कोर्ट का फैसला : डकैती के दौरान हत्या करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास की सजा
⚫ मामला 34 वर्ष पुराना
⚫ आदिवासी अंचल में 1989 को डकैती के दौरान हुई थी हत्या
⚫ अर्थ दंड से भी किया दंडित
हरमुद्दा
रतलाम, 16 अक्टूबर। जिले के आदिवासी अंचल में 34 वर्ष पहले 1989 में डकैती के दौरान व्यक्ति को बाहर बुलाया और उसके साथ मारपीट की। बड़ा पत्थर उस पर मारा, जिससे उसकी मौत हो गई। न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत साक्ष्य और तर्कों से सहमत होकर न्यायाधीश लक्ष्मण कुमार वर्मा ने 74 वर्षीय दीपला पिता धन्ना कटारा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही अर्थ दंड से दंडित किया।
अतिरिक्त लोक अभियोजक संजीव सिंह चौहान ने हरमुद्दा को बताया गया कि फरियादी रतन भूरिया निवासी ग्राम नाल ने थाना रावटी पर 8 दिसंबर 1989 को मौखिक रिपोर्ट की थी कि वह नाल गांव में रहता है। रात में करीब 12 से 1 बजे के अंदाजन समान खड़कने की आवाज होने पर नींद खुली तो देखा की 10- 12 आदमी उसके मकान में घुसकर चोरी कर रहे हैं। आवाज सुनकर उसका लड़का रंगजी बलया, प्रभु तथा प्रभु बलया की औरत सीताबाई व ककूड़ी की नींद खुल गई थी।
रंगजी को पटक कर मारा बड़ा पत्थर
रंगजी ने घर में घुसे हुए बदमाशों को ललकारा तो उनमें से एक आदमी ने घर के पास रखा हुआ एक बड़ा पत्थर उठाकर रंग जी के पैर में मारा। उनसे हाथापाई होने से कुछ आदमी रंग जी को उठाकर मकान के बाहर आ गए थे, वहीं पर रंगजी को पटककर पेट पर एक बड़े पत्थर मारा तथा कुछ बदमाशों ने सिर वह शरीर पर भी चोट पहुंचाई थी, जिस रंग जी की मृत्यु हो गई थी।
आरोपी दीपला के विरुद्ध किया चालान प्रस्तुत
डकैत रकम, हसली तथा रुपए लूटकर ले गए थे। थाने पर रिपोर्ट दर्ज होने के पश्चात आरोपी करके विरुद्ध धारा 460 भादवि का प्रकरण दर्ज हुआ था। आरोपी रूपा उर्फ रूपला, दीपला, जबरिया, नाना उर्फ मानसिंह, गनीला, कोदर एवं नंदू को फरार दर्शा कर अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था। वर्तमान अभियुक्त दीपला को 2019 में गिरफ्तार किया गया था। इसके पश्चात 11 नवंबर 2019 को पूरक चालान दीपला (74) पिता धन्ना कटारा निवासी ग्राम ग्वालघाट, थाना रावटी के विरुद्ध प्रस्तुत किया गया था।
दोषी पाते हुए सुनाई सजा
न्यायालय में कथन के दौरान साक्षियाँ सीताबाई तथा ककूड़ी ने आरोपी दीपला को पहचाना। उसके द्वारा घटना कारित किया जाना बताया था। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश लक्ष्मण कुमार वर्मा अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होते हुए आरोपी को धारा 395, 396, 458 भादवी में डकैती के दौरान मृतक की निर्मम हत्या करने का दोषी पाया था। जिसके तहत धारा 396 भादवि में आजीवन कारावास तथा ₹2500 जुर्माना, धारा 458 भादवि में 10 वर्ष का कारावास तथा 2500 रुपए जुर्माना की सजा सुनाई। अभियोजन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक संजीव सिंह चौहान द्वारा की गई।