्रो. दीपक शर्मा ने बताया कि भारत के वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत का परिणाम ही है की आज हमारा देश विश्व पटल पर इतिहास रचने जा रहा हैं। महाविद्यालय
की डीन एडमिन
प्रो.
अंजली
वर्मा
ने
क
हा कि चांद
पर
उतरने
वाला
विश्व
का
पहला दे
श बनने
जा
रहा
है
। डीन
एकेडमिक
प्रो
.गोविंद
झंवर ने
बताया कि भारत की
।'रॉकेट वूमन
‘ के
नाम
से
मशहूर
लखनऊ
की
बेटी
डॉ.
रितु कारिधाल
को
इसरो ने
चंद्रयान-3 की लैंडिंग की जिम्मेदारी
सौंपी
है
साथ
ही
संस्था
के
सह
संचालक
वरदान
शर्मा
ने
बताया
कि
यह
वह
क्षण
है
जो
हम
सब
भारतवासियों के
लिए
गौरवान्वित
करने
वाला
होगा।
बने मिल मिल का पत्थर
इस
सफल
प्रक्षेपण
के
बाद
‘विक्रम’लैंडर
से
हमारा प्रज्ञान-रॉबर बाहर
आएगा
और
14
दि
न तक चन्द्रमा पर रहकर
सारी
जानकारी
हमारे
वैज्ञानिकों को प्राप्त
होगी।
श्री
योगीन्द्र
सागर
इंस्टिट्यूट,
रतलाम
परिवार
की
ओर से
यह
शुभकामना
है
कि
भारत
का
चंद्रयान-
3
मील
का
पत्थर
बने
और
एक
नया
इतिहास
रचे ।