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सनातन संस्कृति और परंपरा : जिला सर्किल जेल में बंदियों ने किया दिवंगत परिजनों का सामूहिक श्राद्ध कर्म

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सर्वपितृ अमावस पर जिला स्तरीय निशुल्क सामूहिक श्राद्ध कर्म

पितरों का तर्पण पूजन अवश्य करें : श्री दवे

तुलसी पौधा वितरण निरंतर जारी

हरमुद्दा
रतलाम, 3 अक्टूबर। जिला सर्किल जेल में बंदियों ने अपने पूर्वजों का विधि-विधान के साथ श्रद्धापूर्वक श्राद्ध कर्म किया। युवा सेवा संघ, रतलाम द्वारा प्रतिवर्ष सर्किल जेल में सामूहिक श्राद्ध कर्म का आयोजन किया जाता है। 8 अक्टूबर, रविवार को सर्किल जेल में दूसरे चरण में फिर से सामूहिक श्राद्ध कर्म रखा गया है।

संघ अध्यक्ष रुपेश सालवी ने हरमुद्दा को बताया कि जिला सर्कल जेल में सभी बंदी कैदियों ने विधिपूर्वक देवताओं का स्मरण पूजन सहित सभी तीर्थ का आवाहन किया। तदुपरांत उन्होंने देवता ऋषि दिव्य मनुष्य सहित अपने परिवार के दिवंगत हुए परिजनों का स्मरण ध्यान कर विधिवत रूप से तर्पण कार्य किया। सभी ने अपने पितरों का स्मरण करते हुए जीवन में सत्य आदर्श और नैतिक सिद्धांतों की ओर चलने हेतु प्रतिज्ञा की। तर्पण की विधि विद्वान संजय शिवशंकर दवे ने करवाई।

यह थे मौजूद

आयोजन में जेल अधीक्षक लक्ष्मण सिंह भदौरिया जेलर ब्रजेश मकवाना विशेष रूप से उपस्थित रहे।आयोजन में मांगल्य मंदिर से महावीर भाई, राकेश भाई, शंकर राठौड़, प्रकाश पालीवाल, लक्ष्मीनारायण गहलोत, राजेंद्र निगम, पंकज ओसवाल आदि उपस्थित रहे।

पितरों का तर्पण पूजन अवश्य करें : श्री दवे

पंडित दवे

कार्यक्रम में बंदियों को श्राद्ध का महत्व बतलाते हुए विद्वान श्री दवे ने बताया कि देव कार्य की अपेक्षा पितृकार्य की विशेषता मानी गयी है । अतः देवकार्य से पूर्व पितरों को तृप्त करना चाहिये । पितृदेवो के प्रति अनुग्रह और दिवंगत परिजन की तिथि सहित श्राद्ध पक्ष में जो विधिवत रुप से उनका धूप ध्यान पूजन तर्पण करता है, वह इस लोक में समस्त सुखों को प्राप्तकर अंत में परम् पद को प्राप्त करता है। शास्त्रों में कहा गया है कि देवता की पूजा से वंचित रहने पर कोई दोष नहीं लगता परंतु पितरों की पूजा से विमुख रहने पर जीवन अस्त व्यस्त व अशांतियुक्त हो जाता हैं, इसीलिए यथा श्राद्ध व सामर्थ्य के अनुसार दिवंगत की तिथि सहित श्राद्धपक्ष में विधि पूर्वक धूप ध्यान तर्पण पूजन अवश्य करना चाहिए। पितृदेव के प्रसन्न होने पर देवता भी प्रसन्न होकर शीघ्रातिशीघ्र अनुग्रह कर शुभ आशीष प्रदान करते हैं।

सामूहिक श्राद्ध कर्म 14 को

सर्वपितृ अमावस पर इस वर्ष भी निशुल्क सामूहिक श्राद्ध संत श्री वाटिका चंपाविहार पर रखा गया है। जिला स्तरीय आयोजन में सम्पूर्ण जिले से नागरिक शामिल होंगे। यह आयोजन जगन्नाथ पुरी उड़ीसा के संयमी एवं विद्वान आचार्य श्री शारदा प्रसाद जी मिश्रा के सानिध्य एवं मार्गदर्शन में आयोजित होगा। यंहा भोजन प्रसादी की व्यवस्था भी निशुल्क रहेगी पूर्णत: निशुल्क सामूहिक श्राद्ध कर्म कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य रहेगा। तैयारियों के सिलसिले में आयोजन समिति की बैठक सत्संग केंद्र पर रखी गई।

तुलसी पौधा वितरण निरंतर जारी

संस्था द्वारा सामूहिक निशुल्क श्राद्ध कर्म प्रचार सेवा के साथ तुलसी पौधा वितरण सेवा भी जारी है। लक्कड़पीठा, बाजना बस स्टैंड , टाटानगर, शांतिनिकेतन कॉलोनी, सिलावटो का वास, रतलाम पब्लिक स्कूल से प्रारंभ होकर डोंगरे नगर,शनि मंदिर, दीनदयाल नगर, त्रिवेणी मेला क्षेत्र, श्री हनुमान मंदिर क्षेत्र में पौधा वितरित की। अब तक 40 हजार से अधिक पौधे वितरित किये जा चुके है।

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