सामाजिक सरोकार : सशक्त बेटियों से ही बनेगा सशक्त समाज, यह विडंबना है कि हम भारतीय संस्कृति को भूलकर बढ़ रहे हैं पश्चात संस्कृति की ओर

बीके सविता दीदी ने कहा

ब्रह्माकुमारीज़ दिव्य दर्शन भवन सेवा केंद्र पर मनाया राष्ट्रीय बेटी दिवस

गीत, कविताएं, नृत्य, गरबा, करतब प्रस्तुत किए बेटियों ने

हरमुद्दा
रतलाम, 24 सितंबर। साधारण कन्या भी शिव से शक्ति लेकर शक्ति स्वरूपा बन जाती है। धन की देवी माँ लक्ष्मी, विद्या की देवी माँ सरस्वती, दुर्गुणों का नाश करने वाली माँ दुर्गा है, पवित्रता प्रदान करने वाली माँ गंगा एवं नर्मदा जी के रूप में आराधना व पूजन करते हैं। विडंबना है कि हम अपने दैवी व भारतीय संस्कृति को भूलकर पाश्चात्य संस्कृति में आगे बढ़ते जा रहे हैं। जीवन के सच्चे मूल्यों को भी भूलते जा रहें हैं। अत: सशक्त बेटी अर्थात जीवन के  सभी मूल्यों ईमानदारी, आज्ञाकारिता, एकाग्रता आदि जैसे गुणों को धारण कर सदा ऐसे कर्म करें जिससे सबकी दुआ प्राप्त हो, तभी सशक्त समाज बन सकेगा।

यह विचार प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय डोंगरे नगर केंद्र की संचालिका बीके सविता दीदी ने व्यक्त किए। रविवार को प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय, डोंगरे नगर स्थित दिव्य दर्शन भवन सेवा केंद्र पर “राष्ट्रीय बेटी” दिवस के अवसर पर “सशक्त बेटी सशक्त समाज” विषय पर हुए कार्यक्रम में सविता दीदी संबोधित कर रही थी।

यह थे मंचासीन

अतिथियों के साथ बीके दीदी

इस कार्यक्रम में महिला बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक बहन ज्योत्सना आठे, सेवा केंद्र संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी, ब्रह्माकुमारी गीता दीदी, गुरु तेग बहादुर स्कूल की शिक्षिका बहन भाव्या दतवानी तथा 60 बेटियां उपस्थित थीं। कार्यक्रम में बेटियों ने अनेक प्रकार के गीत, कविताएं प्रस्तुत की। नृत्य, गरबा व करतब किए। सभी बेटियों का सम्मान किया गया। संचालन बीके सोनू बहन ने किया।

आयोजन में मौजूद बेटियों के साथ अतिथि

जीवन का उद्देश्य होना चाहिए आंतरिक उन्नति : बीके गीता दीदी

ब्रह्माकुमारी गीता दीदी ने संस्कारों पर जोर देते हुए कहा कि आज बेटी सशक्त होते हुए भी धन कमाने में फैशन व प्रतिस्पर्धा में अपना सारा समय गंवा रही है, यह सभी जीवन की असली कमाई नहीं है। हमें आज आंतरिक उन्नति की ओर ध्यान देना जरूरी है जो कि हमें आध्यात्मिकता से प्राप्त होती है।

बाहरी सुंदरता के साथ आंतरिक भी जरूरी : भाव्या दतवानी

गुरु तेग बहादुर स्कूल कि शिक्षिका बहन भाव्या दतवानी ने कहा कि मेडिटेशन से इनर पावर के साथ-साथ बाह्य रूप से भी हम हर कार्य करने के लिए सक्षम होते हैं। आज बाहरी सुंदरता के साथ-साथ आंतरिक सुंदरता भी बहुत जरूरी है। जो हमें ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा प्राप्त होती है।

बेटियों को शारीरिक और मानसिक रूप से होना जरूरी है सशक्त : ज्योत्सना आठे

महिला बाल विकास की पर्यवेक्षक बहन ज्योत्सना आठे ने कहा कि आज बच्चे बाहर के खान-पान पर ज्यादा ध्यान देते हैं। वह घर के बने भोजन तथा अनाज दालें जो हमारे शरीर को पोषक तत्व प्रदान करते हैं, वह सब खाने-पीने में रुचि नहीं रखते हैं जिससे शारीरिक रूप से भी बेटियां कमजोर होती जा रही है। अतः शारीरिक व मानसिक दोनों रूप से आज बेटियों को मजबूत व सशक्त बनना है।

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