कोर्ट का फैसला : अपहरण के सात आरोपियों को आजीवन कारावास, 10000 का लगाया जुर्माना

ग्राम दिवेल में काका ने करवाया था भतीजे का अपहरण

मामला मार्च 2020 का

फिरौती के लिए करवाया था काका ने अपहरण

हरमुद्दा
रतलाम 3 नवंबर। सैलाना थाना अंतर्गत  ग्राम दिवेल से 5 मार्च 2020 को फिरौती के लिए महेश पाटीदार का अपहरण करने वाले काका सहित सात आरोपियों को न्यायालय द्वितीय सत्र न्यायाधीश अरुण कुमार खरादी ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई । साथ ही सभी आरोपियों पर ₹10000 का जुर्माना भी लगाया। मामले के निराकरण  मे 45 कार्य दिवस लगे । 15 साक्षियों के कथन अंकित किए गए ।

अपर लोक अभियोजक सतीश त्रिपाठी

अपर लोक अभियोजक सतीश त्रिपाठी ने हरमुद्दा को बताया कि 5 मार्च 2020 को आरोपी शाहरुख पिता सतार व छोटू पिता सईद   निवासी ग्राम एलची मंदसौर तथा शाहरुख पिता मुन्ना का निवासी ग्राम धुंधडका जिला मंदसौर आरिफ पिता आबिद खान तथा सलीम उर्फ जिन्नू पिता शुकर कुरैशी निवासी जावरा ने  ग्राम दिवेल से शाम 6:30 बजे महेश पिता झब्बालाल  पाटीदार  जो मठ महादेव मंदिर वाले खेत पर ट्रैक्टर से खेत में जुताई कर रहा था। तभी घटनास्थल पर पांच आरोपी गण कार से वहां पहुंचे और महेश पाटीदार पर रिवॉल्वर तान दी थी, उसे जबरदस्ती अपनी कर में बैठा लिया था।

80 लख रुपए फिरौती की हुई मांग

इसके बाद आरोपी  रात्रि 9:30 बजे महेश पाटीदार के पिता झब्बालाल पाटीदार जो अपने जीजा के इलाज के लिए दिल्ली में था को मोबाइल लगाकर 80 लाख रुपए की फिरौती की मांग की। फिरौती की राशि नहीं देने पर महेश पाटीदार की हत्या करने की बात कही थी। झब्बालाल पाटीदार ने दिल्ली से अपने पुत्र दिलीप पाटीदार को इसकी जानकारी दी। इसके बाद सैलाना थाने पर अपहरण का मुकदमा दर्ज किया गया।

पुलिस ने किया आरोपियों को गिरफ्तार

पुलिस ने साइबर सेल की मदद से राजस्थान के  मंडफिया में नाकाबंदी में महेश पाटीदार को दस्तयाब किया था । इसके बाद पुलिस ने आरोपी से पूछताछ की तो उन्होंने रामलाल पिता हीरालाल पाटीदार तथा मुमताज पिता उमराव खान निवासी ग्राम दिवेल द्वारा योजना बनाकर महेश का अपहरण कर फिरौती की मांग करवाई जाने की बात कही। जिस पर पुलिस ने सातों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया। जिस पर न्यायालय ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी तथा 364 , 34 में दोष सिद्ध मानते हुए सभी आरोपियों को आजीवन कारावास एवं दस दस हजार रुपए के जुर्माने से  दंडित किया । प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक सतीश त्रिपाठी द्वारा की गई।

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