सामाजिक सरोकार : विजयदशमी पर्व पर नन्हें बच्चों ने दण्ड थामकर किया कदमताल

98वें स्थापना दिवस पर नगर में तीन स्थानों से निकला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पथ संचलन

जगह जगह हुआ भव्य स्वागत

हरमुद्दा
रतलाम, 24 अक्टूबर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने 98वें स्थापना दिवस के मौके पर नगर में पथ संचलन निकाला। जिसमें सैकड़ों की संख्या में स्वयंसेवक भाग लेने पहुंचे। संचलन के शुरुआत में पद्धति अनुसार ध्वज प्रणाम, प्रार्थना, गीत व बौद्धिक हुआ। जिसके बाद स्वयंसेवक घोष की धुन पर कदमताल करते हुए एक साथ निकले। नन्हें – नन्हें स्वयंसेवक अपने माता – पिता के साथ उपस्थित हुए। नन्हें स्वयंसेवक कदमताल करते जब नगर की सड़कों पर निकले तब हर किसी की नजर उन पर बनी रही।

नगर में पथ संचलन अलग – अलग तीन स्थानों से निकाला गया। मंगलवार सुबह गुरु गोविंदसिंह बस्ती का मेहंदीकुई बालाजी और राजमहल बस्ती का महलवाड़ा से संचलन निकला। जिसके बाद दोपहर 4 बजे शिशु संचलन कसारा बाजार से निकला। तीनों संचलन विभिन्न मार्गों से होकर पुनः उसी स्थान पर समाप्त हुए।

मीडिया संवाद प्रमुख जयदीप गुर्जर ने बताया कि नगर में कुल 50 संचलन निकाले जाएंगे। इसमें अलग – अलग 41 बस्ती व बाल-शिशु संचलन शामिल है। इसके अलावा ग्रामीण में खंड व उपखंड स्तर पर भी 50 से अधिक संचलन निकाले जाएंगे।

विपत्ति में खड़ा रहता है संघ

राजमहल बस्ती में मुख्य अतिथि जैन संत आचार्य श्री विजय कुलबोधि सूरीश्वरजी म.सा. ने स्वयंसेवकों को संबोधित किया। संत ने कहा की भारत देश में कहीं भी कोई आपत्ति आती हो, उस समय सबसे पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ खड़ा नजर आता है। भूकंप, बाढ़ जैसी भयानक आपदाओं में सबसे पहले पहुंचने वाला व्यक्ति संघ का स्वयंसेवक होता है। तीन प्रकार की संस्थाएं होती है। पहली आई कार्ड जो कि अपनी पहचान बनाती है, इनके काम में नहीं केवल नाम में रस होता है। दूसरी सिम कार्ड जैसी होती है, यहां जब तक व्यक्ति का काम होता है उसका उपयोग कर लिया जाता है उसके बाद सिम कार्ड को निकालते है वैसे व्यक्ति को अलग कर दिया जाता है। तीसरे नंम्बर की संस्थाएं एटीएम कार्ड की तरह होती है, जो जरूरत पर बगैर बुलाए और सोचे समझे निस्वार्थ भाव से पहुंच जाती है। संघ ना आई कार्ड है और ना सिम कार्ड, यह देश का एटीएम कार्ड है। हर व्यक्ति में राष्ट्र प्रेम होना जरूरी है। आचार्य श्री के संबोधन के बाद नगर सहकार्यवाह किशन माहेश्वरी ने संघ की स्थापना के विषय पर अपना बौद्धिक दिया।

नन्हें शिशुओं का निकला संचलन

नन्हे बच्चे कदमताल करते हुए

नगर में 10 वर्ष की उम्र से कम शिशुओं का संचलन भी निकाला गया। जिसमें नन्हें – नन्हें स्वयंसेवक अपने माता – पिता के साथ उपस्थित हुए। नन्हें स्वयंसेवक कदमताल करते जब नगर की सड़कों पर निकले तब हर किसी की नजर उन पर बनी रही। रास्तेभर लोग नन्हें स्वयंसेवकों को देखने व उनके स्वागत के लिए रुके।

शिशुओं का संचलन माहेश्वरी धर्मशाला कसारा बाजार से शुरू हुआ जो कि चांदनी चौक और चौमुखीपुल से पुनः कसारा बाजार आकर समाप्त हुआ। नगर में चार उपनगर में बाल संचलन  निकाला जाएगा। जो कि अलग – अलग स्थानों से निकलेगा इसमें 10 वर्ष से 16 वर्ष तक के स्वयंसेवक हिस्सा लेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *