कोर्ट का फैसला : श्री राधाकृष्ण मंदिर के स्वामित्व की भूमि का दावा निरस्त

ग्राम बाजना की 14 बीघा कृषि भूमिका मामला

वादी बसंतीलाल का हो गया निधन

नोटिस के बाद भी बेटा रहा अनुपस्थित

हरमुद्दा
रतलाम 1 सितंबर। बाजना स्थित श्री राधा कृष्ण मंदिर के स्वामित्व की 14 बीघा कृषि भूमि को लेकर चल रहे विवाद का निराकरण हो गया है । सैलाना न्यायालय के न्यायाधीश अभिषेक सोनी ने वादी की अनुपस्थिति में दावा निरस्त कर दिया है।

अतिरिक्त शासकीय अभिभाषक सतीश त्रिपाठी

अतिरिक्त शासकीय अभिभाषक सतीश त्रिपाठी ने हरमुद्दा को बताया कि ग्राम बाजना में श्री राधा कृष्ण मंदिर स्थित है।  मंदिर की कृषि भूमि सर्वे नंबर 167 व 389 की कुल 14 बीघा कृषि भूमि है। इस भूमि के स्वामित्व आधिपत्य को लेकर बसंतीलाल पिता चंपालाल तेली द्वारा मालिक घोषित किए जाने हेतु सैलाना न्यायालय में 9 मार्च 2016 को दावा प्रस्तुत किया था। इसमें यह बताया था कि उक्त कृषि भूमि पर वह 80 वर्षों से कृषि कार्य कर रहा है। जमीन उसने पूर्व राजा से नीलामी में सार्वजनिक बोली लगाकर  ₹300 का भुगतान कर 5 अक्टूबर 1955 को  खरीदी थी । 17 अक्टूबर 1983 को उक्त भूमि मध्यप्रदेश शासन के नाम अंकित कर दी गई। जिसकी जानकारी उसे 10 अक्टूबर 2015 को प्राप्त हुई ।शासन द्वारा जवाब प्रस्तुत कर इसका विरोध किया गया। प्रकरण में वादी की गवाह समाप्त हो गई थी । प्रकरण प्रतिवादी साक्षी के लिए नियत था।

श्री राधा कृष्ण

 बसंतीलाल का हो गया था निधन

प्रकरण में विचारण के दौरान वादी बसंतीलाल की मृत्यु हो गई थी। इसके बाद उसके शासकीय शिक्षक पुत्र कैलाश चंद्र द्वारा स्वयं को वारिस बताकर प्रकरण में साक्ष्य प्रस्तुत किए गए।

नोटिस मिलने के बावजूद अनुपस्थित

विचारण के दौरान सैलाना न्यायालय के विद्वान न्यायाधीश अभिषेक सोनी द्वारा वादी कैलाश चंद्र की अनुपस्थिति में उसकी उपस्थिति के लिए नोटिस भेजा गया। उसके बावजूद वह अनुपस्थित रहा । इसके बाद न्यायालय ने आदेश 9 व 17 नियम 2 सिविल प्रक्रिया संहिता के तहत दावा निरस्त कर दिया।  प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी अतिरिक्त शासकीय अभिभाषक सतीश त्रिपाठी द्वारा की गई ।

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