प्रशिक्षण कार्यशाला: सरलीकरण कौशल से रूबरू हुए प्रशिक्षक
हरमुद्दा
रतलाम 06 जुलाई। जीवन कौशल प्रशिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला के सरलीकरण कौशल से प्रशिक्षु प्रशिक्षक रूबरू हुए। प्रशिक्षण में सरलीकरण कौशल अर्थात फैसिलिटेशन के साथ ही अनुभवात्मक सीख चक्र के विभिन्न पहलुओं को विस्तारपूर्वक समझाया गया।
आरएमएसए कार्यालय परिसर में तीन दिवसीय कार्यशाला में प्रशिक्षक योगेश पाल एवं संतोष अधिकारी ने जीवन कौशल से संबंधित विविध पक्षों पर विस्तार से विचार प्रस्तुत करते हुए इस विषय से परिचित कराया।
इन्होंने दिया मार्गदर्शन
जीएमएस इंदौर के सोमेश उपाध्याय, जिला शिक्षा अधिकारी अमर वरधानी, डीपीसी आरके त्रिपाठी, एडीपीसी अशोक लोढा, सीएल सालित्रा ने विशेष रूप से उपस्थित रहकर मार्गदर्शन प्रदान किया। शुरुआत “हे शारदे मां“ सरस्वती वंदना के साथ हुई जिसे सभी प्रशिक्षु प्रशिक्षकों ने एक स्वर में प्रस्तुत किया ।
विषय के महत्व पर दिया विशेष जोर
प्रशिक्षण तकनीक के माध्यम से प्रशिक्षण देने की कला, कौशल संवाद, कला संप्रेषणीयता एवं विषय के महत्व पर विशेष जोर देते हुए इसका महत्व प्रतिपादित किया गया। संप्रेषण में स्पष्टता के लिए वक्तव्य एवं चित्र के माध्यम से रोचक समूह गतिविधि करवाई गई। इसके साथ ही नशा मुक्ति पर केंद्रित प्रस्तुति के माध्यम से सीख चक्र के चरणों से अवगत कराया गया।
मार्गदर्शिका “उमंग“ का किया वितरण
मार्गदर्शिका “उमंग“ का वितरण समस्त प्रशिक्षकों को करते हुए इसका परिचय दिया गया तथा सत्र का डेमो एवं चेक लिस्ट भी प्रदान की गई। सत्र कैसे लें ,इस बिंदु पर उपस्थित प्रशिक्षकों ने जिज्ञासा व्यक्त की जिस पर विशेषज्ञ समूह द्वारा प्रस्तुतीकरण देते हुए प्रशिक्षण के तरीकों से अवगत कराया। तीसरे दिन प्रस्तुत होने वाले प्रशिक्षण के दौरान समूह के माध्यम से किए जाने वाले प्रस्तुतीकरण के लिए समूहों का गठन किया गया। अंत में सभी से फीडबैक लेते हुए समापन किया गया। मास्टर ट्रेनर्स द्वारा विकासखंड स्तर पर हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूल के शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।